जनता के आक्रोश के सामने बड़े से बड़ा आक्रान्ता नहीं टिक पाया, और यही बात महाराष्ट्र के वर्तमान प्रशासन के लिए भी लागू होती है। जो उद्धव सरकार सत्ता के घमंड में सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर जैसे विभूतियों को भी कठघरे में घसीटने के लिए उतारू थी, उसे जनाक्रोश के चलते अपना विवादास्पद निर्णय वापिस लेना पड़ा है।
अभी हाल ही में मीडिया को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि उन्होंने रिहाना और अन्य विदेशी हस्तियों के विरुद्ध किए गए ट्वीट्स के मामले की जांच पूरी कर ली है। अनिल देशमुख के बयान के अनुसार,“इस मामले की जांच के दौरान बीजेपी आईटी सेल (BJP IT Cell Chief ) के प्रमुख और 12 अन्य लोगों (इंफ्ल्यूएन्सर्स) के नाम सामने आए हैं। इसके अलावा जो लोग यह दावा कर रहे हैं कि हम सचिन तेंदुलकर या लता मंगेशकर के विरुद्ध मुकदमा करेंगे, वे झूठ बोल रहे हैं क्योंकि उन्होंने मेरा बयान तोड़ मरोड़ के पेश किया है”
My statement was distorted. I said BJP's IT cell should be investigated,BJP's IT cell chief&names of 12 influencers have come out in probe:Maharashtra Home Min Anil Deshmukh on his earlier statement on probe in tweets of celebrities in response to int'l celebrities over farm laws pic.twitter.com/X4QU8GE9v2
— ANI (@ANI) February 15, 2021
लेकिन अनिल देशमुख ने आखिर ये बयान किस परिप्रेक्ष्य में दिया था? दरअसल रिहाना, मिया खलीफा सहित कुछ विदेशी ‘सेलेब्स’ द्वारा किसान आंदोलन के नाम पर अराजकतावादियों को बढ़ावा दिया जा रहा था। इसके विरुद्ध सचिन तेंदुलकर ,लता मंगेशकर ,अक्षय कुमार ,सुनील शेट्टी जैसे सेलिब्रिटीज ने ट्वीट किया गया था, जिसमें विदेशियों द्वारा किए गए ट्वीट को ध्यान न देने की बात के साथ-साथ भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने का भी जिक्र किया गया था।
इन सेलिब्रिटी के ट्वीट को लेकर कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने आपत्ति जताते हुए गृह मंत्री अनिल देशमुख से जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा था की इनके ट्वीट में काफी समानता है और पैटर्न भी एक तरह का ही है। जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने जांच के आदेश दिए थे।कांग्रेस ने अपनी शिकायत में कहा था,“रिहाना के ट्वीट के बाद (Sachin Tendulkar) सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर, विराट कोहली समेत बड़े सितारों ने जो ट्वीट किए हैं, उनमें कई शब्द कॉमन है जैसे अमिकेबल ( amicable) सुनील शेट्टी ने तो अपने ट्वीट में मुंबई बीजेपी नेता हितेश जैन को टैग किया था। वहीं सायना नेहवाल और अक्षय कुमार का ट्वीट एकदम सेम है। इन सभी ट्वीट की टाइमिंग और पैटर्न को देख कर लग रहा है कि बीजेपी सरकार के दबाव में इन सितारों ने ट्वीट किए होंगे”
इसी शिकायत को आधार बनाते हुए अनिल देशमुख ने जांच के आदेश दिए थे, जिसमें उनका इशारा स्पष्ट था – जो भी भारत के पक्ष में बोलेगा, उसे महाराष्ट्र की सरकार कठघरे में खड़ा करेगी, चाहे वो कोई भी हो। लेकिन जब यह बात जनता के समक्ष आई, तो उनका क्रोध सातवें आसमान पर पहुँच गया, और उन्हे जमकर उद्धव सरकार की हर प्रकार से आलोचना की। महाराष्ट्र में प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने जगह जगह प्रदर्शन किए और उद्धव पर सत्ता के नशे में अंधे होकर राष्ट्रभक्ति के विरुद्ध कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया।
अब जिस प्रकार से अनिल देशमुख ने गोलमोल बयान देकर अपने आप को बचाने का प्रयास किया है, उससे स्पष्ट होता है कि उन्हे भी पता चल गया है कि काँग्रेस के बेतुके दलीलों पर जांच करने की मांग स्वीकार कर उन्होंने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। लेकिन अब ऐसे बयान देने से कोई डैमेज कंट्रोल नहीं हो सकता, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार के दिन अब लद चुके हैं।