किसानों को लेकर देश की मोदी सरकार लगातार नए बदलावों के साथ कड़े फैसले ले रही है। इसी कड़ी में मोदी सरकार ने स्वामित्व योजना का खाका तैयार किया है इसके चलते किसानों और ग्रामीण इलाकों में रहने वालों के पास अपनी जमीन का प्रमाण औऱ मालिकाना हक होगा। वो इसके जरिए अपने अन्य व्यापार को बढ़ाने के लिए आसानी से लोन ले सकते हैं। विपक्ष द्वारा किसान विरोधी घोषित मोदी सरकार के इस कदम को एक बड़े सुधार के तौर पर देखा जा रहा है जो कि आने वाले समय में किसानों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद हो सकती है।
दरअसल, पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की है। जिसके तहत देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा और उनकी संपत्ति का एक स्थाई रिकार्ड रखा जाएगा। उन लोगों की जमीन रजिस्टर्ड होगी। इन सभी कार्यों के लिए सरकार तकनीक का सहारा लेगी और ड्रोन के जरिए ग्रामीणों की जमीन की मैपिंग की जाएगी और इसके बाद जमीन की मैपिंग खत्म होने पर ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा।
गांवो में अधिकतर लोगों के पास अपनी संपत्ति का कोई रिकार्ड नहीं है। ऐसे में अक्सर उनकी जमीन विवादों में घिर जाती है। इसलिए ग्रामीणों को सरकार की इस योजना का लाभ मिलेगा क्योंकि इसके मालिकाना हक के जरिए उनके पास शहरी जमीन की तरह ही लोन लेने की सुविधा होगी और वो यदि खेती के अलावा गांव में ही कोई अन्य रोजगार करना चाहते हैं तो उन्हें इन कामों में सहूलियत होगी। जिसके चलते गांव से पलायन की संभावनाएं कम होंगी।
इसके अलावा सरकार जब इनको मालिकाना हक दे देगी और फिर उनसे शहरी इलाकों की नीति की तरह ही टैक्स भी वसूलेगी जिसके जरिए ग्रामीण इलाकों के विकास में इस योजना का महत्व अहम हो जाएगा। यही नहीं इस योजना के बाद सारा लेखा-जोखा ऑनलाइन हो जाएगा। इसका सारा ब्योरा ई-स्वराज पोर्टल पर होगा और ग्रामीणों को इसके तहत एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। महत्वपूर्ण बात ये भी है कि इस योजना के लिए लोगों को किसी भी तरह के सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने होंगे सारा काम ऑनलाइन ही किया जा सकता है जो कि भ्रष्टाचार की संभावनाओं का भी अंत करेगा।
ग्रामीण क्षेत्र की अधिकतर जमीनों पर विवाद की स्थिति आते रहती है। इसको लेकर देश की अदालतों में लाखों केस लंबित है। इस योजना के बाद कोई नया विवाद नहीं खड़ा होगा और इस कारण अदालतों से इन मामलों का भार कम होगा।
गौरतलब है कि मोदी सरकार की ये योजना अभी देश के 6 राज्यों यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरु कर दी गई है और इसकी सफलता के आधार पर मोदी सरकार इसका दायरा बढ़ाएगी। मोदी सरकार की इस स्कीम को लेकर देश के ग्रामीण इलाकों में सकारात्मक रुख है। ग्रामीणों को सहूलियत होगी तो वहीं विवादों के अंत साथ रेवेन्यू की बढ़त होना सरकार को भी लाभ ही पहुंचाएगी। मोदी सरकार लगातार ग्रामीण इलाकों को विकास कार्यो से लेकर ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने का काम कर रही है जिसके जरिए ग्रामीणों को शहर की ओऱ पलायन न करना पड़े औऱ शहरी सुविधाओं का लाभ भी उन्हें आसानी से मिल सके। सरकार की स्वामित्व योजना भी इसी दिशा में बढ़ाया गया एक सकारात्मक कदम है जिसे एक बड़े रिफॉर्म के तौर पर देखा जा सकता है।