“खालिस्तान का झंडा फहराओ और 1.8 करोड़ पाओ”, आंदोलनकारी किसानों के नाम SFJ का पत्र

किसान आंदोलन के जरिए, फिर बुलंद हुई खालिस्तान की मांग

एक बार फिर अपनी औकात दिखाते हुए प्रतिबंधित आतंकी संगठन Sikhs For Justice ने भारत में सिख समुदाय को भड़काने का काम किया है। Sikhs for Justice (SFJ) ने घोषणा की है कि जो पंजाब का किसान इंडिया गेट और लाल किले से भारतीय झण्डा हटाकर खालिस्तान का झण्डा लहराएगा, उसे वे ढाई लाख डॉलर का इनाम देंगे।

SFJ ने एक पत्र के साथ साथ एक वीडियो भी रिलीज किया है, जिसमें उसके सरगना, गुरपतवंत सिंह पन्नू सरदारों को भड़काते हुए दिखाई दे रहे हैं। जनाब कहते हैं, “26 जनवरी आ रही है और लाल किले पर हिन्दुस्तानी तिरंगा है। उसे हटाकर खालिस्तान का परचम लहराना है” –

https://www.youtube.com/watch?v=TxhZY7SmGfg

पर महोदय ढाई लाख डॉलर के इनाम तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने विदेशी नागरिकता का भी प्रलोभन दिया। वीडियो में आगे कहा गया, “दुनिया के कानून आपके साथ हैं। हिंदुस्तान की सरकार यदि एक भी उंगली आप पे उठाए, तो आपको और आपके परिवारों को UN अधिनियमों के अन्तर्गत विदेश में कहीं भी नागरिकता मिल सकती है।”

इसी वायदे के आधार पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि किसान आंदोलन में अलगाववादियों ने भी प्रवेश किया है –

केंद्र सरकार के अनुसार, ये अराजक तत्व शाहीन बाग की पद्वति से प्रेरित होकर गणतंत्र दिवस पर एक समानांतर ट्रैक्टर परेड निकालना चाहते हैं, जो देश की सुरक्षा और गणतंत्र दिवस में हिस्सा ले रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक सिद्ध हो सकता है। जैसा कि TFI ने पहले रिपोर्ट किया था, दिसंबर 2020 में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार SFJ ने कई माध्यमों से भारत में विद्रोह को बढ़ावा दिया था, जिनमें से एक भारतीय सेना को सेवा दे रहे सिख सैनिक भी थे।

ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि वर्तमान पत्र और वीडियो के माध्यम से SFJ एक बार फिर देश में अराजकतावादियों को बढ़ावा दे रहा है, ताकि भारत की छवि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गणतंत्र दिवस के दिन खराब हो सके। इसे केंद्र सरकार को बिल्कुल हल्के में नहीं लेना चाहिए और इस संगठन के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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