विराट कोहली ने अपने Fans से पटाखें न फोड़ने को कहा, फिर जनता ने उनकी Hypocrisy को एक्सपोज कर दिया

विराट कोहली भी अब मौसमी एक्टिविस्टों की टोली में शामिल हो गये हैं

दीपावली

हमारे मौसमी एक्टिविस्टों की बात ही निराली है। सारा आत्मबोध तभी होता है जब कोई सनातनी त्योहार निकट हो, और खुद चाहे अपनी विलासिता में कितना भी प्रदूषण फैलाए, लेकिन दीपावली पर ज्ञान तो ऐसे देंगे मानो इनसे बड़ा धरती रक्षक दुनिया में कोई पैदा ही नहीं हुआ। एक बार फिर इन मौसमी एक्टिविस्टों की बहार आ गई और दीपावली पर इन्होंने जमकर उपदेश दिया। इसमें सबसे आगे रहे विराट कोहली।

उससे पहले, उदाहरण के लिए तनिष्क के वर्तमान एड को ही देख लीजिए। लगता है एड निर्माताओं ने पुराने एड पर मिली धुआंधार गलियों से कोई सीख नहीं ली है। तभी उन्होंने बॉलीवुड के कुछ चर्चित हस्तियों के साथ एक बार फिर एक भड़काऊ एड बनाया, जहां उन्होंने इस बार पर विशेष जोर दिया कि क्यों दीपावली पर पटाखे नहीं जलाने चाहिए।

हालांकि, इस एड को भारी विरोध के चलते हटा लिया गया, परंतु ये तो बस शुरुआत थी। नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने बिना सोचे समझे पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का तुगलकी फरमान क्या सुनाया, मानो एनजीओ छाप सेलेब्रिटीज़ को एक बार फिर अपना मौसमी ज्ञान बाँचने का सुनहरा अवसर मिल गया। खुद अपनी एसयूवी से चाहे जितना धुआँ छोड़े, पर इनके लिए दीपावली पर पटाखे न फोड़ने पर ज्ञान बांचना बेहद आवश्यक है। इनमें सबसे अग्रणी रहे भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान कप्तान विराट कोहली, जिनके दिवाली पर मौसमी उपदेश ने उन्हे हंसी का पात्र बनाके छोड़ा।

एक वीडियो मैसेज शेयर करते हुए विराट कोहली बोले, “मेरी तरफ से आप सभी के परिवारों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएँ! याद रखें कि पटाखे न फोड़ें, पर्यावरण की रक्षा करें और घर पर अपने प्रियजनों के साथ खूब खुश रहें। ईश्वर आप पर कृपा बनाएँ रखे।”

लेकिन कप्तान विराट कोहली का यह दिखावटी उपदेश किसी को नहीं भाया और मानो ऐसे मौसमी एक्टिविस्टों और NGT के फरमानों को ठेंगा दिखाते हुए देशभर में जमकर पटाखे फोड़े गए, मानो इस साम्राज्यवादी मानसिकता के विरोध में सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया गया हो।

इसके बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जो कोहली केवल अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य में दुबई में पटाखे छुड़वा रहे हों, वो और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा भला दीपावली पर उपदेश देने वाले होते कौन हैं?

जिस काम के लिए प्रियंका चोपड़ा, ऋचा चड्ढा और सोनम कपूर आहूजा जैसे सेलेब्रिटीज़ बदनाम थे, उस काम को फिर से बॉलीवुड का एनजीओ गिरोह बढ़ावा दे रहा है। उदाहरण के लिए जहां श्रद्धा कपूर ने अपनी इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालते हुए लिखा, “आइए इस दिवाली शोर के विरुद्ध आवाज उठाएँ”, तो वहीं मिलिंद सोमन ने पटाखों का विरोध करने वालों की तुलना वैक्सीन के विरोध से की”।

विराट कोहली अब उन मौसमी एक्टिविस्टों की टोली में शामिल हो गए हैं, जिनकी आत्मा हमेशा दीपावली या होली पर ही ज्ञान बाँचने को जागृत होती है। ऐसे लोगों के दोहरे मापदंडों से जनता को सीख लेनी चाहिए, और इनकी हर बात पर आँख मूंदकर विश्वास तो कतई नहीं करना चाहिए, अन्यथा देश की प्रगति और समाज के लिए यह प्रवृत्ति बहुत हानिकारक सिद्ध होगी।

 

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