‘ये हिंदू गद्दार हैं’, युवराज सिंह के पिता का भाषण पंजाबी हिंदुओं पर हुए अत्याचार की याद दिलाता है

किसान आंदोलन के नाम पर ये लोग देश को बांटने जुटे हैं

योगराज सिंह

PC: The SportsRush

योगराज सिंह के भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह हिंदू महिलाओं पर बेहद आपत्तिजनक बातें कहते नजर आ रहे हैं। जनाब कह रहे हैं हिंदुओं ने 1000 वर्षों तक मुग़लों की गुलामी की l इनकी औरतें टके टके के भाव बिकती थीं l हमने उन्हें बचाया l ये हिंदू गद्दार हैं l”

योगराज सिंह का यह भाषण उसी नरसंहार की याद दिलाता है जो ‘भिंडरवाले’ के नेतृत्व में पंजाबी हिंदुओं पर किया गया था। 80 के दशक का वही अत्याचार जो निरंकारी मिशन के प्रमुख गुरबचन सिंह की हत्या से शुरू हुआ और उसकी मौत के कई वर्षों बाद तक जारी रहा। लाला जगत नारायण की हत्या ने तो हिंदुओं और सिखों के बीच ऐसी खाई पैदा कर दी जो एक अनकही दुश्मनी में बदल गयी। यह वही समय था जब भिंडरवाला ने सिखों को एक अलग देश की मांग के लिए उकसाना शुरू किया और फिर शुरू हुआ था खालिस्तानी आतंकियों द्वारा हिंदुओं का नरसंहार और पंजाबी हिंदुओं का पलायन।

बता दें कि युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने आगे कहा, जो पंजाब, कंधार और कश्मीर से लेकर दिल्ली तक था, आज छोटा सा है। तारा सिंह और बलदेव सिंह ने क्या किया, ये आपको पता है। लेकिन, कुछ इतिहास मैं बताता हूँ। जिस सरकार की आप बात कर रहे हैं केंद्र की, आपको पता है कि ये कौन हैं? ये वही हैं, जो अपनी बेटियों की डोली हाथ जोड़ कर मुगलों के हवाले कर देते थे।

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पंजाबी में दिए भाषण में योगराज सिंह ने कहा, मैं इन्हें आपलोगों से ज्यादा जानता हूँ। ये माँ-बेटियों की कसमें खा कर भी पलट जाते हैं। एक बात और कहना चाहता हूँ जब इनकी औरतों को अहमद शाह दुर्रानी ले जाता और वहां टके-टके की बिकती थी, तो पंजाबियों ने बचाया।

यही नहीं उन्होंने प्रदर्शनकारियों से ‘एक और जरनैल पैदा करने का आह्वान किया। यह किसी जरनैल की तरफ इशारा नहीं था बल्कि ‘जरनैल सिंह भिंडरवाला’ की तरफ ही इशारा था।

स्पष्ट है कि ये व्यक्ति लोगों को उसी भिंडरवाला के जैसे बनने और हिंदुओं का कत्लेआम मचाने वाला बनने के लिए उकसा रहा है।

भिंडरवाला ने पंजाब में ऐसा जहर घोला था कि देश 1990 के दशक तक जलता रहा। अकाली धर्म युद्ध मोर्चा की स्थापना के बाद से, खलिस्तानी आतंकयों ने हिंदुओं और निरंकारियों की हत्या करना शुरू कर दिया था, यही नहीं उन्होंने तो भिंडरावाले के विरोध में खड़े होने वाले सिखों को भी नहीं छोड़ा। हिंसक घटनाओं और दंगों में कुल मौतों का अंदाजा लगा पाना उतना ही मुश्किल है जैसे रेत में सुई ढूँढना। फ्लाइट हाईजैकिंग से लेकर ट्रेनों और बसों में पलायन कर रहे हिंदुओं पर हमले को याद करने में आज भी सिहरन पैदा हो जाती है। आतंकियों का अत्याचार भिंडरावाले की ऑपरेशन ब्लू स्टार में मारे जाने के बाद और बढ़ा था। एयर इंडिया फ़्लाइट 182 में खालिस्तानी आतंकवादियों ने 329 यात्रियों 22 चालक दल के सदस्यों सहित हत्या कर दी थी जिसमें लगभग सभी हिंदू थे। यही नहीं इन आतंकवादियों द्वारा 1986 के मुक्तसर बस नरसंहार को कौन भूल सकता है।

हिंसा की शुरुआत निरंकारियों के निशाने पर हुई थी और उसके बाद सरकारी तंत्र और हिंदुओं पर हमले हुए थे। अंतत: खलिस्तानी आतंकवादियों ने अन्य सिखों को भी विरोधी दृष्टिकोण के कारण से निशाना बनाया। 1995 में मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या की आखिरी बड़ी घटना थी। इस चरमपंथ के समाप्त होने के मुख्य सूत्रधार और सुपर कॉप कहे जाने वाले IPS केपीएस गिल थे जिन्होंने 1991 से लेकर अपने रिटायरमेंट तक पंजाब से आतंकियों की सफाई कर के की दम लिया।

अब जिस तरह से योगराज सिंह ने हेट स्पीच दिया है वह हर मायने में भिंडरावाले के नेतृत्व में हुए पंजाबी हिंदुओं के नरसंहार और पलायन की याद दिलाता है।

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