AM अरुण की रहस्यमयी मौत: क्या वासन आई केयर फाउंडेशन कार्ति के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का अड्डा था?

अरुण

मौत तो कभी भी – किसी की भी हो सकती है लेकिन जब मामला राजनीतिक हो जाता है तो शक लाजमी है। कुछ ऐसा ही केस वासन आई केयर के संस्थापक डा. ए. एम.अरुण का भी है जिनकी मौत पिछले हफ्ते ही हुई है उनके पूरे देश में नेत्रों और डेंटल चिकित्सा से जुड़े अनेको संस्थान हैं। उनकी मौत कथित तौर पर एक कार्डियक अरेस्ट से बताई जा रही है। अरुण की मौत को लेकर पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम पर भी लोगों की नजर है, क्योंकि अरुण के बिजनेस के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप कार्ति पर पहले ही लग चुके हैं, पूरे मामले की जांच जारी है और इसी बीच वासन के मालिक की मौत संशय और कनेक्शन पैदा करने पर मजबूर करती है।

तमिलनाडु के वासन आई केयर के फाउंडर 51 वर्षीय एम.एम. अरुण की कार्डियक अरेस्ट के चलते मौत बताई जा रही है। पोस्ट मार्टम की जांच में तो इसकी पुष्टि हुई है, लेकिन परिजनों को इस मौत पर संशय है जिसके कारण उन्होंने मामला पुलिस स्टेशन में भी दर्ज कराया है। पुलिस परिजनों की शिकायत के आधार पर जांच में जुटी हुई है। पुलिस इस मामले को आत्महत्या नहीं मान रही है उसके अधिकारियों का कहना है कि उनके पहुंचने पर अरुण अवाक अवस्था में थे। फिलहाल, पुलिस जांच कर रही है, साथ ही इस जांच के दायरे में कांग्रेस का चिदंबरम घराना भी आ सकता है।

गौरतलब है कि अरुण कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम के काफी नजदीकी मित्रों में से थे। कार्ति चिंदबरम के मनी लॉन्ड्रिंग वाले मामले में ये आरोप भी है कि अरुण के इतने बड़े साम्राज्य के जरिए ही वो अपना काला धन मुख्य धारा में लाते थे। आयकर विभाग के अधिकारी पहले भी कई बार ए एम अरुण के घर पर छापा मार चुके हैं ऐसे में कार्ति के केस के कारण अरुण भी शक के घेरे में था

वहीं, एस गुरुमूर्ति नाम के एक चार्टेड एकाउंटेंट ने 2015 के इंडियन एक्सप्रेस के अपने एक लेख में दावा किया था कि कार्ति के पैसे का अरुण से कनेक्शन है और उसने अपना पैसा वासन आई केयर में निवेश भी किया है। दावे ये भी हैं कि वासन आई केयर में चिदंबरम परिवार का 233 करोड़ रुपए का काला धन मॉरीशस के जरिए निवेश किया गया है और इस संस्थान के असल मालिक यही लोग हैं।

कार्ति चिदंबरम ने अरुण की मौत पर दुख ज़ाहिर किया और कहा कि एक ऐसा शख्स जिसने अपनी कल्पना को साकार करते हुए इतनी बड़ी कंपनी बनाई और लोगों की मदद की, अब वो हमारे बीच नहीं हैं। अपने ट्वीट में कार्ति ने उनकी आत्मा की शांति की बात करते हुए खुद को अचंभित बताया है। गौरतलब है कि चिदंबरम के वित्तीय धोखाधड़ी का खुलासा करने वाली ऑनलाइन संस्था PGurus ने अपने एक लेख में खुलासा किया कि वासन आई केयर के शेयरों की खरीदारी और रिश्वत के लिए आईएनएक्स मीडिया का इस्तेमाल किया गया था।

इस लेख में बताया गया कि स्पेशल अजय कुमार कुहर के समक्ष दायर चार्जशीट में लेखा जोखा है कि कार्ति की कंपनी ने किस तरह से वासन आई केयर के शेयर रिश्वत के तौर पर खरीदे और फिर उससे करोड़ों का लाभ लिया। अरुण की मौत ऐसे वक्त में हुई है जब चिदंबरम के खिलाफ जांच एजेंसियों ने अपनी पकड़ मजबूत कर रखी है, जिस कारण ये संदिग्ध हो जाती है और अनेकों पत्रकार भी इसको लेकर बात कर रहे हैं कि ये किसी घोटाले समेत बड़ी साज़िश की ओर इशारा करता है।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक सरकार पर एक दबाव भी है और चुनौती भी कि वो इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाएं जिससे मौत के प्राकृतिक या अप्राकृतिक कारणों का विस्तृत खुलासा हो सके।

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