अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बनने की कानूनी लड़ाई अब अपने चरम पर पहुंच गई है। जिसमें एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप हैं, तो दूसरी ओर मीडिया द्वारा घोषित निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन हैं। ये दोनों ही 20 जनवरी को होने वाले शपथ समारोह को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। इस कानूनी लड़ाई में अमेरिका के अटॉर्नी जनरल के विरोधाभासी बयान सामने आया है जो कि अभी तक ट्रंप समर्थक माने जाते थे। वो कह रहे हैं कि चुनाव में कोई धोखाधड़ी नहीं हुई थी, न्यायपालिका भी धोखाधड़ी के इस दावे को खारिज कर रहा है।
एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बिल बर्र ने कहा, “न्यायपालिका ने भी यह माना है कि 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ऐसी किसी धोखाधड़ी के सबूत नहीं मिले हैं, जो राष्ट्रपति चुनावों के परिणामों को प्रभावित कर सके। ट्रंप के समर्थक माने जाने वाले अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हमने आज तक ऐसी कोई धोखाधड़ी नहीं देखी जिससे किसी भी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम प्रभावित हों। अटॉर्नी जनरल का यह बयान ट्रंप के लिए किसी बड़े झटके की तरह ही है।
हालांकि, न्याय विभाग के प्रवक्ता ने इसे लेकर सफाई दे दी है। जिसमें प्रवक्ता की तरफ से कहा गया, “कुछ मीडिया आउटलेट्स ने गलत सूचना फैला दी है कि न्याय विभाग ने राष्ट्रपति चुनाव में धोखाधड़ी की अपनी जांच का निष्कर्ष निकाल लिया है और धोखाधड़ी नहीं होने की पुष्टि की है।” उन्होंने इस तरह के किसी भी निष्कर्ष को अभी सिरे से खारिज कर दिया है। विभाग की तरफ से कही गई बात अटॉर्नी जनरल बिल की बात की बिल्कुल भी पुष्टि नहीं कर रहा है। न्याय विभाग की जांच अभी भी जारी है और वो देश के अलग-अलग क्षेत्रों में चुनावी धांधली के आरोपों की जांच कर रहा है और मसलों की सुनवाई भी कर रहा है।
अमेरिकी अटार्नी जनरल बिल बर्र को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का सहयोगी और हितैषी माना जाता है। लोग जानते हैं कि बिल का झुकाव डॉनल्ड ट्रंप की तरफ हमेशा ही ज्यादा रहता है लेकिन बिल ही अब अमेरिकी चुनाव में धांधली और धोखाधड़ी की बातों को नकार रहें हैं जो दिखाता है कि कहीं न कहीं उन्होंने डेमोक्रेट्स के साथ कोई डील कर ली है। उनको लेकर बाइडन भी मजाक बना चुके हैं।
बिल बर्र लगातार बाइडन के विरोध में एक वक्त खूब बयान दे रहे थे। इसलिए यह कहा जाने लगा था कि बाइडन प्रशासन में सबसे पहले बाहर निकाले जाने वाले लोगों में बिल बर्र शामिल होंगे, लेकिन वो अब जो बाइडन के समर्थन में बयान दे रहे हैं। उनके बयान साफ संकेत देते हैं कि अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने वाले जो बाइडन ने अब उन्हें अपना समर्थन दे दिया है। इसलिए वह अपने अटार्नी जनरल के कार्यकाल को लेकर आश्वस्त हो गए हैं।
एबीसी की रिपोर्ट में बताया गया कि बिल की टिप्पणियों के हवाले पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के दौरान धोखाधड़ी और धांधली नहीं हुई है। उनके इस बयान के बाद ट्रंप ने भी बिल से व्हाइट हाउस में मुलाकात की है। वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक यह मुलाकात काफी अहम थी जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप काफी गुस्से में दिखाई दिए और यहां तक कि उन्होंने बिल को पद से हटाने तक की बात भी कही। अपने कार्यकाल को सुरक्षित करने के लिए बाइडेन के समर्थन में बयान देने वाले बिल के लिए ये मुश्किल भरा हो सकता है कि कहीं ट्रंप ही उन्हें अटॉर्नी जनरल के पद से हटा दें।
अटॉर्नी जनरल बिल के बयान पर हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कोई टिप्पणी नहीं की है। उनकी निजी वकील रूडी गिउलिआनी ने कहा, “अटॉर्नी जनरल का सम्मान करते हुए उनके इस बयान को खारिज करते हैं, हम उनसे सहमत नहीं हैं।” दूसरी ओर अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति पद की शपथ कौन लेगा, इसको लेकर अभी भी अनिश्चितता की स्थिति है। राष्ट्रपति ट्रंप अभी भी सत्ता में हैं और ट्रंप जो बाइडेन को अदालती तौर पर पटखनी देने में अगर वो कामयाब होते हैं तो इसमें किसी को आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए।