देखा जाए तो कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो एक बेहद भोले और नादान व्यक्ति के समान बर्ताव करते हैं, जिन्हें कोई भी, कभी भी उल्लू बनाके चल देता है, और वे मन मसोसते रह जाते हैं, जैसे अभी हाल ही में चीन ने जस्टिन ट्रूडो के साथ किया है। जिस आपातकालीन वेतन स्कीम को ट्रूडो ने कनाडाई मजदूरों के लिए लागू कराया था, उसका भरपूर फायदा चीन की सरकारी कंपनियां ने उठा लिया, वो भी ऐसी कंपनियाँ जिनकी कुल संपत्ति अरबों-खरबों में है।
इन दिनों जस्टिन विभिन्न कारणों से विवादों के घेरे में है, जिनमें प्रमुख है भारत में चल रहे ‘किसान आंदोलन’ पर उनका बड़बोलापन और चीन के साथ उनकी बढ़ती निकटता। लेकिन चीन के साथ बढ़ती निकटता अब इस स्तर पर पहुँच चुकी है, कि चीन कनाडा के कानूनों का दुरुपयोग कर अपनी जेबें भर रहा है।
द पोस्ट मिलेनियल की रिपोर्ट के अनुसार, “सोमवार को कैनेडियाई सरकार ने एक डेटाबेस प्रकाशित किया, जिसमें कनाडा इमर्जेंसी वेज सब्सिडी यानि CEWS के अंतर्गत विभिन्न कंपनियों को मिलने वाली वित्तीय सहायता का पूरा लेखा जोखा था। इसमें चीनी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों के नाम भी शामिल होने की बात सामने आई, जिनमें से एक के संबंध उईगर मुसलमानों पर अत्याचार से भी हैं।”
परंतु यह कंपनियां है कौन सी, और कैसे ये कनाडा के कानूनों का दुरूपयोग कर अपनी जेबें भरने में सफल हुई? दरअसल कनाडा के CEWS प्रोग्राम के अधिनियमों के अंतर्गत लाभ पाने के लिए कनाडा में होना आवश्यक नहीं है, इसलिए जो भी कंपनियां कैनेडियाई राजस्व एजेंसी यानि CRA के अंतर्गत पंजीकृत है, वो निस्संदेह इसका लाभ उठा सकती हैं। इस अधिनियम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके अंतर्गत आने वाली कंपनियों को इमर्जेंसी के दौरान कर्मचारी के वेतन के भुगतान के लिए सरकार की ओर से 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है।
इसीलिए कई चीनी कंपनी, जिनकी अपने देश में हालत खस्ता है, इस योजना के अंतर्गत कनाडा से पैसे ऐंठकर अपनी डूबती नैया पार लगाने के प्रयास में है। इनमें एयर चाइना, चाइना मोबाइल और कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना जैसी सरकारी कंपनियां भी शामिल हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि एयर चाइना उसी Huawei के साथ साझेदारी कर रही है, जिसकी CFO अमेरिका के साथ घपलेबाजी के आरोप में कनाडा की ही जेल में बंद है।
वहीं जिस बैंक ऑफ चाइना को कनाडाई सरकार से लाखों डोलर्स की सहायता मिलने का अनुमान है, वह इसलिए भी विवादित है, क्योंकि इस बैंक का आतंकवाद से काफी पुराना नाता रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्षों से बैंक ऑफ चाइना पर ईरान और सीरिया द्वारा हमास और Palestinian इस्लामिक जिहाद जैसे संगठनों को वित्तीय सहायता देने का आरोप लगा है, जिन्हे स्वयं कनाडा आतंकी संगठनों का दर्ज देता है। ये तो वही बात हो गई, कि बकरा हलाल होने के लिए खुद कसाई को निमंत्रण दे रहा है।
इसके अलावा चाइना मोबाइल को भी कनाडा के CEWS प्रोग्राम के अंतर्गत वित्तीय सहायता मिली है, जबकि इसी कंपनी के चीनी PLA के साथ संबंध पाए जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे हाल ही में अमेरिका में प्रतिबंधित कराया था। लेकिन ये कनाडा के लिए कोई हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि जस्टिन ट्रूडो तो इतने बड़े दिल के व्यक्ति हैं जो लोकतान्त्रिक देशों के दुश्मन चीन की सेना को अपने यहाँ बुलाकर उन्हें ट्रेनिंग देने में विश्वास रखते हैं।
जी हाँ, आपने ठीक पढ़ा। हाल ही में मीडिया को प्राप्त कुछ गोपनीय दस्तावेज़ों के अनुसार जस्टिन ट्रूडो ने पिछले वर्ष चीनी PLA को कनाडा में कड़कड़ाती सर्दी में युद्ध अभ्यास के लिए निमंत्रण दिया था। हालांकि अमेरिका के दबाव में कैनेडियाई सेना ने इस युद्ध अभ्यास को रद्द कर दिया था, जिसके बाद ट्रूडो निजी तौर पर काफी दुखी भी हुए थे।
एक तो पहले ही बलोच कार्यकर्ता करीमा बलोच की संदेहास्पद मृत्यु और ट्रूडो द्वारा भारत में ‘किसान आंदोलन’ पर उनके बेतुके बयानों के कारण उनकी अंतर्राष्ट्रीय छवि तार-तार हो चुकी है, और ऊपर से अब चीनी कंपनियों द्वारा इस घपलेबाजी से उनकी राष्ट्रीय छवि को भी अब बहुत तगड़ा नुकसान पहुँचने वाला है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जस्टिन ट्रूडो का चीन पर अंधा विश्वास उन्हे और कनाडा को आगे चलकर बहुत भारी पड़ने वाला है।