अकसर ये कहावत सुनने को मिलती है कि ज्यादा स्मार्ट बनने वाले लोग असल में सबसे ज्यादा मूर्ख होते हैं। उन्हें आसानी से कोई भी साधारण व्यक्ति धोखा दे सकता है। एनडीटीवी की वरिष्ठ एंकर रही निधि राजदान के हार्वर्ड विश्वविद्यालय वाले फ्रॉड की घटना कुछ ऐसी ही है। लोग निधि का मजाक उड़ा रहे हैं कि आखिर पिछले साल भर से उनके साथ दुनिया की एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के नाम पर धोखाधड़ी हो रही थी, और वो इन सारी बातों से अनजान कैसे थीं? हर एक गैरजरूरी मुद्दे की बाल की खाल निकालने की प्रवृति रखने वाले एनडीटीवी के पत्रकार क्या असल जीवन में इतने ही पेशेवर हैं?
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर बनने की इच्छा के साथ एनडीटीवी को टाटा कर चुकी एंकर निधि राजदान ने बताया है कि उनके साथ पिछले साल भर से हार्वर्ड विश्वविद्यालय के नाम पर धोखा हुआ है। उनका हार्वर्ड में फैकल्टी के तौर पर कोई भी चयन नहीं हुआ है, और इस मामले की गहन जांच के लिए वो विश्वविद्यालय के प्रबंधन से भी संपर्क में हैं, जिससे जालसाजों का पर्दाफाश हो सके। निधि राजदान काफी दुखी हैं क्योंकि इतनी प्रतिष्ठित जगहों पर शिक्षक की जिम्मेदारी किसी गर्व की अनुभूति देती है, लेकिन फिर उस सपने का टूटना और भी बुरा होता है लेकिन क्या निधि राजदान ने इस मामले में जरूरत से ज्यादा ढील नहीं दिखाई?
I have been the victim of a very serious phishing attack. I’m putting this statement out to set the record straight about what I’ve been through. I will not be addressing this issue any further on social media. pic.twitter.com/bttnnlLjuh
— Nidhi Razdan (@Nidhi) January 15, 2021
निधि राजदान को पिछले साल एक रैंडम ईमेल आया और जिसमें कहा गया कि उन्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद के लिए चुना गया है। निधि खुशी में इतना ज्यादा उछल गईं कि उन्होंने इसका ढिंढोरा पीट डाला, कि वो अब हार्वर्ड की प्रोफेसर हैं। निधि राजदान ने ये क्यों दिमाग़ नहीं लगाया कि हार्वर्ड में पत्रकारिता से संबंधित कोई विभाग ही नहीं है, तो आखिर वो वहां पढ़ाएंगी क्या… इतना ही नहीं उन्होंने अपने 20 साल के एनडीटीवी जैसै बाल की खाल निकालने वाले समूह के पत्रकारिता के करियर और अनुभव को भी आतुरता में रौंद डाला, और पत्रकारिता के मूल सिद्धांतों को ही नजरंदाज कर दिया।
Dhruv Rathee ne fact check karke nahin dia kya @Nidhi ,Atleast NDTV uss keliye fact check kar diye hote😀
I didn't surprised,She didn't blame Modi for this😂 pic.twitter.com/7D8CvIxrEv— Mantu Jena (ମଣ୍ଟୁ)✈️ (@MantuTweetz) January 16, 2021
Nidhi Razdan at NDTV office on Monday pic.twitter.com/pEljnmS9vE
— Bigyan Adhikari (@Cesc_bigyan4) January 16, 2021
किसी भी साधारण या असाधारण नई नौकरी में एक साक्षात्कार होता है। डाक्यूमेंट्स का आदान-प्रदान होता है। कुछ जरूरी परीक्षाएं तक होती हैं, लेकिन निधि राजदान के साथ ऐसा कुछ हुआ ही नहीं, और पत्रकारिता के पेशे में रहीं निधि को ये पूरा वाकया अजीब भी नहीं लगा। साफ है कि वो खुद को ज्यादा ज्ञानी और क्षेष्ठ समझती हैं। इसीलिए उनके साथ उस धोखेबाज व्यक्ति ने आसानी से सारे फ्रॉड कर डाले। आज स्थिति ये है कि निधि राजदान जो एक बेहद वरिष्ठ पत्रकार समझी जाती थीं उनका सोशल मीडिया समेत ट्विटर पर मजाक उड़ाया जा रहा है। यही नहीं मजाक एनडीटीवी का भी उड़ाया जा रहा है जो कि निधि को अपने शो में एक गेस्ट पैनलिस्ट के रूप में बुलाकर उनके नाम के आगे एसोसिएट प्रोफेसर, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का विशेषण लगाता है।
Poor fact checking skills.
Just the criteria that certifies you.
To work at NDTV. pic.twitter.com/0Z9MGJtXOv— ak 🇮🇳 (@ak30762) January 15, 2021
निधि राजदान के साथ हुए फ्रॉड के इस पूरे मामले में एनडीटीवी की उस तथाकथित शीर्ष स्तर की पत्रकारिता की पोल भी खुल गई है कि उसके पत्रकारों को ज्ञान और घमंड के कारण बेवकूफ बनाना बहुत आसान है। साथ ही उनकी पत्रकारिता में रिसर्च की शैली खत्म हो चुकी है, जिसकी जगह एजेंडा और प्रोपेगैंडा चलाने वालों ने ले ली है।