अमेरिका में चीनी कंपनियों के लिए ऑपरेट करना और मुश्किल होने वाला है। दरअसल, अब अगर कोई भी चीनी कंपनी लगातार तीन साल तक अमेरिका की Auditing बॉडी “Public Company Accounting Oversight Board” से अपने खाते ऑडिट नहीं कराती है, तो उसे अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा और फिर वह चीनी कंपनी अमेरिकी वित्तीय बाज़ार से निवेश नहीं जुटा पाएगी! अमेरिकी कांग्रेस ने इसको लेकर अब एक बिल पास कर दिया है। 20 मई को जहां अमेरिकी सीनेट ने Foreign Companies Accountable बिल को पास किया था, तो वहीं अब बीते बुधवार को ही अमेरिकी House of Representatives ने भी इस बिल को पास कर दिया है।
यह बिल अमेरिकी निवेशकों को ऐसी चीनी कंपनियों में निवेश करने से बचाएगा, जो अमेरिकी सरकार के सामने पारदर्शिता के साथ अपने accounts और operations की जानकारी नहीं रख रही है और जो संभवतः किसी धोखाधड़ी में शामिल हो सकती है। पूर्व में ऐसी कई चीनी कंपनियों के नाम सामने आ चुके हैं जो अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिड होने के बाद कई बड़े-बड़े घोटालों में लिप्त थीं।
उदाहरण के लिए चीन की एक कंपनी “Kingold” ने अपने 83 टन “सोने” को अलग-अलग ऋणदाताओं के पास गिरवी रख करीब 16 बिलियन युआन का कर्ज़ उठाया और जुलाई महीने में जांच होने के बाद यह सामने आया था कि वह 83 टन सोना असल में सोना नहीं, बल्कि कॉपर था, जिसपर सोने की परत चढ़ाई गयी थी। इस फर्जीवाड़े में शामिल चीनी कंपनी Kingold अमेरिका के Nasdaq स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिड थी , और उस कंपनी के डूबने के साथ ही अमेरिकी निवेशकों का पैसा भी डूब गया।
चीनी कंपनियों का और धांधली का चोली-दामन का साथ रहता है। इससे पहले चीन की ही एक अन्य अमेरिकी कंपनी Luckin coffee को 300 मिलियन डॉलर का फर्जीवाड़ा करते हुए पाया गया था, क्योंकि उस कंपनी ने अप्रैल से लेकर दिसंबर 2019 तक अपने राजस्व को 300 मिलियन डॉलर बढ़ाकर दिखाया था, ताकि अमेरिकी निवेशक कंपनी में ज़्यादा निवेश कर सके। पकड़े जाने पर अमेरिकी सरकार ने उस चीनी कंपनी को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
अब अमेरिकी सरकार ने साफ़ कर दिया है कि अगर चीनी कंपनियों को अमेरिकी बाज़ार से पैसा उठाना है, तो उन्हें अमेरिकी कानून ही मानने पड़ेंगे। अन्यथा, उन्हें अब अमेरिका से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। पूर्व में अमेरिकी सरकार ऐसा कानून भी पारित कर चुकी है, जिसके बाद अब कोई भी ऐसी कंपनी अमेरिका से निवेश नहीं जुटा सकेगी, जिसके चीनी सेना यानि पीएलए के साथ कोई संबंध हैं। अब इस नए कानून के बाद चीनी कंपनियों के लिए अमेरिका से पैसा जुटाना और ज़्यादा मुश्किल होने वाला है।