शिवसेना कभी अपनी हिंदुत्ववादी विचारधारा के लिए जानी जाती थी, परन्तु ये पार्टी अब बालासाहब के दिखाए मार्ग से पूरी तरह भटक चुकी है, सत्ता के नशे में चूर इसके अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अब हिंदू विरोधी बयान देने लगे हैं। या यूं कहें कि उद्धव ठाकरे भी वामपंथियों की भाषा बोलने लगे हैं। ऐसा हम उनके बयानों और पार्टी के रुख को देखते हुए कह रहे हैं। अब उन्होंने भी ‘गोमूत्र और गोबर’ का इस्तेमाल कर हिन्दू धर्म को अपमानित करने का प्रयास किया है। स्पष्ट है कि हिंदुत्व को छोड़ सेक्युलर बन चुकी शिवसेना अब खुलेआम हिन्दू धर्म का अपमान करने लगी है।
So called Ram Bhakt Uddhav Thackeray taking Gaumutra Jibes at BJP
Now wear scull cap, remove your tika & change your saffron flag to Green @OfficeofUT 👌
pic.twitter.com/4o7qIF0nzd— BALA (@erbmjha) October 25, 2020
हिंदुत्व के नाम पर प्रतिदिन बीजेपी की आलोचना करने वाले शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अब और निचले स्तर की घिनौनी राजनीति पर उतर आए हैं। दरअसल, दशहरा मेला को होने वाली शिवसेना की रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘जो लोग हमारी सरकार को महत्वाकांक्षी बताते हैं। असल में वो अपने मुंह में गोमूत्र और दिमाग में गोबर भरे हुए हैं। अपना वही गोबर ये लोग मुझ पर फेंकने की कोशिश कर रहे हैं। वो ये गोबर हमसे चिपकाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हम इससे बचे हुए हैं और एकदम स्वच्छ हैं। इन लोगों के पास वही गोबर और गोमूत्र है इसलिए ये लोग इस तरह की बातें करतें हैं’।
उद्धव ठाकरे जब बीजेपी के साथ थे तब गोमूत्र और गोबर को लेकर उनके विचार कुछ ऐसे नहीं थे, लेकिन अब उनके रंग बदल चुके हैं। महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बनाने के बाद उद्धव ठाकरे अब हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने के चक्कर में अपने लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। पहले तो उन्होंने बालासाहेब ठाकरे के वचन से इतर जाकर कांग्रेस से गठबंधन किया और अब वो हिंदुत्व विरोधी बयान देने लगे हैं। उद्धव ठाकरे ने किस प्रकार सेक्युलर का चोला ओढ़ रखा है वो उनके अयोध्या के दौरे के रद्द किये जाने से ही पता चलता है। कुछ ऐसा ही उन्होंने इस बार दशहरे पर भी किया है जो कि उनके लिए आगे चलकर मुसीबतें खड़ी करेगा।
ये अपने आप में बेहद ही आश्चर्यजनक बात है कि जिस बाला साहेब ठाकरे के विचारों को लोग हिंदुत्व के प्रणेता के रूप में जानते हैं, उनका सुपुत्र हिंदुत्व के प्रतीकों और गोवंश से जुड़ी चीजों का मजाक उड़ा रहा है। उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की कुर्सी के लिए न केवल भाजपा का साथ छोड़ दिया है, बल्कि हिंदुत्व के एजेंडे को भी तिलांजलि दे दी है। एनसीपी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर सत्ता की मलाई खाने वाले उद्धव ठाकरे अब उन दोनों की तरह ही सेक्युलरिज्म का चोला ओढ़ चुके हैं, और भगवा चोला बक्से में रखकर उस बक्से का पता भूल चुके हैं।
ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे बीजेपी का विरोध करने में इतने खो गये हैं कि अपने पिता के सिद्धांतों को भूल गये हैं। इससे पहले नागरिकता कानून का भी लोकसभा में समर्थन और राज्यसभा में विरोध कर उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना ने दिखा दिया है कि असल में दोगलेपन की पराकाष्ठाओं को पार कर चुके हैं। महाराष्ट्र में मंदिरों को खोलने को लेकर पहले ही उद्धव की राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से काफी बहस हो चुकी है। हिंदुत्व को लेकर कोश्यारी का लताड़ना हो या अमर्यादित जवाब देना, उद्धव ठाकरे अपनी और पार्टी की भद्द पिटवाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे।
ऐसे में दशहरे के उपलक्ष्य में एक बार फिर गौवंश के नाम पर हिंदुत्व को गाली देकर शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने जता दिया है कि उन्हें अब हिंदुत्व से कोई खास मतलब नहीं रहा। अपने पिता के सिद्धांतों को किनारे करने के साथ ही सेक्युलरिज्म के लिए कांग्रेस और एनसीपी को अपना आवेदन दे दिया है।