देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों का विश्वास दिखना कोई नई बात नहीं है। सोशल मीडिया और ट्विटर से लेकर अखबार इससे पटे रहते हैं, लेकिन इस बार एक अनोखा मामला सामने आया है जहां एक 85 वर्ष की दादी अपनी सारी संपत्ति प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर करना चाहतीं हैं क्योंकि उन्हें पीएम की योजनाओं का बहुत लाभ हुआ है। एक ये दादी हैं जो पीएम के समर्थन में अपनी सारी संपत्ति उनको दे रहीं हैं, तो दूसरी ओर एक शाहीन बाग वाली दादी हैं, जो लोगों को देश के खिलाफ बोल के अराजकता फैलाती हैं। उनके आंदोलन में छोटे-छोटे बच्चों पीएम मोदी ओर गृहमंत्री अमित शाह की कब्र खोदने की बात करते हैं।
दरअसल, ये मामला उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले का है, जहां की एक 85 वर्षीय बिट्टन देवी नाम की दादी ने अपनी बड़ी इच्छा जाहिर की है, जो लोगों को भावुक पर देगी। बिट्टन देवी चाहती हैं कि उनकी सारी जमीन-जायदाद और संपत्ति देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कर दी जाए। दादी की इच्छा सुनकर मैनपुरी के वकील कृष्ण प्रताप सिंह भी हैरान हैं क्योंकि उन्होंने इससे पहले अपने पूरे करियर में ऐसी कोई बात सुनी ही नहीं थी। दादी को समझा-बुझा कर घर भेजा गया तो उन्होंने वकील को सटीक शब्दों में कह दिया कि वो दो दिन बाद फिर वापस आएंगी।
दादी से जब इस भावुक इच्छा की वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया है कि उनके पति का देहांत हो चुका है। दो बेटे हैं और वो बहुओं पर आश्रित हैं, फिर भी उनकी कोई मदद नहीं की जाती है। उनकी सारी मुश्किलें प्रधानमंत्री द्वारा दी जाने वाली वृद्धा पेंशन योजना से हल हो रहीं हैं। उनके सारे खर्च और दवाईयां उसी से आते हैं। दादी का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें खिला रहे हैं और ख्याल रख रहे हैं इसलिए संपत्ति के असल हकदार वही हैं। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ही वो सारी संपत्ति कर भी देंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं से प्रभावित होने वाला ये कोई पहला किस्सा नहीं है। किसान, पेंशन, जन-धन जैसी योजनाओं के अलावा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से लोगों को सीधा फायदा हुआ है। इसके अलावा पीएम मोदी की उज्ज्वला वाली गैस सिलेंडर और चूल्हे की योजना का लाभ आज भी लोगों को हो रहा है। चुनावी सर्वे में भी हमेशा सामने आता है कि प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं के जरिए सीधे लाभार्थियों से लगाव का अटूट संबंध स्थापित कर लिया है जो कि उन्हें गरीबों का बेहतरीन प्रधानमंत्री बनाता है।
एक दादी हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर अपनी सारी संपत्ति उनके नाम करना चाहतीं हैं, तो दूसरी ओर शाहीन बाग वाली बिल्किस दादी है, जो देश अराजकता फैलाने का पर्याय बन गईं हैं। उनके आयोजित आंदोलन में बच्चों के मुंह से पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की कब्र खोदने की बात सुनने को मिलती हैं, लोग देश विरोधी नारे लगाते हैं। इनके देश विरोधी आंदोलन का असर ये होता है कि इन्हें टाइम मैगजीन की टॉप 100 पावरफुल महिलाओं में शामिल कर लिया जाता है, दादी तो अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो जाती हैं लेकिन वो देश की छवि को बर्बाद करने की जिम्मेदार भी बन जाती हैं। अब यही दादी किसान आंदोलन के दौरान भी एक्टिव हो गईं हैं और किसानों को समर्थन देने के नाम पर अराजकता की एक नई दुकान खोलने की कोशिश में हैं।