जब बात उद्योग को अपने राज्य में आकर्षित करने की हो, तो योगी आदित्यनाथ का कोई सानी नहीं। वुहान वायरस जैसे विकट महामारी में भी उत्तर प्रदेश सरकार ने निवेश और रोजगार के लिए अनेक अवसर खोज निकाले और अब मनोरंजन उद्योग से निवेश आकर्षित करने हेतु योगी आदित्यनाथ मुंबई दौरे पर हैं।
दरअसल,अभी योगी आदित्यनाथ मुंबई दौरे पर हैं, जहां वह विभिन्न उद्योगों से प्रदेश में निवेश आकर्षित करने का प्रयास करेंगे। लेकिन उनकी सबसे महत्वपूर्ण बैठक मनोरंजन उद्योग, और प्रमुख तौर पर बॉलीवुड उद्योग से होगी। सूत्रों के अनुसार, अपनी मुंबई यात्रा के दूसरे भाग के दौरान, वह यूपी में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए फिल्म उद्योग की मशहूर हस्तियों से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में अभिनेता रणदीप हुड्डा, जिम्मी शेरगिल, सुभाष घई, राजकुमार संतोषी, बोनी कपूर, भूषण कुमार, नीरज पाठक, तिग्मांशु धूलिया, तरण आदर्श और कोमल नाहटा जैसे दिग्गज शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा गोरखपुर के सांसद और अभिनेता रवि किशन भी बैठक का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। इसके लिए उन्होंने मंगलवार को देर शाम उन्होंने बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार से मुलाकात की। इसके बाद जाने-माने सिंगर कैलाश खेर भी सीएम योगी से मिलने के लिए पहुंचे थे।
बता दें कि इससे पहले, योगी आदित्यनाथ सरकार ने सितंबर में लखनऊ में बॉलीवुड हस्तियों के साथ बैठक की थी। बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि नोएडा में एक भव्य फिल्म सिटी तैयार होगी, जो उत्तर प्रदेश को न केवल एक आदर्श फिल्म निर्माण राज्य के रूप में स्थापित करेगी, अपितु बॉलीवुड के लिए एक शानदार विकल्प भी होगी।
लेकिन ये मत समझिए कि योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य केवल इतना ही है। दरअसल, योगी आदित्यनाथ द्वारा फिल्म सिटी के प्लान जैसे ही सार्वजनिक हुए, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथ पाँव फूल गए, और उन्होंने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बॉलीवुड को कोई भी महाराष्ट्र से नहीं उठा ले जा सकता है।
उद्धव ठाकरे के बयान के अनुसार, “मुंबई से बॉलीवुड को खत्म करने या शिफ्ट करने के लिए जिस तरह से प्रयास किए जा रहे हैं, उसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।” लेकिन ऐसा कहकर मानो उद्धव ठाकरे ने योगी आदित्यनाथ को खुलेआम चुनौती ही दे दी, और योगी आदित्यनाथ के बारे में ये बात बहुत प्रसिद्ध है कि यदि कोई उन्हे चुनौती देते हैं, तो वे न सिर्फ उसे स्वीकार करते हैं बल्कि उसे पूरा करके भी दिखाते हैं।
जब योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया, तो इस निर्णय का खूब उपहास उड़ाया गया, और ये भी कहा गया कि राज्य संभालना एक ‘बाबा’ के बस की बात नहीं। लेकिन 3 वर्ष के अंदर अंदर योगी आदित्यनाथ ने सबको गलत सिद्ध कर दिया। आज कानून व्यवस्था के लिहाज से उत्तर प्रदेश न सिर्फ बहुत तेजी से सुधार कर रहा है, अपितु निवेश की दृष्टि से वह अब भारत के सबसे लोकप्रिय राज्यों में शुमार हो रहा है।
अब जब उद्धव ठाकरे ने योगी को बॉलीवुड का गढ़ उत्तर प्रदेश बनाने की चुनौती दे ही दी है, तो उन्होंने ठान लिया है कि इसे पूरा करके ही रहेंगे। जब उत्तर प्रदेश में मनोरंजन उद्योग का निवेश होगा, तो न केवल उत्तर प्रदेश का कायाकल्प होगा, अपितु बॉलीवुड को एक सशक्त और असरदार विकल्प भी मिलेगा, जिससे नुकसान उद्धव ठाकरे के साथ साथ महाराष्ट्र का भी होगा।