संसद द्वारा पारित नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली में पंजाब और हरियाणा के किसानों ने विरोध का झंडा बुलंद कर रखा है। इन्हें लगता है कि नया कानून इनके हितों को खत्म कर देगा, जबकि पूरे देश के अन्य किसान इससे खुश हैं। इन कृषि कानूनों के लागू होते ही मध्य-प्रदेश में किसानों का भुगतान न करने वाले व्यापारियों को प्रशासन ने झटका दिया है और उनकी संपत्ति कुर्क कर दी है जो इस बात का सबूत है कि नए कानून किसानों के हित में है और इस मुद्दे पर कुछ किसानों को भड़काया गया है जिससे सरकार की छवि बिगड़े।
नए कृषि कानूनों को लेकर फैलाये जा रहे भ्रम के बीच मध्य प्रदेश में इसके लागू होने से किसानों को एक बड़ी राहत मिली है जबकि उनके साथ धोखा करने वाले व्यापारियों और कॉरपोरेट जगत के लोगों को झटका लगने के संकेत सामने आए हैं। दरअसल, ग्वालियर के 17 किसानों के धान का 40 लाख रुपये भुगतान नहीं करने वाले व्यापारी की संपत्ति कुर्क करके प्रशासन ने नीलामी शुरू कर दी है। प्रशासन ने आरोपी के 1 हजार वर्गफीट में बने मकान को एक लाख 45 हजार रुपये में नीलाम कर दिया गया है।
इस मामले में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि नए कृषि कानून के तहत जिले में यह पहली कार्रवाई है। आरोपित बलराम दो दिसंबर को परिवार के साथ गांव से भाग गया था, जिसके बाद प्रशासन ने किसानों के साथ हुई इस धोखाधड़ी के खिलाफ एक्शन लेना शुरू किया और किसानों के हितों में प्रशासन ने आरोपी की संपत्ति कुर्क कर दी है और अभी व्यापारी की जमीन भी कुर्क की जाएगी।
कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य के खात्मे से लेकर कॉर्पोरेट जगत को जमीन बिक जाने तक की बातें बिल्कुल ही बेबुनियाद हैं। बल्कि इस कानून के जरिए किसान कॉर्पोरेट से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग भी कर सकते हैं। एमएसपी खत्म नहीं हो रहा है। मंडी या मंडी के बाहर देश विदेश में कहीं भी अपनी फसल बेच सकतें हैं और इसलिए इस फैसले को देश की कृषि क्षेत्र में एक बड़े बदलाव की तरह देखा जा रहा है।
इस देश की कई राजनीतिक पार्टियां यह नहीं चाहती हैं कि देश के कृषि क्षेत्र में इस तरह के बड़े बदलाव हो, जिससे किसानों को भ्रमित करके कर्ज माफी और लोन देने के नाम पर चलने वाला वोट बैंक समाप्त हो जाए। इसीलिए उन्होंने पंजाब हरियाणा के कुछ किसानों को इस कृषि कानूनों के विषय में भ्रमित कर दिया है, और एक बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं में आंदोलन पर बैठ गया है, जिसे कुछ अराजक तत्वों द्वारा हाईजैक भी कर लिया गया है।
पंजाब हरियाणा के अलावा पूरे देश के किसान इस मसले पर केंद्र सरकार के फैसलों का समर्थन कर रहे हैं। किसानों के नेता कृषि मंत्री समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं। वहीं ऐसे दौर में मध्यप्रदेश जैसे राज्य से कृषि कानूनों से किसानों के हित की खबर सामने आना साफ संकेत देता है कि कृषि कानून इस देश की कृषि व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने वाला है जिससे भारतीय किसान का भविष्य उज्जवल होगा।