व्हाट्सएप ने पिछले हफ्ते भारत में एक नई प्राइवेसी पॉलिसी की घोषणा की थी जिसके बाद उसे विवाद और आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अब नए रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार व्हाट्सएप की नई नीतियों की जांच-पड़ताल शुरू करने जा रही है।
ऐसा लगता है कि व्हाट्सएप के सुनहरे दिन अब समाप्त होने जा रहे हैं और एक भयंकर परेशानी उसके दरवाजे पर दस्तक दे रही है। केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप द्वारा किए गए हालिया परिवर्तनों का मूल्यांकन करने के साथ-साथ जांच भी करने जा रही है। व्हाट्सएप द्वारा भारतीय यूजर को अपने डेटा फेसबुक को शेयर करने पर बाध्य करने वाली इस नीति पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मध्य आंतरिक चर्चा शुरू हो चुकी है।
उपयोगकर्ताओं और शीर्ष व्यापार जगत के नेताओं द्वारा इस प्रवेसी पॉलिसी पर चिंता जताए जाने के बाद अब मंत्रालय ने इस समस्या पर विस्तार से जांच करने का फैसला किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया कीरिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने व्हाट्सएप के नए अपडेट के विवाद की जांच शुरू कर दी है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, “हम जानकारी एकत्र कर रहे हैं।” इस मुद्दे पर आईटी मंत्रालय से उच्चतम स्तर पर चर्चा की जा रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डेटा सुरक्षा के संदर्भ में कोई भी कानून न होने की वजह से सभी चिंतित है। संसद में एक व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून के लिए एक विधेयक है लेकिन कानून बनने से पहले उसमें समय लगने की संभावना है।
यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि व्हाट्सएप की यह नीति सिर्फ भारत के उपयोगकर्ताओं के लिए है न कि यूरोपीय यूजर्स के लिए। यूरोप के यूजर्स का डेटा व्हाट्सएप फेसबुक के साथ साझा नहीं करेगा और ऐसा सिर्फ प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए सख्त यूरोपीय कानूनों के कारण है। फेसबुक को उन कानूनों का पालन करना पड़ता है। कुछ साल पहले यूरोप में डेटा साझा करने के लिए फेसबुक को दंडित भी किया गया था और जुर्माना लगाया गया था।
बता दें कि भारत व्हाट्सएप के लिए एक प्रमुख बाजार है, 400 मिलियन या 40 करोड़ से अधिक यूजर्स मौजूद हैं परंतु व्हाट्सएप की नई नीति उसे घाटे का सौदा साबित होने जा रही है। लोगों को अपने डेटा के बारे में अब चिंता होने लगी है। हैरानी की बात तो ये हैं कि व्हाट्सएप उपयोगकर्ता नई शर्तों से सहमत हुए बिना ऐप का उपयोग नहीं कर पाएंगे। व्हाट्सएप ने यूजर्स को बताया कि यह नीति 8 फरवरी को लागू होगी, और यदि वे ऐप का उपयोग जारी रखना चाहते हैं, तो उन्हें नई नीति से सहमत होना होगा।
इस कारण से एक तरफ अब सरकार ने इस मामले पर जांच तो शुरू कर ही दी है, साथ ही करोड़ो यूजर व्हाट्सएप छोड़ अब टेलीग्राम और सिग्नल पर जा रहे हैं। व्हाट्सएप की नई पॉलिसी जारी होने के महज सात दिनों में भारत में उसका डाउनलोड्स35 फीसदी कम हुआ है। इसके अलावा 40 लाख से अधिक यूजर्स ने सिग्नल और टेलीग्राम एप को डाउनलोड किया है जिनमें 24 लाख डाउनलोड्स सिग्नल के और 16 लाख टेलीग्राम के हैं। व्हाट्सएप की लगातार सफाई देने के बाद भी लोग दूसरे एप पर तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं। महिंद्रा कंपनी समूह और टाटाग्रुप के चेयरमैन सहित पेटीएम और फोनपे जैसी कंपनियों ने भी व्हाट्सएप को अलविदा कह दिया है, वहीं Confederation of All India Traders ने सरकार से नई नीति को रोकने के लिए या व्हाट्सएप और फेसबुक पर बैन लगा देने की मांग की है।
वहीं सरकार भी अब मौजूदा कानूनी ढांचे के खिलाफ नई गोपनीयता नीति का मूल्यांकन करेगा। इसके अलावा, मंत्रालय जल्द ही इस बारे में निर्णय ले सकता है कि उन्हें विवादास्पद नीति के बारे में व्हाट्सएप से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए या नहीं। यानि अगर यह कहा जाए कि भारत में व्हाट्सएप के सुनहरे दिन अब समाप्त हो चुके हैं तो यह गलत नहीं होगा।
‘भारत पर इस्लामी आक्रमण होगा, तो किस तरफ होंगे सेना के मुस्लिम’? अंबेडकर को था संदेह, लिखा – इस्लाम के लिए हमारा देश दारुल हर्ब
बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर इस्लाम के कट्टरवाद के खिलाफ बेहद मुखर थे। वे मानते थे कि हिंदू और मुस्लिम ना ही स्वभाव में एक हैं,...