राजदीप सरदेसाई को जानबूझकर दिल्ली पुलिस के विरुद्ध झूठी खबरें प्रसारित करना बहुत महंगा पड़ गया है। पहले तो सच्चाई सामने आने पर उसे अपना भड़काऊ ट्वीट डिलीट करना पड़ा, और फिर उसे इंडिया टुडे ने भी दो हफ्तों तक ऑन एयर आने पर रोक लगा दी है, और एक महीने का वेतन भी निरस्त कर दिया है।
परंतु राजदीप ने ऐसा किया भी क्या था जिसके कारण उन्हें ऐसी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है? दरअसल, राजदीप ने यह ट्वीट किया कि एक किसान पुलिस की गोलियों से मारा गया। जनाब के अनुसार, “45 वर्षीय नवनीत पुलिस की फायरिंग में मारा गया है। किसान कहते हैं कि उसका बलिदान बेकार नहीं जाएगा” –
And @sardesairajdeep deleted his tweet. Just imagine the kind of fake propaganda they must have spread during 2002 when News Channels were only source of information. pic.twitter.com/kPtmA2oi4w
— Facts (@BefittingFacts) January 26, 2021
लेकिन राजदीप का झूठ जल्द ही पकड़ा गया। स्थानीय लोगों के अनुसार वह उपद्रवी पुलिसवालों को ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास कर रहा था। इसी प्रयास में उसका ट्रैक्टर पलट गया, और वह उपद्रवी मारा गया। लेकिन जिस प्रकार से राजदीप भ्रामक ट्वीट कर रहे थे, वह मानो दिल्ली पुलिस पर हमला करवाने के लिए भीड़ को उकसा रहे थे। लेकिन इतने पर भी राजदीप नहीं रुके। लाइव टीवी कवरेज पर भी वह अपने झूठ को दोहरा रहे थे, और जनाब कह रहे थे कि नवनीत की मृत्यु पुलिस की गोली सर में लगने से हुई है।
इसके अलावा वह उपद्रवियों को बढ़ावा देने के आरोपी योगेंद्र यादव को न सिर्फ अपने चैनल पर पूरी कवरेज दे रहे थे, बल्कि उन्हें अपनी झूठी दलीलें पेश करने का पूरा अवसर दे रहे थे। ऐसे में इतना तो स्पष्ट है कि राजदीप न सिर्फ उपद्रवियों का बचाव कर रहे थे, बल्कि उन्हें दिल्ली पुलिस के विरुद्ध हिंसा करने के लिए भी खुलेआम भड़का रहे थे।
लेकिन आपको यदि लगता था कि राजदीप सरदेसाई के विरुद्ध ये कार्रवाई यहीं तक रुक जाएगी तो ठहरिए। ये कार्रवाई तो बस शुरुआत है, क्योंकि जो राजदीप ने किया है, उसके लिए तो कोई भी सजा बहुत कम महसूस होगी। राजदीप के भड़काऊ ट्वीट के कारण ही 300 से अधिक दिल्ली पुलिस के कर्मचारी घायल हुए हैं, ये उन्हीं के ट्वीट की करामात है कि ITO पर उपद्रव मचा रहे अराजकतावादी सीधे सीधे लाल किले तक पहुँच गए, जहां उपद्रव करने के साथ साथ तोड़फोड़ भी की गई, और दिल्ली पुलिस वालों पर भी घातक हमले हुए।
ऐसे में राजदीप को सस्ते में नहीं छोड़ा जा सकता, और वही हो भी रहा है। राजदीप के विरुद्ध इंडिया टुडे तक को एक्शन लेना पड़ा, ये इसी बात का संकेत है कि अभी खेल खत्म नहीं हुआ है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में राजदीप सरदेसाई के साथ-साथ कांग्रेसी सांसद शशि थरूर, हिंदुस्तान टाइम्स की पूर्व संपादक और नेशनल हेराल्ड की मुख्य संपादक मृणाल पाण्डे और कारवां मैगजीन के संपादक सहित कई लोगों पर उत्तर प्रदेश में भ्रामक खबरें फैलाने और हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप में FIR भी दर्ज हुई है –
Breaking : FIR registered in UP against Shashi Tharoor, Rajdeep Sardesai, Mrinal Pandey and editors of Caravan magazine for spreading fake news and provoking communal violence pic.twitter.com/GBIupEd6N5
— Kreately.in (@KreatelyMedia) January 28, 2021
इतना ही नहीं, अब खबरें ये भी आ रही है कि राजदीप ने इंडिया टुडे को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। यदि ये सत्य है तो अब राजदीप की शामत आनी तय है। उन्हें किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जा सकता, और ये राजदीप के अंत का प्रारंभ है।