हाल ही में एमेजॉन प्राइम पर तांडव जैसा फीका, पर भ्रामक और भड़काऊ वेब सीरीज रिलीज़ हुई है। इसमें भर भर के हिन्दू धर्म पर लांछन लगाया गया है, जातिवाद को बढ़ावा दिया गया है, यहाँ तक कि पुलिस और न्याय प्रशासन पर उँगलियाँ उठाई गई है, लेकिन एक्शन लेना तो दूर की बात, प्रकाश जावड़ेकर इस विषय पर मौन साधे हुए हैं।
तांडव में ऐसी ऐसी चीजें दिखाई गई, जो न सिर्फ गलत है, पर कई स्तर पर भड़काऊ भी। जिस समय देश में कुछ अराजकतावादी दिल्ली की सीमाओं को घेरे हुए हों, उस समय ऐसा शो दिखाना, जो न केवल विरोध के नाम पर अराजकतावाद का समर्थन करता है, बल्कि उसे बढ़ावा भी देता है, न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि वर्तमान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की प्रतिबद्धता पर प्रश्न चिन्ह भी खड़ा करता है।
अभी कुछ महीनों पहले इसी मंत्रालय ने OTT पर प्रसारित होने वाले किसी भी कॉन्टेन्ट को अपने दायरे में लाने की बात की थी। अगर ऐसा सच में हुआ है, और सरकार ने इसे लागू किया है, तो तांडव जैसे शो प्रसारित कैसे हो रहे हैं? सोशल मीडिया पर जनता से लेकर कई भाजपा नेताओं ने भी OTT पर प्रसारित कॉन्टेन्ट के लिए आवश्यक नियमावली के होने की बात की है। अगर यह नियमावली वर्तमान में लागू है, तो तांडव के विरुद्ध एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है।
कुछ वर्षों पहले जब आरोप लगे थे कि केंद्र सरकार द्वारा स्कूली पाठ्यक्रम पुस्तक का एक अंश तक नहीं बदला गया था। लेकिन आज जिस प्रकार से कई कॉन्टेन्ट निर्माता दिन प्रतिदिन विषैला, हिन्दू विरोधी और कभी कभी तो भारत विरोधी कॉन्टेन्ट धड़ल्ले से स्ट्रीम करवाते हैं, उससे स्पष्ट पता चलता है कि उनका वो बयान समझदारी का नहीं, बल्कि अज्ञानता का प्रत्यक्ष प्रमाण था।
प्रकाश जावड़ेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्री तो हैं, लेकिन तब से अब तक उनके स्वभाव में कोई अंतर नहीं आया है। हिन्दू विरोधी और भारत विरोधी बेधड़क अपने विषैले कॉन्टेन्ट का प्रचार प्रसार करते हैं, और प्रकाश जावड़ेकर एक सूखी आलोचना तक ही सीमित रह जाते हैं। जिस प्रकार से पिछले दो वर्षों में उन्होंने अपनी कार्यशैली प्रस्तुत की है, उस हिसाब से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अब केवल नाम का मंत्रालय रह गया है, जहां वास्तव में कोई साहसिक निर्णय लेने की क्षमता नजर नहीं आती ।
रचनात्मकता के नाम पर सनातन संस्कृति का अपमान आखिर कब तक चलता रहेगा? इसी विषय पर TFI के संस्थापक अतुल मिश्रा ने एक आलोचनात्मक ट्वीट पोस्ट किया, “प्रिय प्रकाश जावड़ेकर, OTT एप्प एक के बाद एक हिन्दू विरोध सीरीज़ बनाते जा रहे हैं, जिसमें तांडव सबसे ताज़ा उदाहरण है। चलिए हम OTT एप्प को एक बार को अनइन्स्टॉल कर सकते हैं, कुछ शो बॉयकॉट भी कर सकते हैं, पर आप कब इन लोगों पर कार्रवाई करेंगे? आप इनफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मंत्री हैं। क्या आपको इसका आभास भी है?
सविनय निवेदन,
एक भाजपाई प्रशंसक और एक प्रखर हिन्दू”।
Dear @PrakashJavdekar,
OTT apps are creating 1 anti-Hindu series after another. #Tandav is the latest. We can uninstall OTT apps, boycott the shows but when will you take these guys to task?You are the I&B Minister. Do you even realize that?
Regards,
A BJP fan & a staunch Hindu— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) January 16, 2021
ऐसे में अब प्रकाश जावड़ेकर की यह जिम्मेदारी बनती है कि यदि वे तांडव पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते, तो कम से कम ऐसे दिशानिर्देश तैयार करें और ऐसे अधिनियम पारित करवाएँ कि आगे से किसी भी व्यक्ति की रचनात्मकता के नाम पर निरंतर सनातन संस्कृति का अपमान करने की फिर कभी हिम्मत भी नहीं हो, अन्यथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय हंसी का पात्र बनकर रह जाएगा।