जो बाइडन का अमेरिकी राष्ट्रपति बनना ही अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बुरा सपना साबित हो रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति के नए कदम से अमेरिकी बिजली क्षेत्र में चीनी घुसपैठ अनिवार्य हो जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी बिजली ग्रिड को किसी भी चीनी हस्तक्षेप से बचाने के लिए कई कदम उठाए थे, लेकिन ऐसा लगता है कि जो बाइडन अमेरिका का बिजली क्षेत्र सीसीपी को बेचने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं। 20 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश में, बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित ““Executive Order on Securing the United States Bulk-Power System” को 90 दिनों के लिए निलंबित कर दिया।
अब सभी महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेशों का भविष्य अधर में लटक गया है, और इसका निर्धारण बाइडन के Secretary of Energy and Director of the Office of Management and Budget (OMB) के निदेशक द्वारा किया जाएगा।
अप्रत्याशित रूप से, बाइडन प्रशासन के ओएमबी प्रमुख ने पूर्व में सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस (सीएपी) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है, जो एक प्रतिष्ठान थिंक टैंक है। यही नहीं ये थिंक टैंक CAP की तरफ से चीन भी जा चुके हैं तथा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ कई रिपोर्ट्स लिख चुके हैं।
अब एक प्रकार से चीन का पालतू, डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति के कार्यकारी आदेश की सत्यता की जांच करेगा, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव को अमेरिकी पावर ग्रिड और बल्क इलेक्ट्रिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर से दूर रखने के लिए पारित किया गया है। ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित मई 2020 EO का एकमात्र उद्देश्य अमेरिका के बिजली क्षेत्र में किसी भी चीनी घुसपैठ को रोकना था। हालांकि, जो बाइडन चीनी प्रभाव को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम का मकसद किसी भी व्यक्ति द्वारा या किसी भी अन्य देश द्वारा बीपीएस के बिजली के उपकरणों के अधिग्रहण, आयात, हस्तांतरण, या स्थापना पर तत्काल रोक लगाना था जिससे अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा न हो। यह अमेरिकी बिजली क्षेत्र, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा, या अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ही पारित किया गया था जिससे चीनी कंपनियों को अमेरिका में अपने पांव फैलाने से रोका जा सके।
यह एक सपना नहीं था जिसके कारण राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिका में किसी भी चीनी बिजली के बुनियादी ढांचे का उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। वास्तव में, यह एक सबक था जो उनके प्रशासन ने फिलीपींस से सबक लिया क्योंकि CCP ने वहां कई बिजली पॉवर ग्रिड को अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया था। वहीं ऑस्ट्रेलिया में, भी कई लोग मानते हैं कि चीनी दो मिनट में देश की बिजली ग्रिड को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिसे ठीक करने में दो साल से कम समय नहीं लगेगा।
इसे देखते हुए कोई भी राष्ट्रध्यक्ष अपने देश को CCP के चंगुल से बचाने के लिए कदम उठाएगा और अपने देशों के बिजली क्षेत्रों से चीनी प्रभाव को बाहर करने और भविष्य में किसी भी चीनी भागीदारी को प्रतिबंधित करने के लिए कदम उठाएगा।
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में, चीनी कंपनियों ने ऑस्ट्रेलिया द्वारा आयातित 70 ट्रांसफार्मर में से 29 की आपूर्ति की। इसकी तुलना 2011-12 के आंकड़ों से करें, जब चीन में मामूली हिस्सा था और ऑस्ट्रेलिया में आयात किए गए 135 ट्रांसफार्मर में से केवल 8 की आपूर्ति की गई थी, जबकि वियतनाम ने 33 की आपूर्ति की थी। चीनी बिजली के उपकरणों के इस प्रकार आयात बढ़ने से कई लोगों को आश्चर्य भी हुआ था।
CCP, बाइडन प्रशासन से अपनी निकटता के माध्यम से, यह सुनिश्चित करेगा कि ट्रम्प द्वारा अमेरिकी पॉवर सेक्टर में चीनी भागीदारी पर लगाए गए प्रतिबंध को स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाए। जो बाइडन, ओवल ऑफिस में अपने पहले दिन से ही लगातार ट्रंप के फैसलों को बदल रहे हैं। बता दें कि जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन के चीन के साथ व्यापारिक संबध के कारण लगाम CCP के पास है। यदि जो बाइडन अमेरिका में चीनी हस्तक्षेप करने में सीसीपी की सहायता नहीं करते है, तो वह हंटर बाइडन के ड्रैगन के साथ व्यापारिक संबंधो के बारे में चौंकाने वाले खुलासे करना शुरू कर सकता है।
इसलिए ऐसा लगता है कि खुद को और अपने बेटे को बचाने के लिए, बाइडन चीन को अमेरिकी बिजली क्षेत्र में हस्तक्षेप का मौका दे रहे हैं।