‘मेरी बेटी देशद्रोही है’, शेहला राशिद के पिता ने कहा शेहला को देश विरोधी काम के लिए बाहर से फंडिंग मिलती है

PC: India Today

शेहला राशिद पर उसके पिता ने लगाए गंभीर आरोप

अलगाववादी नेता शेहला राशिद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार भी उनपर अलगाववाद और  भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। लेकिन ये खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि उनके पिता अब्दुल राशिद ने किया है।

अब्दुल राशिद ने जम्मू कश्मीर के वर्तमान डीजीपी दिलबाग सिंह को पत्र लिखते हुए शेहला के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। अब्दुल राशिद के अनुसार, “शेहला राशिद ने राजनीति से जुड़ने के लिए कश्मीरी व्यापारी ज़हूर अहमद शाह वटाली से 3 करोड़ रुपये लिए थे”। बता दें कि ज़हूर अहमद शाह वटाली एक जाने माने व्यापारी है, जो अलगाववादी भी हैं, और जिन्हें 2017 में NIA ने आतंकी फंडिंग से संबंधित एक केस में हिरासत में लिया था।

परंतु अब्दुल राशिद वहीं पर नहीं रुके। उन्होंने ये भी बताया कि कैसे शेहला ने उनके घर को अलगाववादी गतिविधियों का अड्डा बना लिया है और अब उन्हें [अब्दुल राशिद] अपने ही घर में नहीं घुसने दिया जा रहा है। प्रेस से उनकी बातचीत की अनुसार जब पूछा गया कि शेहला को फंड्स कौन देता है, तो अब्दुल राशिद ने कहा, “हिंदुस्तान वाले क्यों देंगे इसको पैसे? हिंदुस्तान वाले अपना ही देश तोड़ने के पैसे देंगे? बाहर से ही आता है न”।

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इसके अलावा अपने पत्र में उन्होंने दिलबाग सिंह से ये भी याचना की कि शेहला से उनको सुरक्षा प्रदान की जाए, और साथ ही साथ शेहला राशिद द्वारा संचालित विभिन्न एनजीओ की निष्पक्ष जांच की भी मांग की।

इस सनसनीखेज खुलासे पर शाह फ़ैसल ने तो चुप्पी साधे रखी है, परंतु शेहला राशिद अपने बचाव में उतर आई। उन्होंने अपने पिता पर घरेलू हिंसा में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया, “आपने मेरे अब्बा को मेरे, मेरी अम्मी और मेरी बहन के विरुद्ध बेबुनियाद आरोप लगाते हुए एक वीडियो देखी होगी। मैं ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती, पर वो अपनी पत्नी को बहुत मारते हैं, और उनके विरुद्ध हमने एक FIR दर्ज की, जिसके कारण अब वे घर में नहीं घुस सकते, और ये स्टंट [अब्दुल राशिद के खुलासे] उसी का परिणाम है”।

इसके अलावा शेहला ट्वीट करती हैं, “उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनकी आज्ञाकारी बीवी और उनकी डरी सहमी बेटियाँ उनके खिलाफ जाने की हिम्मत कर सकती हैं। चूंकि उन्हें हमने घर में घुसने से रोक दिया है, इसलिए वे इस तरह के नाटक कर रहे हैं”

अब शेहला के आरोपों में कितनी सच्चाई है, ये तो भगवान ही जाने, लेकिन अगर अब्दुल राशिद के आरोपों पर नजर डाली जाए तो वे पूरी तरह गलत भी नहीं है। जब कठुआ कांड देश में सुर्खियों में आया था, तो ये शेहला राशिद ही थीं, जिन्होंने तालिब हुसैन और वकील दीपिका सिंह राजावत के साथ पीड़िता के परिवार के नाम पर काफी चन्दा इकट्ठा किया। अब उस चंदे का क्या हुआ, और वह कभी पीड़िता के परिवार पहुंचा भी या नहीं, इस बात पर आज भी संदेह है। इसके अलावा जैसे ही अनुच्छेद 370 के विशेषाधिकार संबंधी प्रावधान 2019 में निरस्त हुए, शेहला राशिद ने अपने राजनीतिक करियर को भी अलविदा कह दिया था।

ऐसे में अब्दुल राशिद के आरोपों की जांच पड़ताल करना इस परिप्रेक्ष्य में काफी अहम हो जाता है। यदि उनके आरोप सत्य सिद्ध होते हैं, तो इसमें किसी को कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए, क्योंकि जब शेहला राशिद ने एक दुष्कर्म पीड़िता के परिवार की भावनाओं का सम्मान नहीं किया, तो उनके पिता की क्या ही हस्ती?

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