अपने ही हाथों से अपनी कब्र कैसे खोदते हैं, ये कोई पाकिस्तान से सीखे। बरसों बाद जो बाइडन के रूप में पाकिस्तान के लिए एक ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति आया, जो पाकिस्तान के लिए किसी फ़रिश्ते से कम नहीं होता। पाकिस्तान को भी आशा थी कि जो बाइडन उनकी मंशाओं को पूरा करने में मदद करेंगे, और शायद बाइडन अपने अति उदारवादी व्यक्तित्व के कारण कर भी देते। लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने हाल ही में ऐसा निर्णय लिया है, जिससे अब शायद ही बाइडन प्रशासन ही उसके विनाश की नींव रख दे।
हाल ही में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहमद उमर सईद शेख की रिहाई के आदेश दिए हैं। यह अहमद उमर सईद शेख वही आतंकी है, जिसने न सिर्फ 9/11 और 26/11 जैसे आतंकी हमलों में अहम भूमिका निभाई थी, बल्कि डेनियल पर्ल नामक अमेरिकी पत्रकार के अपहरण और हत्या में भी इसका बहुत बड़ा हाथ था।
अब इसी अहमद उमर सईद शेख को खुला छोड़ने की तैयारी की जा रही है। 2-1 के मत से उसे बरी करने का निर्णय लिया गया है। लेकिन बात इतने पर ही नहीं रुकती। अहमद के साथ तीन अन्य पाकिस्तानी आतंकी, जो डेनियल पर्ल की हत्या में नामजद थे, अब रिहा किये जाएंगे।
बता दें कि डेनियल पर्ल वॉल स्ट्रीट जर्नल दक्षिण एशिया ब्यूरो अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे, उन्हें 2002 में कराची शहर में रिचर्ड रीड नामक ब्रिटिश आतंकी की कवरेज के समय ही अगवा किया गया। डेनियल पर्ल की जघन्य हत्या [जिसका प्रसारण भी कई जगह किया गया] से पूरी दुनिया के पत्रकारों और आम जनों में आक्रोश उमड़ पड़ा।
ऐसे में डेनियल पर्ल के प्रमुख हत्यारों में से एक को खुला छोड़ना भला अमेरिका को कैसे सुहाता? डेनियल पर्ल के परिवार से लेकर अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान को इसके लिए जमकर लताड़ा। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने स्पष्ट कहा, “मैं पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान निर्णय से बेहद चिंतित हूँ। हम पर्ल परिवार के न्याय की लड़ाई में उनके साथ हैं और हमारी ड्यूटी है कि आतंकियों को जवाबदेह ठहराया जाए”।
I am deeply concerned by the Pakistani Supreme Court’s decision to acquit those involved in Daniel Pearl’s kidnapping and murder. We are committed to securing justice for the Pearl family and holding terrorists accountable.
— Secretary Antony Blinken (@SecBlinken) January 28, 2021
उमर सईद शेख भारत का भी मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी है, जिसे कंधार हाईजैक कांड में छोड़ा गया था। अब भारत ने भी इस निर्णय के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार, “हफीज सईद और अब अहमद उमर सईद शेख की रिहाई से सिद्ध होता है की पाकिस्तान आतंक के विरुद्ध कार्रवाई करने को वास्तव में कितना प्रतिबद्ध है। ये न्याय पर एक गहरा आघात है”।
व्हाइट हाउस में सत्ता परिवर्तन के पश्चात पाकिस्तान के पास जो बाइडन को अपने पाले में करने का एक सुनहरा अवसर था। यदि वे डेनियल पर्ल के हत्यारों को सलाखों के पीछे रखते, तो शायद उन्हें बाइडन प्रशासन से कुछ वित्तीय सहायता भी मिलती, जो ट्रम्प प्रशासन के नेतृत्व में बिल्कुल ही बंद हो गई थी।
परंतु अहमद उमर सईद शेख सहित डेनियल पर्ल के हत्यारों को रिहा कर पाकिस्तान ने अपने हाथ से यह सुनहरा अवसर भी जाने दिया था। बाइडन प्रशासन ट्रम्प के विरोध में चाहे जितने ऊटपटाँग निर्णय ले लेकिन वह ऐसे संवेदनशील मामलों पर मौन रहकर अपनी मिट्टी पलीद करने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगा, और यह पाकिस्तान के लिए शुभ संकेत तो बिल्कुल नहीं है।