तांडव के खिलाफ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने महज कागजी कार्रवाई कर कोरम पूरा किया है

तांडव

हाल ही में एमेजॉन प्राइम पर स्ट्रीम हो रहे विवादित शो के विरुद्ध बढ़ते जनाक्रोश के चलते केंद्र सरकार से संबंधित सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा शो के निर्माता, निर्देशक एवं एमेजॉन प्राइम इंडिया की कॉन्टेन्ट हेड को सम्मन किया गया था। तद्पश्चात आवश्यक बदलाव का भी आश्वासन दिया गया था, जिसकी जानकारी अली अब्बास ज़फ़र ने ट्विटर पर दी। लेकिन उनके बयान से ऐसा लग रहा है, मानो वह बदलाव सिर्फ नाम के लिए किये जा रहे हैं।

हाल ही में एमेजॉन पर प्रसारित होने वाली सीरीज तांडव के विरुद्ध सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश उमड़ पड़ा। शो के घृणास्पद, हिन्दू विरोधी कॉन्टेन्ट के पीछे कई राज्यों में तो मुकदमे भी दायर किये गए हैं, और अब उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम पूछताछ के सिलसिले में मुंबई भी पहुँच चुकी है। इसी बीच केंद्र सरकार की ओर से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से एमेजॉन प्राइम को नोटिस भेजा गया। ऐसे में शो के निर्माताओं एवं निर्देशक अली अब्बास ज़फ़र ने मंत्रालय के निर्देशानुसार शो में आवश्यक बदलाव करने की घोषणा की है। ज़फ़र के ट्वीट के अनुसार, “हमने परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शो में कुछ बदलाव करने का निर्णय किया है। यह बदलाव सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दिशानिर्देश और मार्गदर्शन में किया जाएगा, जिसके लिए हम उनके बहुत आभारी है”।

https://twitter.com/ColFool_/status/1351544611416670208?s=20

तो इसमें समस्या क्या है? दरअसल, अपने स्पष्टीकरण में अली अब्बास ज़फ़र ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के बारे में कहा कि शो में बदलाव उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के कहने पर किया, जिसके लिए वे आभारी हैं। अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय यदि इन लोगों के विरुद्ध एक्शन लेने वाला था, तो इसके लिए अली अब्बास ज़फ़र आभारी क्यों है? ऐसा लगता है कि तांडव के खिलाफ आलोचनाओं को देखते हुए मंत्रालय ने केवल एक कोरम पूरा कर दिया और नोटिस जारी कर दिया परन्तु किसी भी तरह की सख्ती नहीं दिखाई।

https://twitter.com/ColFool_/status/1351544611416670208?s=20

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक्शन लेने के नाम पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, बल्कि एमेजॉन प्राइम की खुशामद की है। इसीलिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का ये कदम सराहनीय तो बिलकुल नहीं नहीं, क्योंकि वह निर्देश देने के अलावा कुछ विशेष नहीं करता। प्रकाश जावड़ेकर के इसी ढीले ढाले रवैये के कारण उनके विरुद्ध सोशल मीडिया पर काफी आक्रोश उमड़ा था, और जनता ने जावड़ेकर को इस्तीफा देने तक के लिए भी कहा था। लेकिन वर्तमान गतिविधियों को देखते हुए लगता है कि प्रकाश जावड़ेकर ने कोई भी सीख नहीं ली है।

 

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