न्यूज़ की शक्ल में राजनीतिक एजेंडा परोसने वाले British Broadcasting Channel यानि BBC पर अब UK की बोरिस जॉनसन सरकार का डंडा पड़ने वाला है। UK में बोरिस सरकार हो, अमेरिका में ट्रम्प सरकार हो या फिर भारत में मोदी सरकार, बीबीसी हर देश में अपने खास एजेंडे के तहत अपने लिबरल एजेंडे को आगे बढ़ाता है, जबकि इस्लामिक आतंकवाद और Urban Naxalism जैसे मुद्दों पर बीबीसी अपनी आँखें मूँदकर बैठ जाता है।
हालांकि, अब जल्द ही यह बदलने वाला है, क्योंकि BBC का बॉस बदलने जा रहा है। बोरिस जॉनसन सरकार ने अब Richard Sharp को BBC के अगले चेयरमैन के तौर पर चुना है, जो पूर्व में एक investment firm में ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक के बॉस भी रह चुके हैं। माना जा रहा है कि ये अपने पद पर आने के बाद BBC के लिबरल एजेंडे की धज्जियां उड़ाने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। शायद यही कारण है कि ब्रिटेन की लेबर पार्टी अभी से पहले Richard Sharp की नियुक्ति का विरोध करने लगी है।
लेबर पार्टी के सांसद Richard Burgon ने अपने एक ट्वीट में कहा “Conservative Party को करोड़ों दान करने वाले और ऋषि सुनक के पुराने साथी को BBC का चेयरमैन बना दिया गया है। सारा तंत्र ही बर्बाद हो गया है।” लेबर पार्टी की पीड़ा को समझा जा सकता है, आखिर उनके propaganda tool BBC को Stretcher पर लेटाने की तैयारी जो कर ली गयी है।
अब आप ज़रा BBC के प्रोपेगैंडे को भी समझ लीजिये! अपने आप को निष्पक्ष बताने वाले BBC ने मार्च 2019 में न्यूजीलैंड की एक मस्जिद में किए गए हमले के दोषी को “दक्षिणपंथी” करार दिया था। तब BBC ने इसे दक्षिणपंथी आतंकवाद के नाम से प्रचारित किया था। वर्ष 2020 में जब अमेरिका ने ईरान के सुप्रीम कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या की, तो BBC यह साबित करने में जुट गया था कि कैसे वह कोई आतंकवादी तो बिलकुल नहीं था!
इसके साथ ही BBC समय-समय पर यूरोप और UK में आने वाले migrants के लिए शरणार्थी और asylum-seekers जैसे भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल करता आया है, जबकि वे सभी लोग अवैध घुसपैठिए होते हैं।
भारत के खिलाफ तो BBC का एजेंडा next level ही रहा है। वर्ष 2019 में जब भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया था, तो इसी BBC ने फेक न्यूज़ फैलाकर देश में अराजकता फैलाने की कोशिश की थी। बीबीसी ने एक वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट कर यह दावा किया था कि कश्मीर में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने आँसू गैस के गोले दागे। साथ ही वीडियो में यह भी दावा किया गया था कि भारत सरकार ऐसे किसी भी प्रदर्शन के ना होने का दावा कर रही है जबकि BBC के रिपोर्टर्स ने ऐसे प्रदर्शनों को होते देखा है।
यही नहीं भारत को बदनाम करने के लिए एक लंबा चौड़ा लेख लिखा था जिसमें उसने मर्यादा की सारी सीमाएं लांघते हुए भगवान राम के सहारे भारत को एक मुस्लिम विरोधी राष्ट्र घोषित करने की कोशिश की थी।
अब चूंकि BBC का बॉस बदलने जा रहा है, तो उम्मीद है कि BBC के इस एजेंडे पर भी रोक लगेगी। वही एजेंडा, जिसके कारण BBC की लोकप्रियता लगातार कम होती जा रही है। लोकप्रियता घटने के कारण ही पिछले वर्ष जनवरी में शॉर्टवेव पर प्रसारित होने वाली हिंदी रेडियो प्रसारण सेवा को बंद कर दिया गया था। यहाँ तक कि UK में भी अब BBC अपनी लोकप्रियता धीरे-धीरे खोता जा रहा है।
अब उम्मीद है कि Richard Sharp के पद संभालने के बाद ना सिर्फ BBC के एजेंडे पर रोक लग पाएगी बल्कि दोबारा यह लोगों का विश्वास भी जीत पाएगा!