Amazon Kindle पर हिन्दू महिला विरोधी रेप-वासना संबन्धित कहानियों की भरमार, महिला आयोग ने लिया संज्ञान

Amazon Kindle का 'अश्लील साहित्य'

एमेजॉन Amazon

PC: loksatta

एमेजॉन का विवादों से काफी पुराना नाता रहा है, चाहे वो भारत के बाहर हो या फिर भारत के भीतर। अब एमेजॉन पर आरोप लग रहा कि वह अपने ई बुक सेल यानि ‘किन्डल’ के जरिए महिला विरोधी साहित्य, विशेषकर वह पुस्तकें जो महिलाओं के विरुद्ध दुष्कर्म का महिममंडन कर रहे हैं, उसे प्रचारित करता है।

स्वराज्य मैगजीन की पत्रकार स्वाती गोयल शर्मा ने इस मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए हाल ही में ट्वीट किया, “इन दिनों एमेजॉन पर कई ऐसी ई बुक्स हैं, जो अश्लीलता को बढ़ावा दे रही हैं। इन किताबों में दुष्कर्म का भी महिमामंडन किया है, विशेषकर उन मामलों में, जहां पर कथा का मुख्य नायक मुस्लिम हो और नायिका हिन्दू हो, और इसी प्रकार से पुस्तकों के कवर भी लगाए गए हैं”।

इस पर आगे प्रकाश डालते हुए स्वाती शर्मा ट्वीट करती हैं, “इन पुस्तकों के लेखकों के जो नाम हैं, जैसे नीलिमा स्टीवेंस, परवीश सिंह, सुनीता सरन, ये भी असली नहीं प्रतीत होते। ऐसे लोग एमेजॉन की डायरेक्ट पब्लिशिंग सर्विस का दुरुपयोग करते हैं, जिससे कोई भी एमेजॉन पर अकाउंट बनाकर अपने आप अपनी किताब पब्लिश करवा सकता है”।

इसी पर स्वाती गोयल शर्मा ने निवेदन किया था कि राष्ट्रीय महिला आयोग इस मामले का संज्ञान ले। इस पर जवाब देते हुए NCW ने ट्वीट किया, “राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए एमेजॉन इंडिया को पत्र भी लिखा है। अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पत्र में आवेदन किया है कि ऐसे किसी भी कॉन्टेन्ट को बढ़ावा न दिया जाए, जिसमें महिलाओं के विरुद्ध किसी भी अपराध का समर्थन हो”।

इस पत्र में रेखा शर्मा ने बतौर अध्यक्ष स्पष्ट लिखा, “राष्ट्रीय महिला आयोग ने हाल ही में एक ट्विटर पोस्ट देखी है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि एमेजॉन के किन्डल ई बुक स्टोर पर ऐसी ई बुक्स उपलब्ध हैं, जो पॉर्न को बढ़ावा देती है, और दुष्कर्म का महिमामंडन भी करती हैं। अपने नियमावली का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ऐसे किसी भी कॉन्टेन्ट को बढ़ावा नहीं देने देगी, जो महिलाओं के सुरक्षा और उनके सम्मान के विपरीत हो, और राष्ट्रीय महिला आयोग एक्ट 1990 का उल्लंघन करे”।

इसके अलावा रेखा शर्मा ने पत्र में ये भी लिखा, “इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग का निवेदन है कि एमेजॉन इंडिया तुरंत ऐसे निर्णय ले, जिससे इस प्रकार का भड़काऊ और अश्लील साहित्य तत्काल प्रभाव से इस साइट से हटाया जाए”।

अब एमेजॉन पर इस तरह का अश्लील कॉन्टेन्ट मिलना कोई नई बात नहीं है। ये ई कॉमर्स वेबसाइट कई बार हिन्दू विरोधी सामान, और भारतीय तिरंगे का अपमान वाले सामानों को बेचने के लिए विवादों के घेरे में आ चुका है।

इसके अलावा अभी कुछ ही हफ्तों पहले एमेजॉन तब विवादों के घेरे में आया, जब उसपर रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच की एक डील में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा, जिसपर रिलायंस का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट हरीश साल्वे ने एमेजॉन पर औपनिवेशिक मानसिकता से काम करने का आरोप लगाया था। हालांकि, इस मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट से रिलायंस को फिलहाल के लिए असफलता हाथ लगी है, परंतु यह मामला इतनी जल्दी तो ठंडा नहीं पड़ने वाला।

ऐसे में अब एमेजॉन द्वारा लव जिहाद और दुष्कर्म को बढ़ावा देने वाले कॉन्टेन्ट की बात का खुलासा होने से आने वाले समय में एमेजॉन के लिए बहुत मुसीबतें बढ़नी वाली है, और यदि एमेजॉन समय रहते नहीं चेता, तो जल्द ही उसे चीनी कंपनियों की भांति लेने के देने पड़ जाएंगे।

 

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