देश में कहीं भी भारत विरोधी प्रदर्शन हो, और बॉलीवुड का प्लैकार्ड गैंग उनका समर्थन न करे, ऐसा हो सकता है भला? कठुआ कांड, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और नागरिकता संशोधन अधिनियम में अपनी भद्द पिटवाने के बाद भी जब इनको चैन नहीं मिला तो अब इन्होंने ‘किसान आंदोलन’ के नाम पर चल रहे अराजकतावाद को बढ़ावा देना शुरू कर दिया।
सबसे पहले बात करते हैं प्लैकार्ड गैंग की प्रख्यात जोड़ी – सोनम और तापसी की। हत्या हो, दुष्कर्म हो, लूटपाट हो, आगजनी हो, जहां पर मोदी सरकार के विरुद्ध जरा भी शक की सुई घूमी, तो इनके चेहरे पर मुस्कान देखते ही बनती है। दरअसल, पंजाबी कलाकार गिप्पी ग्रेवाल ने बॉलीवुड की आलोचना करते हुए कहा कि शूटिंग के लिए तो जरूर आ जाते हैं, पर हक की लड़ाई से मुंह मोड़ लेते हैं। इसपर तपाक से तापसी पन्नू ने जवाब में ट्वीट किया, “सर, जिनसे आपसे उम्मीद की, जब उन्होंने नहीं बोला, तो आप हमें भी उनके साथ मत जोड़िए। हमें किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं, पर आपका ऐसे नजरअंदाज करना हमें अखरता है”।
Sir , just because the ones u expected to speak up did not please don’t put us all under the same umbrella.
Not that the handful of us need validation regarding standing up but it really pulls down our efforts when disregarded. 🙏🏼— taapsee pannu (@taapsee) December 5, 2020
परंतु तापसी अकेली नहीं थीं। सोनम कपूर ने अराजकतावादियों का महिममंडन करते हुए इंस्टाग्राम पर डेनियल वेबस्टर का कथन पोस्ट किया, “जब बुआई होती है, तभी अन्य कलाओं को बल मिलता है। किसान मानव सभ्यता का असली जनक है”।
अब सोनम कपूर और तापसी के सुवचन सामने आए, तो भला प्रियंका मैडम कैसे पीछे छूट सकती हैं? मोहतरमा ट्वीट करती है, “किसान इस देश के अन्न सैनिक हैं। उनके डर को खत्म करना चाहिए। उनकी उम्मीदों को सहारा मिलना चाहिए। एक सशक्त लोकतंत्र के तौर पर हमें सुनिश्चित करना है कि यह संकट जल्द ही खत्म हो” ।
Our farmers are India’s Food Soldiers. Their fears need to be allayed. Their hopes need to be met. As a thriving democracy, we must ensure that this crises is resolved sooner than later. https://t.co/PDOD0AIeFv
— PRIYANKA (@priyankachopra) December 6, 2020
इस बीच यदि कोई सबसे अधिक उग्र रही, तो वे थीं ऋचा चड्ढा। जितना समर्थन इन्होंने दिल्ली के आसपास डेरा डाले अराजकतावादियों का किया, उतना तो शायद पूरे पंजाबी फिल्म एवं संगीत उद्योग ने भी मिलकर नहीं किया। एक ट्वीट में उन्होंने गायक दलेर महंदी द्वारा ‘किसान आंदोलन’ में अराजकतावादियों की हिस्सेदारी का विरोध करने का उपहास उड़ाते हुए ट्वीट किया, “जो खुद भ्रम फैलाते हैं, उन्हे लगता है कि सभी भ्रमित हैं”।
https://twitter.com/RichaChadha/status/1335432702883840000
इसके अलावा उन्होंने कई पोस्ट रीट्वीट किए, जिनमें या तो देशद्रोही ताकतों को बढ़ावा दिया जा रहा था, जैसे शाहीन बाग के आंदोलनकारियों का इस आंदोलन से जुड़ना, या फिर अफवाहें फैलाई जा रही थी।
अब ऐसे में वामपंथी निर्देशक अनुभव सिंह भला कैसे पीछे रहते? उन्होंने भी अराजकतावादियों को अपने अकाउंट से खूब बढ़ावा दिया। जब विवादित पंजाबी गायक जैज़ी बी ने कृषि कानूनों को हटाने की मांग पर दिल्ली चलो का नारा दिया, तो अनुभव ने गुरुमुखी लिपि में ट्वीट किया, “पंजाबियों की बात ही कुछ और है”।
ਪੁੰਜਾਬੀਆਨ ਦੀ ਸ਼ਾਨ ਵਖਰੀ https://t.co/BXbrADbmlv
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) December 6, 2020
सच कहें तो बॉलीवुड का प्लैकार्ड गैंग अभी भी इस सोच में जीता है कि उनकी एक आवाज पर सरकार दौड़े दौड़े चली आएगी और उनकी सारी मांगें बिना किसी सवाले के मान लेंगी। लेकिन सच्चाई तो यह है कि उन्हे स्वयं बॉलीवुड के एलीट वर्ग ने भी CAA और वंशवाद के कारण हुई फजीहत के बाद से गंभीरता से लेना बंद कर दिया है।