लगता है ममता बनर्जी को उलटी गंगा बहाने का बहुत शौक है। इसीलिए वह सदैव ऐसे निर्णयों को बढ़ावा देती है, जो न सिर्फ समाज के लिए, बल्कि व्यवहारिकता के लिए भी काफी खतरनाक हो सकते है। 26 वें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन के दौरान ममता बनर्जी ने घोषणा की, कि जल्द ही सिनेमा हॉल आधी capacity पर काम करने के बजाए पूरी capacity पर कम करेगी।
यदि ऐसा सच में होता है, तो ममता बनर्जी ऐसा करने वाली देश की दूसरी मुख्यमंत्री होंगी, क्योंकि उनसे पहले तमिलनाडु सरकार ने भी ऐसा ही प्रस्ताव पारित किया था। लेकिन इसके पीछे की वजह क्या थी?
कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी द्वारा इस निर्णय के पीछे दो प्रमुख कारण है एक है फिल्म उद्योग को बंगाल की ओर आकर्षित करना, और दूसरा है राज्य के घटते राजस्व को सँभालना, जिसे पिछले कई महीनों से कर्ज की बढ़ती राशि के कारण कई संकटों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा उन्होंने बंगाली गौरव का बखान करते हुए कहा, “ठीक है कि हम इस उत्सव का आयोजन छोटे स्तर पर कर रहे हैं, परंतु और किसी राज्य में ऐसा करने की हिम्मत ही नहीं है । ये बंगाल है, जो कि देश की सांस्कृतिक राजधानी है”
अभी कुछ ही दिन पहले तमिलनाडु सरकार ने इसी पद्वति पर चलते हुए 100 प्रतिशत capacity पर सिनेमा चलाने का आदेश दिया। इस आदेश को लेकर काफी लोगों में आक्रोश उमड़ पड़ा और केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा तमिलनाडु सरकार को चेतावनी भी देनी पड़ी थी। अपने पत्र में उन्होंने स्पष्ट कहा कि वुहान वायरस के लिए सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइंस का कोई भी राज्य उल्लंघन नहीं कर सकता है।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अपने वर्तमान निर्णय से एक बार फिर ममता बनर्जी ने मानो केंद्र सरकार को चुनौती देने का प्रयास किया है। जिस प्रकार से राज्य का राजस्व रसातल में है, इसीलिए उसे पाटने के लिए ममता बनर्जी अपने राज्य के लोगों की बलि चढ़ाने को भी तैयार है, क्योंकि अभी वैक्सीन का आधिकारिक रूप से वितरण होने में कम से कम कुछ हफ्ते शेष हैं।
वुहान वायरस से निपटने में बंगाल का रिकॉर्ड अन्य राज्यों के मुकाबले काफी खराब है। लेकिन इसके बावजूद जिस प्रकार से ममता बनर्जी कुछ रुपयों के लिए बंगालियों की जान जोखिम में डालने को तैयार है, उससे स्पष्ट है कि बंगाल की मुख्यमंत्री के पास वुहान वायरस से निपटने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।