पराली जलाने को केजरीवाल का खुला समर्थन, पंजाब में राजनीति के लिए दिल्लीवासियों को ठगा

केजरीवाल का एक ही नारा- POLITICS FIRST!

केजरीवाल

अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें लगता है कि दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन केवल कृषि अधिनियमओं से जुड़ा है तो आप गलत हैं। हालांकि, मुख्य रूप से पंजाब के किसानों द्वारा संचालित, दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और इसकी सीमाओं में हो रहे इस विरोध प्रदर्शन में किसान, नरेंद्र मोदी सरकार से तीन कृषि सुधार अधिनियमों को वापस लेने के अलावा कुछ अन्य मांगें भी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा सरकार के सामने उठाई गई माँगों में से एक है, पराली जलाने पर से प्रतिबंध हटाना। जी हाँ! वही पराली जिसके जलने से दिल्ली और आसपास के इलाके धुएँ की मोटी चादर में ढक जाते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि केजरीवाल इन किसानों की इन मांगों का भी समर्थन करते नज़र आ रहे हैं।

मांगों के बीच मसले पर ताजा खबर यह है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए केंद्र द्वारा घोषित इस अध्यादेश को वापस लेने की माँग की गई है जिससे दिल्ली वालों के लिए मुश्किलें कई गुना बढ़ सकती है।

जिस अध्यादेश को वापस लेने की माँग की गई है, उसमें वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित आदेश और निर्देशों का पालन नहीं करने पर पांच साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ अपनी दूसरी बैठक के दौरान किसानों ने इसका विरोध करते हुए दंड प्रावधानों पर चिंता व्यक्त की।
प्रदूषण की बात करें तो दिल्ली की हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ है बल्कि राजधानी में प्रदूषण की स्थिति और भी ज्यादा ख़तरनाक होती जा रही है। कुछ दिनों पूर्व ही दिल्ली का AQI 1600 पहुंच गया था जो तय मानक से 100 गुना ज्यादा है।

यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि AAP, केंद्र शासित प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी है , जिसे शहर के निवासियों के लिए गुणवत्तापूर्ण हवा के अधिकार के लिए लड़ना चाहिए, अब वही किसान के विरोध और उनकी मांगों का समर्थन कर रही है।

पंजाब के किसान दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं और राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने के सभी द्वार (टिकरी बॉर्डर, गुड़गांव बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर) को काटने की धमकी दे रहे हैं लेकिन दिल्ली की ही आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया है।

केजरीवाल की अगुवाई में AAP ने किसानों की मांग को समर्थन दिया, जिसमें से एक है दिल्ली को गैस चेम्बर बनाने का “अधिकार”। पंजाब में अपने आधार का विस्तार करने के लिए, AAP न केवल खालिस्तानी तत्वों की मुखर समर्थक बन गई है, बल्कि दिल्ली के लोगों को धोखा भी दे रही है, जिन्होंने इस पार्टी को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए वोट दिया था।

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों का अपने “मेहमान” के रूप में स्वागत किया और उनके भोजन, पीने के पानी और आश्रय की विस्तृत व्यवस्था की। जिस तरह अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा सुनियोजित और संचालित शाहीनबाग को समृद्ध करने की अनुमति दी थी; उसी तरह दिल्ली सरकार एक बार फिर किसान प्रदर्शन को सहयोग दे रही है और अगर केजरीवाल इस रास्ते पर चलना जारी रखते हैं तो राजधानी में एक और घेराबंदी जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

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