अपने आप को विश्व की सबसे सशक्त डेमोक्रेसी मानने वाले अमेरिका का कल जबरदस्त reality चेक हुआ, जब ट्रम्प समर्थक वाशिंगटन डीसी में न सिर्फ पुलिस से भिड़े, बल्कि उन्होंने Capitol Hill क्षेत्र में स्थित अमेरिकी प्रशासन के कार्यालयों पर भी धावा बोला ।
अब हिंसा किसी भी स्थिति में स्वीकारने योग्य नहीं है, लेकिन इस पूरे प्रकरण से एक बात तो स्पष्ट हुई है कि कुछ लोगों के लिए हिंसा को तौलने के भी parameter होते हैं, कि कौन सी हिंसा बुरी है और कौन सी अच्छी। चौंकिए मत, ऐसी सोच के लिए ही वामपंथी बुद्धिजीवी विश्व भर में हंसी का पात्र बने हुए हैं, और Capitol Hill प्रकरण ने उनके इसी सोच को एक बार फिर जगजाहिर किया है।यह वही पश्चिमी दुनिया है जिसने अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद की निन्दात्मक परिभाषा दी है।
पश्चिमी उदारवादियों, विशेषकर वामपंथियों के अनुसार हिंसा तभी हिंसा है, अगर उसे किसी वामपंथी ने नहीं अंजाम दिया हो। Black Lives Matter के नाम पर Antifa जैसे उग्रवादी गुटों ने जो उत्पात मचाया, वो इन्ही वामपंथियों के अनुसार अमेरिकी लोकतंत्र के लिए किसी टॉनिक से कम नहीं था, परंतु ट्रम्प के सत्ता से हटने का विरोध करने वाले लोगों का हिंसक प्रदर्शन एक आतंकी तख्तापलट से कम नहीं है। विश्वास नहीं होता तो आप इन ट्वीट्स के माध्यम से वामपंथी विचारधारा को स्पष्ट समझ सकते हैं।
Good Riots Vs Bad Riots pic.twitter.com/yjDjeMR1Sz
— Rishi Bagree (@rishibagree) January 7, 2021
Everyone in the right condemned what happened at Capitol Hill.
But everyone in the left justified rioting by ANTIFA, calling it anger of people fighting for their rights. Just like during anti-CAA protests.
Leftists & Congress will try to do the same in farmers protest too
— Ankur Singh (Modi Ka Parivar) (@iAnkurSingh) January 7, 2021
उदाहरण के लिए अमेरिकी वामपंथियों का मसीहा माने जाने वाला संगठन AOC एवं वामपंथी विचारधारा वाले सांसद Black Lives Matter के नाम पर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को उचित ठहराने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे थे। लेकिन जब वहीं काम ट्रम्प समर्थकों ने किया, तो वे फासीवादी और आतंकी बन गए –
Protest is patriotic. Protest is American. Love of country means you never stop fighting to make it better. https://t.co/5X9Qvp7xR4
— Rep. Pramila Jayapal (@RepJayapal) July 17, 2020
Incited by Trump, these domestic terrorists not only launched a violent assault on our Capitol but on our democracy too.
They attacked America—all of us—and they must be held fully accountable.
Prosecute them. All of them.
— Rep. Pramila Jayapal (@RepJayapal) January 7, 2021
जिस प्रकार से वामपंथी वर्तमान प्रकरण को दक्षिणपंथी की एक नापाक चाल बताने के लिए आतुर है, उनके दावों के ठीक उलट कोई भी इन हमलों को उचित नहीं ठहरा रहा है। लेकिन इन हमलों ने निस्संदेह वामपंथियों की निकृष्ट विचारधारा की पोल खोल दी है, जो हिंसा को भी अपने पैमाने पर तोल मोलके निर्णय देती है, और यदि हिंसा उनके विचारधारा के अनुकूल हो, तो उसका समर्थन भी करते हैं।