उधर तुर्की कश्मीर-कश्मीर करता रहा, इधर भारत ने साइप्रस के उत्तरी हिस्से पर तुर्की के अवैध कब्जे को लेकर मोर्चा खोल दिया

तुर्की के नहले पर भारत का दहला!

साइप्रस

कश्मीर को लेकर तुर्की की ओर से हो रही लगातार बयानबाज़ी और तुर्की द्वारा कश्मीर में सीरियाई आतंकियों की तैनाती की खबरों के बीच अब भारत ने तुर्की के पड़ोस में जाकर उसे सबसे बड़ा झटका देने की तैयारी शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार भारत ने साइप्रस के साथ “Occupied साइप्रस क्षेत्र” को लेकर चर्चा की है, जो वर्ष 1987 से ही तुर्की के अवैध कब्ज़े में है। साथ ही साथ भारत ने साइप्रस के साथ अपने सुरक्षा सम्बन्धों को और मजबूत करने का भी फैसला लिया है, जो निश्चित ही अंकारा के लिए अच्छी खबर नहीं है।

दरअसल, शुक्रवार को भारतीय और साइप्रस के उच्चाधिकारियों के बीच एक वर्चुअल बैठक का आयोजन हुआ था, जिसमें दोनों देशों ने अपने सुरक्षा और सैन्य सम्बन्धों को नया आयाम देने का फैसला लिया। सबसे अहम बात यह थी कि भारत ने पहली बार उत्तरी साइप्रस यानि तुर्की द्वारा कब्जाई गयी ज़मीन को लेकर भी चर्चा की। बता दें कि तुर्की ने हिंसक आक्रामकता दिखाते हुए वर्ष 1987 में साइप्रस के दो टुकड़े कर दिये थे और उसके उत्तरी इलाके पर उसने आज भी कब्जा किया हुआ है।

साइप्रस भारत को एक अहम रणनीतिक साझेदार बनाना चाहता है, और इसके कई कारण भी हैं। दरअसल, तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन पाकिस्तान के साथ मिलकर कई बार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का ज़िक्र कर चुके हैं। इसके साथ ही कुछ मीडिया रिपोर्ट्स इस बात का भी इशारा कर रही हैं कि तुर्की कश्मीर में जिहाद फैलाने के लिए अब सीरिया से अपने 100 लड़ाकों को कश्मीर में भेजने से पहले उन्हें तैयार कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि तुर्की की खुफिया सेवा एजेंसी इन आतंकियों को देश के दक्षिणी हिस्‍से में स्थित मेर्सिन शहर में प्रशिक्षण दे रही है। इन आतंकियों को तुर्की सीरिया और Nagorno-Karabakh में भी इस्तेमाल कर चुका है।

तुर्की की इन हरकतों का जवाब देने के लिए ही अब भारत साइप्रस के साथ नज़दीकियाँ बढ़ाता दिखाई दे रहा है। और सिर्फ साइप्रस ही नहीं, बल्कि भारत तुर्की के पड़ोसी और इसके सबसे बड़े दुश्मन ग्रीस के साथ भी अपने सहयोग को बढ़ाने पर ज़ोर दे रहा है। अक्टूबर के अंत में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ग्रीस के विदेश मंत्री से बातचीत कर भू-मध्य सागर में बढ़ रहे तनाव पर चर्चा की थी। सूत्रों के मुताबिक ग्रीस चाहता है कि पाकिस्तान-तुर्की के गठबंधन का मुक़ाबला करने के लिए वह भारत के साथ कोई सैन्य गठबंधन कर ले। पाकिस्तान-तुर्की का गठबंधन ग्रीस के लिए भी उतना ही खतरनाक है, जितना भारत के लिए!

इसके बाद अब भारत साइप्रस के साथ नज़दीकियाँ बढ़ा रहा है। तुर्की द्वारा कश्मीर को लेकर बयानबाजी पर अब तक भारत रक्षात्मक नीति ही अपनाता रहा है। जब-जब तुर्की ने कश्मीर पर कोई बयान दिया है, भारत ने उसकी भर्त्सना करने के अलावा अब तक उसके खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाया है। हालांकि, अब लगता है कि भारत तुर्की को सबक सिखाने के लिए उसके पड़ोसियों का सहारा लेने की नीति पर काम कर रहा है, क्योंकि तुर्की अपने सभी पड़ोसियों का सबसे बड़ा दुश्मन है। फिर चाहे पूर्व में अर्मेनिया हो, दक्षिण में साइप्रस हो या फिर पश्चिम में ग्रीस! अब भारत इन्हीं देशों के साथ सहयोग कर तुर्की को फ्राई करने की नीति पर काम कर रहा है।

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