बिहार की राजनीति में बीजेपी के पास एक ऐसा नेता है जो बिहार में बीजेपी का पहला सीएम नहीं बनने दे रहा है। उस एक शख्स का नाम है सुशील मोदी। इनके कारण बीजेपी हमेशा ही बिहार में नंबर दो रही है, क्योंकि इन्हें बस उप-मुख्यमंत्री पद की कुर्सी और नीतीश कुमार की चाटुकारिता करने में मजा आता है और ये अगले पांच सालों के लिए फिर वही भूमिका निभाने के लिए तैयार बैठे हैं, जिससे बीजेपी का सीएम बनने में एक बार फिर रुकावट आ गई है। इसलिए बीजेपी के लिए पहला कदम तो यही होना चाहिए कि उनकी चाटुकारिता पर लगाम लगाते हुए उन्हें मार्गदर्शक मंडल में डाल देना चाहिए।
बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए गठबंधन में बीजेपी को जेडीयू से ज्यादा सीटें मिली हैं। बीजेपी जहां 74 पर जीत कर गठबंधन को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका में सामने आई है, तो वहीं जेडीयू ने 42 सीटें ही अपना खाते में जोड़ी हैं। ऐसे में ये मांग उठने लगी है कि अब बिहार में जेडीयू को बैकसीट पर भेजते हुए सरकार का नेतृत्व बीजेपी के सीएम द्वारा होना चाहिए। इस मुद्दे पर बीजेपी के कई नेता अंदरखाने बोलने भी लगे हैं, लेकिन बीजेपी के ही नेता और बिहार के उप-मुख्यमंत्री का लगाव नीतीश से कम नहीं हो रहा है और ये बीजेपी के लिए एक मुसीबत का सबब है।
नीतीश के सीएम बनने को लेकर आ रहे अलग-अलग बयानों पर सुशील मोदी ने कहा, “बिहार के अगले सीएम नीतीश कुमार ही होंगे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि वो उनकी पार्टी कम सीटें लाई है या हमारी ज्यादा। हम बराबर के भागीदार हैं। इसलिए वो ही सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे, इस बात में किसी भी प्रकार को कोई भ्रम नहीं है, और जिसको है तो गलत है।”
सुशील मोदी के इस बयान से बीजेपी के नेता और वो समर्थक काफी परेशान और झुंझला गए हैं, जो बिहार में बीजेपी का सीएम चाहते हैं। उन्हें इस बयान के बाद बीजेपी के इस नेता से नफरत तक होने लगी है। अंदरखाने पार्टी के इन नेताओं का तर्क है कि बिहार में नीतीश को कोई पसंद नहीं कर रहा था। एनडीए की जीत केवल बीजेपी और प्रधानमंत्री के चेहरे के आधार पर हुई है। इसलिए गठबंधन में बड़ा भाई होने के नाते अब बीजेपी का ही बिहार में सीएम होना चाहिए।
सुशील मोदी पिछले लगभग 12 सालों से एनडीए गठबंधन की सत्ता मे डिप्टी सीएम की कुर्सी पर हैं। ऐसे में बीजेपी से ज्यादा अब उन्हें नीतीश से प्रेम है। हम आपको अपनी एक रिपोर्ट में भी बता चुके हैं कि बिहार में जब तक सुशील मोदी हैं, तब तक बीजेपी का कोई सीएम बन ही नहीं सकता, क्योंकि सुशील मोदी नीतीश के लिए गठबंधन में सुरक्षा कवच का काम करते हैं। उनकी यही नीतीश की गुलामी अब बीजेपी के लिए नुकसानदायक साबित हो रही हैं।
बीजेपी के कई बड़े नेता अब नीतीश के जाने की बात करने लगे हैं, जिनमें गिरिराज सिंह से लेकर अश्विनी चौबे का नाम शामिल है, ये लोग बीजेपी के सीएम की मांग भी करने लगे हैं। इन सबसे से इतर नीतीश के असिस्टेंट बन चुके सुशील मोदी अब बीजेपी के लिए एक खतरा बन गए हैं।
सुशील मोदी की इस गुलाम वाली प्रवृत्ति को देखते हुए ही अब बीजेपी में ये कहा जाने लगा है कि अगर बिहार में बीजेपी को अपना मुख्यमंत्री बनाना है तो फिर उसे सुशील मोदी को पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में डाल देना चाहिए।