पंजाब के बिचौलियों द्वारा आयोजित ‘किसान आंदोलन’ को अंतरराष्ट्रीय कवरेज देने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। कनाडा में जहां प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना सोचे समझे इस आंदोलन को बढ़ावा देने का प्रयास किया, तो वहीं यूके में Labour पार्टी के कुछ नेताओं ने सरकार पर भारतीय सरकार को घेरने का दबाव भी बनाया। हालांकि यही दांव एक सांसद के लिए भारी पड़ गया और अब वे सब से माफी मांगती फिर रही है।
हाल ही में यूके की प्रमुख विपक्षी पार्टी यानी Labour पार्टी की सांसद Taiwo Owatemi ने एक विवादित ट्वीट पोस्ट किया था। इस ट्वीट के अनुसार उन्होंने कथित तौर पर खालिस्तानी संगठन Sikhs for Justice की मांगों का समर्थन किया था। बता दें कि ये संगठन खुलेआम खालिस्तान की मांग करता है और उसके नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
हालांकि जैसे ही यह ट्वीट प्रकाशित हुआ, सोशल मीडिया पर कोहराम मच गया, और लोगों ने जमकर ताइवो को कोसा। फलस्वरूप Taiwo को ना केवल वो विवादित ट्वीट डिलीट करना पड़ा, बल्कि एक अन्य ट्वीट लिखकर सार्वजनिक तौर पर क्षमा भी मांगनी पड़ी।
Taiwo ने ट्वीट किया, “कुछ लोगों ने मुझे ई मेल किया था कि Sikhs for Justice के समर्थन में मैं कुछ बोलूं। मेरे एक स्टाफ मेंबर ने इस संबंध में एक अनचाहा ट्वीट भी किया, जिसे अब डिलीट कर दिया गया है। अगर मैंने किसी की भी भावनाओं को आहत किया हो, तो मैं क्षमा मांगती हूं” –
A small number of individuals emailed me to post a suggested tweet supporting Sikhs for Justice. Unbeknown to me a staff member who helps to run my social media posted the tweet. This has now been deleted. I sincerely apologise for any offence caused to any of my constituents.
— Taiwo Owatemi MP (@TaiwoOwatemi) December 12, 2020
ये शायद पहली बार है जब किसी Labour पार्टी के सांसद ने अपने ओछी हरकतों के लिए वास्तव में क्षमा मांगी है। अगर बाकी Labour सांसदों को देखा जाए, तो भारत विरोधी गतिविधियों पर माफी तो छोड़िए, किसी ने निंदा भी नहीं की है । वर्तमान यूके सरकार किसान आंदोलन को भारत का निजी मामला मानती है, परन्तु Labour पार्टी जानबूझकर इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है।
पिछले वर्ष जब अनुच्छेद 370 निरस्त हुआ था, तब इसी पार्टी ने काफी हाय तौबा मचाई थी। इसने पाकिस्तानी और खालिस्तानी तत्वों को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दरअसल यह पार्टी अल्पसंख्यकों में अपना वोट बैंक मजबूत करना चाहती थी, ताकि आगामी यूके के राष्ट्रीय चुनाव में उसे इसका फायदा मिले, पर हुआ ठीक उल्टा, और वर्षों बाद 324 से भी अधिक सीटों के पूर्ण बहुमत के साथ कंज़र्वेटिव पार्टी सत्ता में वापस आईं, और बोरिस जॉनसन फिर से प्रधानमन्त्री बने।
इन्हीं भारत विरोधी गतिविधियों के कारण Labour पार्टी के अध्यक्ष जेरेमी कॉर्बिन को कुछ समय के लिए निलंबित किया गया था, लेकिन जब उन्हें अचानक से पार्टी में वापिस लाया गया, तो लॉर्ड मेघनाद देसाई जैसे अनुभवी सांसदों तक को पार्टी छोड़नी पड़ी थी।
सच कहें तो भारत का अंतरराष्ट्रीय कद अब दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, और अब उसके हितों से समझौतों करना किसी भी देश के लिए खतरे से ख़ाली नहीं होगा। ये बात Taiwo को शायद बहुत जल्दी समझ में आ गई, तभी उन्होंने ट्वीट डिलीट कर माफी भी मांगी, अन्यथा Labour पार्टी को इस समय लेने के देने पड़ जाते ।