कुछ समय पहले वैश्विक स्तर पर भारत के लिए कहा जाता था कि वो एक पिछड़ा देश है। साथ ही भारत की संस्कृति का भी विदेशियों द्वारा मजाक बनाया जाता था, लेकिन आज के दौर की स्थिति बिल्कुल ही बदलती जा रही हैं। एक समय तक भारत के आलोचक रहे देश ही अब उसके सबसे बड़े त्योहार दिवाली को सैलिब्रेट करने की बात कर रहे हैं। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं जो दिखाता है कि वैश्विक स्तर पर भारत का कद आज के समय में कितना ज्यादा ऊंचा हो गया है कि ये देश उसकी संस्कृति को अपनाने में गर्व महसूस कर रहे हैं।
भारत के सबसे बड़े और लोकप्रिय त्योहार दिवाली को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि इस बार वो दिवाली सेलिब्रेट करेंगे। उन्होंने दिवाली और भगवान राम का जिक्र किया है, जो काफी दिलचस्प है। उन्होंने अपने एक बयान में कहा, जिस तरह भगवान राम ने रावण को मारा था, और वो अपनी पत्नी देवी सीता को वापस लेकर अपने भाई के साथ अयोध्या लौट आए थे, और फिर दिवाली मनाई गई थी। ठीक उसी तरह हम भी कोरोना को खत्म करके इस बार दिवाली मनाएंगे।
ये अपने आप में काफी अनोखी बात है कि बोरिस जॉनसन दिवाली और भगवान राम का जिक्र इतने सार्थक रूप में करते हुए उसे सेलिब्रेट करने की बात कर रहे हैं। अपने बयान के दौरान, उन्होंने भारतीयों के प्रति अपना सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा कि जो भारतीय समुदाय के लोग इस कोरोना काल में वर्चुअल तरीके से दिवाली मना रहे हैं वो तारीफ के हकदार हैं। इसके साथ ही भगवान राम से प्रेरणा लेने की उनकी बात काफी हद तक भारत के प्रति ब्रिटेन के झुकाव का संदेश देती है।
चीन के पड़ोसी देश ताइवान की भारत के साथ बढ़ती नज़दीकियों के बीच ताइवान ने भी अपने यहां दिवाली मनाने की बात की है जो कि चीन के लिए किसी तगड़े-झटके से कम नहीं है। ताइवन दिवाली के आयोजन की तैयारियों में जुट गया है। वहां की राजधानी ताइपे में मेगा दिवाली समारोह मनाने की तैयारियां की जा रही हैं। ताइवान में ताइपे इंडिया म्यूजिक एण्ड कल्चर के साथ मिलकर भारतीयों ने दिवाली मनाने की तैयारियां कर ली हैं। इसके साथ ही यहां के वज़ीरे खारजा भी इस आयोजन में शिरकत करेंगे। गौरतलब है कि भारत का ताइवान के नजदीक दिखना चीन को बिल्कुल पसंद नहीं आता है। ऐसे में ताइवान का दिवाली मनाने की बात करना चीन के लिए पहाड़ टूटने की तरह ही है।
गौरतलब है कि इस बार ताइवान और ब्रिटेन दिवाली मनाने की बात कर रहे हैं लेकिन अमेरिका इन से दो कदम आगे ही है। अमेरिका में पिछले साल ही दिवाली मनाई गई थी। खास बात ये है कि ये किसी आम अमेरिकी शहर या स्टेडियम में नहीं बल्कि देश के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के घर व्हाइट हाइस में मनाई गई थी और उस दौरान पूजा भी हुई थी जो कि भारतीय संस्कृति के लिए एक सकारात्मक रुख था।
भारतीय संस्कृति और भगवान राम के प्रति भक्ति भाव दक्षिण एशिया के चंद ही देशों में देखने को मिलता था, लेकिन जब किसी देश का नेतृत्वकर्ता मजबूत हो तो उसकी संस्कृति को चौतरफा सम्मान मिलता है। दिवाली इस का उदाहरण है। ब्रिटेन, ताइवान का दिवाली मनाने की घोषणा करना इसका परिचायक है। भले ही डॉनल्ड ट्रंप अब व्हाइट हाउस में नहीं होंगे लेकिन संभावनाएं है कि दिवाली मनाने की परंपरा को अगले राष्ट्रपति जो बाइडेन भी आगे ले जाएगें। जो भारतीय संस्कृति को मजबूत करने के साथ ही एक इशारा भी होगा कि भारत का कद अब वैश्विक स्तर पर पहले से कहीं ज्यादा बड़ा और विश्वसनीय हो गया है और ये भविष्य में पहले से कई गुना अधिक मजबूत होगा।