आंध्र प्रदेश में मंदिरों के विध्वंस पर CM जगन मोहन रेड्डी अब राजनीतिक पैंतरेबाजी करने लगे!

आंध्र प्रदेश में 9 मंदिरों के पुनर्निर्माण से, 140 मंदिरों का हिसाब चुकता होगा?

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री YSR जगन मोहन रेड्डी मंदिर विध्वंस के बाद डैमेज कंट्रोल के मूड में आ चुके हैं। इसके साथ ही अब वो इस पूरे मुद्दे पर राजनीतिक कार्ड खेलने और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उनकी पार्टी TDP पर हमला करने के लिए लिए तैयार हैं जिसका उदाहरण उनके द्वारा पुनर्निर्माण के लिए किया गया कुछ मंदिरों का भूमिपूजन भी है। आंध्र प्रदेश में जनता का गुस्सा YSRCP के खिलाफ बढ़ रहा है। लोगों का आरोप है कि राज्य में केवल अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से ईसाइयों के लाभ के लिए काम किया जा रहा है।

जिस तरह से आंध्रप्रदेश में मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है उसके खिलाफ जनता का गुस्सा है। ऐसे में जगन मोहन रेड्डी ने लोगों के गुस्से का रुख चंद्रबाबू नायडू की तरफ मोड़ने के लिए एक नया प्लान बनाया है। उन्होंने विजयवाड़ा में शुक्रवार को तोड़े गए 9 मंदिरों के पुनर्निर्माण के का ऐलान किया। इसके साथ ही अब जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया है कि राज्य में जो भी मंदिरों को तोड़ने की घटनाएं हो रही हैं। इसकी जड़ में टीडीपी और बीजेपी है और वो ही यहां माहौल खराब करने के लिए इस तरह के कुकृत्य कर रहीं हैं। खास बात है कि जगन ने जिन मंदिरों का पूजन किया है ये सभी चंद्रबाबू नायडू के शासन में टूटे थे।

रेड्डी के अनुसार सभी राजनीतिक पार्टियां राज्य की सत्ता पर अपना कब्जा जमाने के लिए ही इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रही हैं। उन्होंने कहा, “राज्य में राजनीतिक युद्ध का एक नया मॉडल चल रहा है। यहां मंदिरों और मूर्तियों पर राजनीतिक उद्देश्यों के साथ हमला किया जा रहा है। कम आबादी वाले मंदिरों में आधी रात को अलग-अलग स्थानों पर हमला किया जा रहा है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “मंदिर टूटने के बाद उस घटना को जान बूझकर प्रचारित किया जा रहा है। फिर मीडिया का एक वर्ग भी उसे जोर-शोर से दिखा रहा है। विपक्षी भी इस मुद्दे पर राजनीतिक कार्ड खेलने का मौका हासिल कर रहे हैं।”

इस बीच राज्य के पर्यटन और संस्कृति मंत्री मुथसमिति श्रीनिवास राव ने विशाखापटनम में कहा कि चंद्रबाबू नायडू मंदिरों पर हमलों के जरिए जानबूझकर जगन रेड्डी के ईसाई धर्म को जोड़ रहे है़ जिससे राज्य में सांप्रदायिक घृणा पैदा हो। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी सरकार को विफल करने के लिए विपक्षी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा मंदिरों पर हमला किया जा रहा है।

दिलचस्प है कि उन्होंने 2016 में विजयवाड़ा में ध्वस्त किए गए नौ मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए भूमि पूजन भी किया, 2016 में चंद्रबाबू नायडू की सरकार थी। उस वक्त रेड्डी ने इसके खिलाफ काफी बयान बाजी की थी। ऐसे में वो भी अब नायडू के खिलाफ इन्हीं बातों को एक बार फिर उछालने की रणनीति बना रहे हैं। जो दिखाता है कि उन्हें मंदिरों या हिंदुओं से खास मतलब नहीं है वो बस अपने वोटों की पूर्ति में लगे हैं। जगन अब हिन्दुओं के प्रति सहानुभूति रखते हुए उनके मसीहा की भूमिका में दिखना चाहते हैं ओर इसलिए उन्होंने बार-बार चंद्रबाबू नायडू का नाम लिया है।

जगन मोहन रेड्डी, आंध्र प्रदेश में मंदिरों के टूटने के लिए चाहे जितना भी चंद्रबाबू नायडू को दोषी ठहरा लें; लेकिन ये हकीकत नहीं छिपेगी कि उनके सत्ता में आने के बाद अब तक राज्य के 140 से ज्यादा म़दिर टूट चुके हैं, और ये उन्हें अब बहुत परेशान करने वाला है।

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