OTT प्लेटफॉर्म के कंटेंट को सुधारने के लिए लाए गए नियम को एक दिन भी नहीं हुआ कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कह दिया है कि फिल्ममेकर जानबूझ कर हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को वेब सीरीज तांडव के खिलाफ चल रही जांच में अमेजन प्राइम वीडियो की कंटेंट प्रमुख अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इस दौरान कोर्ट ने फिल्मकारों को हिंदुओं के सेंटीमेंट्स के साथ खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया। अदालत ने कहा कि “एक काल्पनिक शो करते हुए भी, यह “प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह दूसरे विश्वास के लोगों की भावनाओं का सम्मान करें।”
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की एकल न्यायाधीश की पीठ ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा, “यह तथ्य यह है कि आवेदक ने किसी ऐसे फिल्म की स्ट्रीमिंग की अनुमति देकर गैर जिम्मेदाराना काम किया है, जो कि बहुसंख्यक के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। उसके आचरण से साफ है कि वह कानून का सम्मान करना नहीं जानती। जो बहुसंख्यक समुदाय के मूल अधिकारों का सम्मान नहीं करते उन्हें अपने मूल अधिकारों के सुरक्षा की मांग करने का हक नहीं है इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है।”
हाई कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि “शो के काल्पनिक होने के बारे में डिस्क्लेमर देकर किसी आपत्तिजनक फिल्म की ऑनलाइन स्ट्रीमिंग की अनुमति देकर आप नहीं बच सकते।
आवेदक की तरफ से जब यह दलील दी गई कि कुछ सीन हटा लिए गए थे और माफी मांग ली गई थी तब इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि “सीरीज के प्रसारित होने के बाद कुछ सीन हटाने और माफी मांगने से अपराधी को अपराध मुक्त नहीं किया जा सकता।”
कोर्ट ने तो यहां तक कह दिया कि पश्चिमी फिल्म निर्माताओं ने यीशु या पैगंबर की खिल्ली उड़ाने से परहेज किया है, लेकिन हिंदी फिल्म निर्माताओं ने बार-बार हिंदू देवी देवताओं का मजाक उड़ाया है और यह अब भी अनायास ही किया जा रहा है।
हाई कोर्ट ने स्वामी विवेकानंद से लेकर आज तक के कई उदाहरण दिए और बताया कि कैसे हिंदू देवी देवताओं का लगातार मजाक उड़ाया गया है और अपमानित किया गया है। हाई कोर्ट ने कई फिल्मों के नाम भी लिए जिसमें हिंदू देवीदेवताओं के नाम को गंदे तरीके से पेश किया गया है। हाई कोर्ट ने कहा की, “एक तरफ, बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं को अपमानजनक तरीके से उनके देवी देवताओं को प्रदर्शित करने से चोट पहुंचाया गया है और दूसरी तरफ, उच्च जातियों और अनुसूचित जातियों के बीच की खाई को चौड़ा करने का प्रयास किया गया है।”
बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिंदू देवी-देवताओं के अपमानजनक चित्रण और सीरीज के माध्यम से धार्मिक द्वेष को बढ़ावा देने के लिए अमेजन के मुख्य कार्यकारी के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी। पूरे देश में अभी तक 10 से अधिक मामला दर्ज किया जा चुका है।
अपर्णा पुरोहित पर धारा 153- A (1) (B), 295- A, 505(1)(B), 505(2) समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिस तरह से तांडव की टीम को धोया है वह अन्य फिल्म और सीरीज बनाने वालों के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए कि बस और अपमान नहीं चलेगा। हालांकि, बॉलीवुड तो हिंदू विरोधी था ही लेकिन OTT आने के बाद से हिंदू देवी देवताओं का अपमान एक अलग स्तर पर पहुंच चुका था।जिस प्रकार से OTT पे रचनात्मकता के नाम पर अश्लील, हिन्दू विरोधी और कभी कभी भारत विरोधी कंटेन्ट तक बिना किसी रोक टोक के परोसा जाता रहा है, उसी का परिणाम है कि अली अब्बास ज़फ़र और गौरव सोलंकी जैसे लोग रचनात्मकता के नाम पर हिन्दू देवी देवताओं का पत्र निभा रहे अभिनेताओं के मुंह से भद्दी भद्दी गालियां निकलवाने, जातिवाद को बढ़ावा देने को उचित मानता है, जैसा कि तांडव में अभी दिखा था। अब OTT के लिए नियम और इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब इस तरह से कंटेंट पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।