पुद्दुचेरी में सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी DMK, TN में भी मिलेगा कांग्रेस को झटका

कांग्रेस-डीएमके गठबंधन टूटने के पूरे आसार, दक्षिण भारत से भी कांग्रेस का पतन तय

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यूपीए के भरोसेमंद साथी डीएमके के बदलते सुर अब कांग्रेस के लिए एक साथ दो राज्यों में मुसीबतें लेकर आने वाले हैं। स्टालिन की डीएमके राजनीतिक धमाका तो पुद्दुचेरी में करेगी, लेकिन उसकी गूंज तमिलनाडु तक सुनाई देगी। डीएमके के पुद्दुचेरी में वरिष्ठ नेता जगतरक्षगण ने ऐलान किया है कि इस बार उनकी पार्टी विधानसभा की सभी 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। डीएमके का ये ऐलान कांग्रेस के लिए एक बड़े झटके की तरह है क्योंकि इससे न केवल कांग्रेस को पुद्दुचेरी में नुकसान होगा बल्कि तमिलनाडु के राजनीतिक गणित पर भी कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ेंगी।

डीमके नेता एमके स्टालिन और पुद्दुचेरी के सीएम वी नारायणसामी के बीच काफी अच्छी दोस्ती है। इसके बावजूद अब राज्य में अब कांग्रेस और डीएमके के बीच दरार की स्थितियां हैं। पुद्दुचेरी के वरिष्ठ डीएमके नेता जगतरक्षगण ने एक रैली के दौरान कहा कि उनकी पार्टी डीएमके इस बार राज्य की सभी 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और यदि ऐसा नहीं हुआ तो वो फिर इसी स्टेज पर आत्महत्या कर लेंगे। खास बात ये है कि इस बयान को देने से पहले उन्होंने पार्टी के राज्य ईकाई के नेताओं के साथ चुनावों को लेकर बैठक की थी, वो पिछले काफी वक्त से लगतार इस तरह क बयान देते रहे है, जो कांग्रेस के लिए घातक हैं।

डीएमके और कांग्रेस के बीच ये तकरार इससे पहले भी सामने आई थी, जब उपराज्यपाल को पद से हटाने को लेकर राजभवन के सामने किरण बेदी के खिलाफ सीएम नारायणसामी और उनकी कैबिनेट धरने पर बैठी थी। उस दौरान डीएमके ने इस विरोध प्रदर्शन से खुद को अलग कर लिया था, और इस पूरे प्रकरण में कोई खास बयानबाजी भी नहीं की थी। कांग्रेस के गठबंधन पर लगातार पड़ती दरार उसके लिए पुद्दुचेरी में मुसीबतें खड़ी करेगी, क्योंकि पिछले चुनावों में डीएमके ने 9 सीटों पर लड़कर 2 सीटें जीतीं थी। इस मामले में यदि डीएमके 30 सीटों पर लड़कर जितनी भी सीटों पर जीत दर्ज करेगी, उससे नुकसान कांग्रेस का ही बढ़ेगा, क्योंकि इस केन्द्रशासित प्रदेश में डीएमके बड़ी राजनीतिक सेंधमारी करने की कोशिश में हैं।

इसके इतर कांग्रेस के लिए मुसीबतें केवल पुद्दुचेरी में ही नहीं बल्कि तमिलनाडु में भी बढ़ेंगी। तमिलनाडु में कांग्रेस अपना जनाधार मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है क्योंकि डीएमके के साथ गठबंधन में वो वहां छोटे भाई की भूमिका में है। डीएमके तमिलनाडु में भी कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने को राजी नहीं है। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने विदेश दौरे से सीधे लौटकर जल्लीकट्टू जैसे खेल में शामिल होने तमिलनाडु पहुंच गए थे। यद्यपि कांग्रेस ने अपनी नीतियां बदल ली हैं पर वो अब रैलियों के जरिए जनता से जुड़कर डीएमके पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही हैं जिससे राज्य में उसका कथित रसूख बना रहे। हालांकि, डीएमके की तरफ से अभी भी कांग्रेस को ज्यादा भाव नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण बीजेपी और एआईएडीएमके को फायदा हो सकता है क्योंकि यूपीए के गठबंधन में उहापोह की स्थितियां हैं।

इस पूरे हालिया प्रकरण और पुद्दुचेरी की ताजा स्थिति को देखकर ये बात आसानी से कही जा सकती है कि कांग्रेस के लिए डीएमके पुद्दुचेरी में मुसीबतों का अंबार तो ला ही रही है, साथ ही तमिलनाडु में भी गठबंधन में कांग्रेस को ज्यादा भाव न देकर वो एक साथ उसका दो राज्यों में जनाधार निपटाने पर तुली है।

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