अमेज़न की वर्तमान दशा इस समय ठीक नहीं है। एक तो अमेज़न की मनमानी के विरुद्ध अनेक मुकदमे चल रहे हैं, तो ऊपर से एक वैश्विक अभियान उसके विरुद्ध चलाया जा रहा है, जिसका नाम #MakeAmazonPay है। लेकिन अमेज़न की शामत आनी तय है, क्योंकि भारतीय व्यापार संगठन CAIT यानि Confederation of All India Traders ने #MakeAmazonPay जैसे अभियान को अपना समर्थन देने का निर्णय कर लिया है।
‘Make Amazon Pay’ में वो कर्मचारी, पर्यावरण एक्टिविस्ट एवं नागरिक संगठन शामिल हैं, जो अमेज़न द्वारा कर्मचारियों और पृथ्वी को नुकसान पहुंचाकर कमाए जा रहे असीमित लाभ के विरुद्ध मोर्चा संभाले हुए हैं। जहां एक ओर अमेज़न बेहिसाब धन अर्जित कर रहा है, तो वहीं उसका कार्बन फुटप्रिन्ट दुनिया के दो तिहाई देशों से भी ज्यादा है। इसके अलावा 2019 में अमेज़न ने महज 1.2 प्रतिशत का कर भुगतान किया।
तो CAIT इस अभियान से क्यों जुड़ा है? इसका उत्तर देते हुए CAIT महासचिव प्रवीण खण्डेलवाल ने बताया, “हम ‘Make Amazon Pay’ जैसे वैश्विक अभियान को अपना पूरा समर्थन देने को तैयार है। ऐसा केवल भारत में ही नहीं है कि अमेज़न अपनी मनमानी करता है, वो जहां भी जाता है, वहाँ वह अपने पक्षपाती व्यापार प्रणाली से अपने कर्मचारियों का शोषण करता है और पृथ्वी को नुकसान पहुंचाता है।”
इसके अलावा खण्डेलवाल ने बताया, “ऐसे पक्षपाती निर्णयों पर अगर लगाम नहीं लगाई गई, तो अमेज़न भारत का स्थानीय व्यापार कल्चर खत्म कर देगी और भारत के MSME सेक्टर को भी खत्म कर देगी, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की लाइफलाईन भी है। ऐसे में हम अमेज़न के वर्तमान बिजनेस मॉडल का पुरजोर विरोध करते हैं।”
पिछले कई महीनों से CAIT ने भारतीय व्यापारियों का शोषण करने वाले हर ताकत का न सिर्फ विरोध किया है, अपितु उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए एक व्यापक अभियान भी चलाया है। उदाहरण के लिए CAIT ने चीन को उसकी औकात बताने के लिए एक सुनियोजित अभियान के अंतर्गत चीनी अर्थव्यवस्था को 1 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने की व्यवस्था की थी, और रक्षाबंधन और दीपावली पर चीनी सामान के सुनियोजित बहिष्कार से ही चीनी अर्थव्यवस्था को करीब 45000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।
लेकिन CAIT वहीं पर नहीं रुका। जब केंद्र सरकार ने अमेज़न पर नियमों का उल्लंघन करने के लिए 25000 रुपये का जुर्माना लगाया, तो CAIT ने इसे आड़े हाथों लिया। CAIT के आधिकारिक बयान के अनुसार, “जो जुर्माना अमेज़न जैसी कंपनी पर लगाया गया है, वो काफी नहीं है। कोई मज़ाक चल रहा है यहाँ? इसका [जुर्माने का] कोई औचित्य नहीं है, और अमेज़न जैसी कंपनियों पर ऐसे किसी भी नियम का उल्लंघन करने के लिए कुछ नहीं तो कम से कम 7 दिन का प्रतिबंध तो लगना ही चाहिए। एक आदर्श उदाहरण स्थापित करना बहुत आवश्यक है।”
CAIT का ये विचार गलत भी नहीं है, क्योंकि अब अमेज़न से सख्ती से पेश आने का समय आ चुका है। निस्संदेह ये आवश्यक है कि विदेशी निवेश पर कोई अनावश्यक रोक न लगे, लेकिन इसका अर्थ यह भी नहीं है कि विदेशी निवेश को आने देने के नाम पर कोई भी विदेशी कंपनी अपनी मनमानी करे। ऐसे में एक बार फिर CAIT ने फ्रंट फुट पर खेलने का निर्णय लिया है और यह अमेज़न के लिए शुभ संकेत नहीं है।