भारत के गृह मंत्री अमित शाह को ऐसे ही राजनीति में चाणक्य नहीं कहा जाता। अपने एक दौरे से उन्होंने अगले पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी TMC के अंदर भूचाल ला दी है। उनके पश्चिम बंगाल के दौरे के बाद TMC के नेताओं को अंतरात्मा की आवाज खूब सुनाई पड़ रही है यानि अब वे TMC छोड़ने का मन बना रहे हैं। इन नेताओं में TMC में ममता बनर्जी के बाद सबसे बड़ी साख रखने वाले मंत्री शुभेंदु अधिकारी का भी नाम सामने आ रहा है।
दरअसल, भारत के लोकतन्त्र की यही खूबी है कि कभी चुनाव थमता नहीं। बिहार विधानसभा चुनावों के बाद अब सभी की नजर पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले चुनावों पर है। पिछले सप्ताह ही अमित शाह ने पश्चिम बंगाल का दो दिवसीय दौरा किया था, जहां उन्होंने 13 जिलों के नेताओं के साथ एक बैठक की थी। उनके दौरे के बाद से TMC के भीतर उथल-पुथल शुरू हो चुकी है और कई नेता बागी तेवर अपना कर TMC के नेतृत्व को चुनौती दे रहे हैं।
इन बागी नेताओं में मंत्री शुभेंदु अधिकारी का नाम सबसे पहले सामने आ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार वह कल हुई कैबिनेट बैठक में नहीं पहुंचे हैं और राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि ममता बनर्जी की कैबिनेट में मंत्री शुभेंदु अधिकारी TMC से नाता तोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
शुभेंदु के अलावा तीन अन्य मंत्री राजीव बनर्जी, गौतम देब और रवींद्र घोष भी बैठक में नहीं पहुंचे हैं। बता दें कि शुभेंदु अधिकारी ममता सरकार में परिवहन, जल और सिंचाई मंत्री हैं। ये वही नेता हैं जिन्होंने पश्चिम बंगाल के कई जिलों में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी वर्चस्व को न सिर्फ चुनौती दी बल्कि उन्हें उनके गढ़ में हराया।
Suvendu Adhikari joining BJP will be the biggest loss for TMC so far. Even bigger than Mukul Roy crossing over. Suvendu is the tallest mass leader after Mamata in the party. https://t.co/KsCPAczsaU
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) November 12, 2020
शुभेंदु की तरफ से बगावत का पहला कदम पिछले नंदीग्राम में देखने को मिला, जब उन्होंने टीएमसी से अलग रैली कर ममता को खुली चुनौती दी। वहीं रैली के आखिर में वह भारत माता की जय के नारे लगाते भी नजर आए।
गृह मंत्री के दौरे के बाद से ही पश्चिम बंगाल की सियासत गर्म दिख रही है। शुभेंदु अधिकारी के साथ साथ कई अन्य नेता भी अगर टीएमसी का साथ छोड़ते हैं तो यह ममता बनर्जी के लिए चुनावों से पहले एक बड़ा झटका इसलिए भी होगा, क्योंकि शुभेंदु का कई सीटों पर प्रभाव दिखता है। ऐसा लगता है कि अभी अमित शाह के दौरे के बाद TMC ताश के पत्तों की तरह ढहने के कगार पर पहुंच चुकी है।