भारत का वर्तमान ऑस्ट्रेलियाई दौरा क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी विशिष्ट उपहार से कम नहीं था। अब तक दो टेस्ट मैच हो चुके हैं, जिसमें दोनों टीम में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। लेकिन दुर्भाग्यवश ये सीरीज विवादों के घेरे में आ गई है। दरअसल, क्रिकेट जगत को शर्मसार करते हुए सिडनी में हो रहे भारत और ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट मैच के दौरान कुछ भारतीय खिलाड़ियों के विरुद्ध नस्लभेदी टिप्पणियां की गई, जिसके पीछे ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड को माफी मांगते हुए इस मामले के विरुद्ध जांच भी बिठानी पड़ी।
हुआ यूं कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन भारतीय टीम मैदान पर थी। नशे में धुत कुछ ऑस्ट्रेलियाई समर्थकों ने सीमाएं लांघते हुए भारत के तेज गेंदबाजों, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पर नस्लभेदी टिप्पणियां भी की। लेकिन बात वहीं पर नहीं रुकी, क्योंकि अगले दिन भी इन्हीं दोनों खिलाड़ियों को निशाना बनाकर टिप्पणियां की जा रही थी।
फलस्वरूप भारतीय टीम के खिलाड़ियों की शिकायत के बाद सिडनी क्रिकेट ग्राउन्ड के कर्मचारियों को एक्शन लेने के लिए विवश होना पड़ा और उन्होंने कई दर्शकों को मैदान से बाहर भी खदेड़ा। इसके पश्चात एक आधिकारिक बयान में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के हेड ऑफ इंटीग्रिटी एंड सिक्योरिटी शौन कैरोल ने कहा, “क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया किसी भी प्रकार के नस्लभेदी व्यवहार को बढ़ावा नहीं देता”।
कैरोल न आगे अपने बयान में कहा, “अगर आप नस्लभेदी बकवास को बढ़ावा देंगे, तो आप ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के योग्य नहीं है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया आईसीसी द्वारा इस मामले पर हो रही कार्रवाई के परिणाम आने की प्रतीक्षा कर रही है। एक बार दोषियों की पहचान हो गई, तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अपने एंटी हरासमेंट कोड के अंतर्गत कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी”।
इसके अलावा कैरोल ने बिना शर्त भारत से माफी मांगते हुए कहा, “सीरीज होस्ट करने के नाते हम अपने भारतीय मित्रों से बिना किसी शर्त के क्षमा मांगते हैं और हम उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि मामले की तह तक जांच होगी”।
We have launched an investigation in parallel with NSW Police following a crowd incident at the SCG today. Full statement 👇 pic.twitter.com/D7Qu3SenHo
— Cricket Australia (@CricketAus) January 10, 2021
इससे पहले भी सिडनी क्रिकेट ग्राउन्ड कई बार विवादों के घेरे में आ चुका है। 2008 के उस टेस्ट को कोई कैसे भूल सकता है, जब अंपायरों ने न केवल पक्षपाती निर्णय लिए, बल्कि भारतीय क्रिकेटरों को झूठे आरोपों में भी फंसवाने का प्रयास किया। इस विवादास्पद टेस्ट के कारण भारतीय टीम ने दौरा रद्द करने तक की धमकी दे दी, तब जाकर आईसीसी को मामला अपने हाथों में लेना पड़ा था।
सीनियर खिलाड़ी रविचंद्रन आश्विन ने कहा, “सिडनी में इससे पहले भी इस प्रकार के कड़वे अनुभव रहे हैं। भीड़ ने कई बार खिलाड़ियों को गालियां भी दी है। ये बिल्कुल अस्वीकार्य है और इसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए”।
We've had a few experiences in the past here in Sydney.Crowds have hurled abuses. We have lodged a complaint this time. It is definitely not acceptable in this day & age & must be dealt with an iron fist: R Ashwin, on racial slurs hurled at Indian cricketers in Sydney, #Australia pic.twitter.com/xUZpsjve8k
— NewsMobile (@NewsMobileIndia) January 10, 2021
जिस प्रकार से आज के समय भी कुछ लोग नस्लभेद जैसी कुत्सित रीति में विश्वास रखते हैं, वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। परंतु जिस प्रकार से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय खिलाड़ियों पर कार्रवाई की है, वो सराहनीय है, और कई मायनों में ये एक सकरात्मक संदेश भी देता है।