कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया में उहापोह की स्थिति है। चीन ने अपनी वैक्सीन बनाकर उसका उत्पादन भी शुरू कर दिया है। इसके साथ ही इंडोनेशिया को चीनी वैक्सीन की 1.4 मिलियन डोज मिल भी गई है। चाइनीज कंपनी सिनोवैक की वैक्सीन इंडोनेशिया के अलावा कई देशों को दी जाएगी लेकिन इसमें पाकिस्तान का कहीं नामोनिशान तक नहीं है, जो दिखाता है कि पाकिस्तान के साथ एक बार फिर उसके तथाकथित दोस्त और आका चीन ने पाक को धोखा दे दिया है।
एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया अगले वर्ष बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन करने वाला है जिसको देखते हुए उसने चीन से 1.4 मिलियन वैक्सीन के डोज मंगा लिए हैं। इसके अलावा इस सूची में तुर्की भी शामिल है। तुर्की की सरकार ने करीब 50 मिलियन वैक्सीन के डोज का आर्डर दे दिया है और उम्मीद है कि ये जल्द ही पहुंच भी जाएगी। चीन के लिए ये एक बड़ी चुनौती है क्योंकि उसे अपने 1.4 बिलियन नागरिकों को भी वैक्सीन देनी है, साथ ही वैक्सीन कूटनीति के तहत दुनिया भर में भी वैक्सीन बांटनी है। चीनी राष्ट्रपति कह चुके हैं कि उन्होंने ब्राजील, इंडोनेशिया, चिली, फिलीपींस और तुर्की के साथ वैक्सीन को लेकर करार कर लिया है। खास बात ये है कि इस सूची में पाकिस्तान का नाम कहीं भी नहीं हैं। पाकिस्तान का चीन ने हर बार की तरह इस बार भी इस्तेमाल किया है, लेकिन अब जब वैक्सीन देने की बारी आई है तो चीन ने पाकिस्तान को चीन ने ठेंगा दिखा दिया है।
जब चीन की वैक्सीन के ट्रायल को किसी भी देश ने मंजूरी नहीं दी थी तो चीन ने पाकिस्तान को ही अपनी लैब बना लिया था। चीन ने अपनी वैक्सीन के सभी ट्रायल पाकिस्तान में ही किए थे, जिससे उसकी वैक्सीन का असर सामने आया है। ऐसे में अब जब चीन की वैक्सीन जो कुछ हद तक कारगर है, अन्य देश चीन को वैक्सीन का आर्डर दे रहे हैं और चीन भी उन्हें खुशी खुशी वैक्सीन मुहैया करा रहा है लेकिन खास बात ये है कि पाकिस्तान को ये वैक्सीन नहीं दी जा रही है। पकिस्तान की आर्थिक हालत पहले ही पतली है। स्वयं पाकिस्तान के लोग और मीडिया भी ये बात मानते हैं कि पाकिस्तान में कोरोनावायरस की वैक्सीन दो साल से पहले नहीं मिल पाएगी, क्योंकि अमेरिकी कंपनी ने उसके अधिकारियों को नजरंदाज कर दिया है। ऐसे में पाकिस्तान को पूरी आस केवल चीन से ही थी लेकिन अब चीन ने जो किया है उससे तो पाकिस्तान के पैरों तले जमीन ही खिसक गई है।
पाकिस्तान को चीन ने प्रयोगशाला की तरह देखा और वहां के नागरिकों को किसी चूहे या बंदर की तरह। इसी के तहत चीनी फार्मास्युटिकल कंपनी सिनोवैक ने पाकिस्तान का कोरोनावायरस की वैक्सीन के ट्रायल के लिए इस्तेमाल किया। वैक्सीन के सफल हो जाने पर पाकिस्तान को ही ठेंगा दिखा दिया जो कि सैद्धांतिक रूप से दुखद लेकिन पाकिस्तान जैसे मुल्क के लिए हास्यास्पद है।