पूरी दुनिया को कोरोना वायरस की महामारी देने वाले चीन का भारत से पिछले 6 महीने से लद्दाख सीमा पर विवाद चल रहा है। हमारे 20 जवान तक चीनी सैनिकों ने शहीद कर दिए थे, जिसके चलते देश में चीन के खिलाफ आक्रोश की लहर हैं। ऐसे में सीमा पर तो चीन को भारतीय सेना जवाब दे ही रही है लेकिन आर्थिक मोर्चे पर भारतीय जनता भी इस दिवाली चीन का दिवाला निकालने को तैयार है। चीनी इलेक्ट्रॉनिक सामानों को बायकॉट करने के चलते देश में पहली बार बिना चाइनीज रोशनी के दिवाली मनेगी, जो कि देश के लिए एक बड़ी सफलता होगी।
दिवाली को लेकर तैयारियां शुरु हो गई हैं लेकिन इस बार बड़ी बात ये हैं भारत दिवाली मनाएगा, और चीनी व्यापारी अपना सिर पीटेंगे। दोनों देशों की तनातनी के बीच भारतीय नागरिकों ने मन बना लिया है कि वो इस बार चीन की किसी भी वस्तु का दिवाली पर इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसके एवज में सभी लोग प्रधानमंत्री की ‘वोकल फॉर लोकल’ नीति के तहत भारतीयों द्वारा निर्मित चीजों से ही दिवाली का जश्न मनाएंगे। इससे चीन को भारत से होने वाला फायदा इस बार उसके लिए नुकसान साबित होगा और दीयों से लेकर सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाले लोकल निर्माताओं को फायदा होगा।
इस मसले पर मुंबई के एक दुकानदार ने कहा, भारतीय जनता इस बार किसी भी तरह के चाइनीज सामानों को प्रयोग नहीं करना चाहती है। इसलिए हम लोग सारी लोकल चीजें ही बेंच रहे हैं। इस तरह के फैसले के बाद देश में लोकल निर्माताओं को फायदा होगा और उनके लिए रोजगार के नए अवसर होंगे।
Mumbai: Shopkeepers selling earthen lamps and decorative items hope to have good business in the current festive season. They say, "Chinese items are being ignored by customers. We will definitely be benefitted by it as we are keeping handmade made in India products in our shop." pic.twitter.com/FH14wkQa5Z
— ANI (@ANI) October 31, 2020
गौरतलब है कि इस बार मुंबई में चीइनीज सामनों की दुकानें दिख ही नहीं रहीं हैं। कुछ ऐसा ही हाल देश के सभी राज्यों का है। दुकानदारों का कहना है, हम इस बार घरों में बने ही दीये बेंच रहे हैं साथ ही जो भी सामान हमारे स्टॉक में हैं वो सब लोकल और मेड इन इंडिया ही है। हमें इस बार पूरे देश के अलग-अलग इलाकों से ऑर्डर मिल रहें हैं।
We've made lamps that used to come from China earlier, their sale is good. We're keeping only handmade made in India products. We get orders from across the country & even from abroad. There should be marketing of our products so that more people know about us: Dilip, shopkeeper https://t.co/XTDOFFw9s1 pic.twitter.com/9ywdhqpDUf
— ANI (@ANI) October 31, 2020
अयोध्या में हर साल सरयू नदी के किनारे योगी सरकार द्वारा जो दीपोत्सव कराया जाता है उसमें प्रतिवर्ष एक नया ही रिकॉर्ड बन रहा है। इस बार भी अयोध्या प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि राम नवमी पर अयोध्या इस वर्ष दीपोत्सव का एक और नया रिकॉर्ड बनाएगी। प्रशासन द्वारा कहा गया है कि अयोध्या में इस बार में सरयू नदी के किनारे 6 लाख दीप प्रज्वलित किए जाएंगे। ये ध्यान देने वाली बात है कि अयोध्या में दीपोत्सव 2017 में राज्य सरकार बदलने के साथ ही शुरु हुआ था, वरना उससे पहले किसी सरकार ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया था।
अयोध्या में केवल दीप प्रज्वलन से अनेको लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है। उसी तरह इस बार पूरा देश ही दीयों की रोशनी में दिवाली मनाएगा। इस एक कदम से ये माना जा रहा है कि वोकल फॉर लोकल की नीति पर इस बार देश के लोगों को रोजगार की दृष्टि से बहुत फायदा होगा, और चीन के लिए ये सबसे मुश्किल वक्त होगा, क्योंकि भारत में दिवाली पर चीन की खूब कमाई होती है।
यूं तो चीन को लेकर हर बार ही दिवाली पर विरोध के सुर छिड़ जाते थे, लेकिन भारतीय व्यापारी पहले ही चीन से सारे सामानों का स्टॉक खरीद लेते थे। ऐसे में जनता के सामान न खरीदने पर चीन को तो फर्क नहीं पड़ता था लेकिन उन व्यापारियों के लिए ये मुसीबत का सबब बन जाता था। भारतीय व्यापारियों को हर दिवाली पर ज्यादा स्टॉक रहने के चलते घाटा होता था लेकिन सबसे अच्छी बात यही है कि इस बार ऐसा कोई भी घाटा होने की संभावना ही नहीं है, इस बार घाटा होगा तो बस चीनी व्यापारियों का।
चीन को लेकर भारत की आम जनता का विरोध अब चीन के लिए आर्थिक रूप से हर ढलते दिन के साथ और अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वोकल फॉर लोकल की नीति अब इस दिवाली पर चीन के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका साबित होने वाली हैं क्योंकि भारत में ये दिवाली… केवल दीये वाली ही होगी।