विराट कोहली को टीम की कप्तानी रोहित शर्मा को सौंप देनी चाहिए

रोहित शर्मा ने कई बार संयम और सूझ-बुझ का प्रदर्शन किया है!

भारत के लगातार लचर प्रदर्शन विराट कोहली की कप्तानी पर पिछले कुछ समय से लगातार सवाल उठ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम के 36 रनों पर सिमट जाने के बाद यह प्रश्न और अधिक तीव्रता से उठने लगा है कि क्या अब विराट को कप्तानी छोड़ देनी चाहिए? अवश्य, इसमें कोई संदेह नहीं है और भारत के पास उनसे अच्छे विकल्प हैं। विराट कोहली को अब टीम की कप्तानी रोहित शर्मा को सौंप देनी चाहिए। इसमें कोई बुराई नहीं है और यह उनके भले के लिए ही है। मैं यहां छोटे फॉर्मेट की नहीं, बल्कि टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट की बात कर रहा। कुछ लोग जरूर असहमत होंगे और यह तर्क देंगे कि रोहित टेस्ट के रेगुलर खिलाड़ी नहीं है। परंतु इसका जवाब भी एक सवाल ही है कि आखिर रोहित के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टेस्ट में लगातार मौके क्यों नहीं दिये जाते। एक बात समझ में नहीं आती कि रोहित शर्मा एकदिवसीय मैचों के एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं और टीम के उपकप्तान भी हैं। फिर भी उन्हें टेस्ट मैचों से दूर रखा जाता है या जानबूझकर मौका नहीं दिया जाता है।

क्या यह एक वजह हो सकती है जिससे रोहित शर्मा को टेस्ट टीम से बाहर रखा जाता है? हो सकता है लेकिन यह सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है। हैरान करने वाली बात यह है कि अजिंक्या रहाणे टेस्ट टीम के उपकप्तान हैं लेकिन वनडे टीम में उनकी जगह नहीं है।

टीम का सेलेक्शन तथा प्लेइंग 11 चुनने में कप्तान का हाथ होता है और कप्तान हैं विराट कोहली। भारतीय टीम के लिए वनडे क्रिकेट के संकटमोचक माने जाने वाले रोहित शर्मा अक्सर टेस्ट टीम से दूर ही रखे गए हैं। भारत में 100 से ऊपर का औसत होने के बाद भी रोहित शर्मा को टेस्ट टीम में शामिल नहीं किया जाता था। जिस तरह केएल राहुल को खेलने का अवसर मिला है, उन्हें उतने अवसर भी नहीं मिले।

अब रोहित शर्मा को कप्तानी सौंप कर उन्हें तीनों फॉर्मेट का कप्तान बना देना चाहिए। उन्होंने कई मौकों पर अपनी कप्तानी, संयम और सूझ-बुझ का प्रदर्शन किया है।

जबसे भारत को विश्व कप में सेमीफ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड से पराजय झेलनी पड़ी, तभी से विराट कोहली की कप्तानी पर सवाल उठाए जा रहे हैं, और साथ ही साथ ये मांग भी उठ रही है कि रवि शास्त्री को भी कोच पद से हटाया जाये। ये भी आरोप लगाए गए हैं कि विराट कोहली अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को योग्य खिलाड़ियों की तुलना में ज्यादा प्राथमिकता देते हैं, जिसके कारण टीम के प्रदर्शन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यही नहीं, जब नॉकआउट मैचों में दबाव में प्रदर्शन करने की बात आती है, तो सौरव गांगुली और एमएस धोनी के मुक़ाबले विराट कोहली काफी असफल साबित हुए हैं।

विराट एक खराब कप्तान नहीं है, लेकिन चर्चा यहाँ यह है कि एक बेहतर कप्तान कौन है और वह है रोहित शर्मा! और सिर्फ बेहतर ही नहीं,बल्कि उनके बीच का अंतर बहुत बड़ा है और वह है संयम का।

कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने भी यही कहा था कि टेस्ट सीरीज़ में विराट कोहली के जाने के बाद भारत का नेतृत्व करने के लिए उनकी पसंद रोहित शर्मा होंगे। उन्होंने कहा, “उनकी कप्तानी और नेतृत्व अव्वल दर्जे का है। एक बार फिर IPL जीत कर उन्होंने दिखाया कि टीम का नेतृत्व कैसे किया जाता है। मुझे लगता है कि अगर विराट कोहली नहीं हैं तो उन्हें सभी भी प्रारूप में भारत का कप्तान बना देना चाहिए ।“

इसी तरह की बातें इरफान पठान ने भी कही थी।

हालांकि यहाँ माइकल क्लार्क विराट की अनुपस्थिति में रोहित को कप्तानी देने की बात कर रहे हैं लेकिन अब समय आ गया है कि विराट स्वयं ही अपनी कप्तानी रोहित को दें और टीम में सबसे प्रमुख बल्लेबाज की भूमिका में खेले। आज टीम को एक ऐसे लीडर की जरूरत है जिसके अंदर टीम को संभालने का संयम और परिपक्वता हो और ऐसे विकल्प के रूप में रोहित शर्मा ही नजर आते हैं।

सच पूछें तो विराट कोहली में बतौर कप्तान न सौरव गांगुली जैसी परिपक्वता है, और न ही महेंद्र सिंह धोनी जैसा संयम। उन्हें तो अपने खिलाड़ियों के बारे में यह भी पता नहीं होता कि कोई टीम से बाहर क्यों है और अंदर क्यों है जैसा उन्होंने रोहित शर्मा के ही टीम में चयन पर प्रतिक्रिया दी थी। अब समय आ गया है कि विराट स्वयं इस बात को स्वीकार करे और कप्तानी रोहित को सौंप दें जिससे भारतीय क्रिकेट का और अधिक भला हो जैसे सचिन को कप्तानी से हटाये जाने के बाद हुई थी।

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