कहते हैं कि जब कोई व्यक्ति राजनीति से इतर किसी संवैधानकि पद पर पहुंच जाता है तो उसका सम्मान प्रत्येक व्यक्ति के लिए समान ही हो जाता है, लेकिन महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार अब इन संवैधानिक नियमों और मूल्यों की भी बलि चढ़ाने पर उतारू हो गई है जिसका हालिया उदाहरण प्रदेश के राज्यपाल का बैठने के बाद सरकारी विमान से नीचे उतारने का है। ये मामला इस बात का परिचायक है कि उद्धव सरकार अब बीजेपी के विरोध में संवैधानिक मूल्यों की धज्जियां उड़ाने पर ही उतारू हो चुकी है।
महाराष्ट्र में बीजेपी नेता रहे भगत सिंह कोश्यारी को राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वो राजनीतिक जीवन में अब ज्यादा एक्टिव भी नहीं हैं। इसके बावजूद महाराष्ट्र सरकार की कोश्यारी से आए दिन किसी-न-किसी मुद्दे पर ठन जाती है। इसका नतीजा एक शर्मनाक गतिरोध बनता है। वहीं अब ये गतिरोध अपने नए और बेहद ही आपत्तिजनक स्तर पर जा चुका है क्योंकि राज्य में उद्धव सरकार कोश्यारी की सुरक्षा से भी खिलवाड़ करने लगी है।
भगत सिंह कोश्यारी को उत्तराखंड की यात्रा पर जाना था, जिसके लिए राजभवन के अनुसार 9 दिन पहले ही राज्य की उद्धव सरकार को ये सूचना दी गई थी कि वो सरकारी विमान का इस्तेमाल करेंगे। इसके बाद जब वो अपनी यात्रा के लिए विमान में बैठ गए तो दस मिनट बाद ही उन्हें सरकार से अनुमति न मिलने का हवाला देकर नीचे उतार दिया गया। ये घटना कोई साधारण नहीं है क्योंकि इस वाकए से राज्यपाल के संवैधानिक पद का सरेआम अपमान किया गया है। कोश्यारी ने इस पूरे प्रकरण के बाद अपनी यात्रा नहीं रद्द की, बल्कि वो सार्वजनिक विमान का टिकट बुक करा उत्तराखंड के लिए रवाना हो गए।
अपनी रवानगी के साथ ही वो अपने पीछे उद्धव सरकार के लिए वो सवाल छोड़ गए जिनके किसी भी तरह के जवाब देना नाकाफी ही होंगे। इस मुद्दे पर राज्यपाल कार्यालय ने बयान जारी कर कहा, “यात्रा की तैयारी के लिए, राज्यपाल सचिवालय ने महाराष्ट्र सरकार को 2 फरवरी 2021 को पत्र लिखा था, जिसमें राज्यपाल द्वारा सरकारी विमान के उपयोग की अनुमति मांगी गई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय को भी सूचित किया गया था। आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जब मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचे और सरकारी विमान में सवार हुए, तो उन्हें सूचित किया गया कि उन्हें विमान के उपयोग की अनुमति नहीं मिली है। फिर तत्काल एक पैसेंजर विमान में उनके लिए टिकट बुक किया गया और वह देहरादून के लिए रवाना हो गए।”
इस मुद्दे पर बीजेपी ने शिवसेना समेत उद्धव ठाकरे सरकार की खूब आलोचना की है। बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने इस प्रकरण पर कहा, “यदि राज्यपाल के विमान को सरकार अनुमति देने से मना कर देती है तो यह यह मानहानिकारक है। लोकतंत्र के लिए यह सही नहीं है। अगर सरकार द्वारा ऐसा किया गया है, तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए।”
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एक तरफ इस मामले में बीजेपी शिवसेना को घेर रही है तो दूसरी ओर प्रदेश के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी ही नहीं है। उनसे जब सवाल पूछा गया तो बोले, “इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। मैं अभी मंत्रालय जा रहा हूं। मुझे इस बारे में जब अन्य कुछ जानकारी मिलेगी, तब इस मामले में टिप्पणी कर सकूंगा” साफ है कि इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे की सरकार कोई भी जवाब देने की स्थिति में नहीं है और ये उनके लिए एक बेहद ही शर्मनाक स्थिति है।
महाराष्ट्र सरकार अब राज्यपाल कोश्यारी के साथ हुए इस अपमानित वाकए पर बगले झांक रहे हैं लेकिन उनकी सरकार के कोश्यारी के साथ रिश्ते कितने कटु हैं वो सभी को पता है। कोश्यारी को शिवसेना राज्यपाल नहीं बल्कि एक बीजेपी नेता की तरह ही देख रही हैं जो कि संवैधानिक पदों की गरिमा के खिलाफ हैं और इसीलिए महाराष्ट्र सरकार कठघरे में आ गई है।