भारत अपनी खुफिया शक्ति की बदौलत ISI और पाकिस्तानी सेना की हर नापाक चाल को नाकाम करता आ रहा है और इसी दिशा में एक अहम ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जैश ए मोहम्मद के एक आतंकी को पकड़ने में सफलता पाई। उससे पूछताछ में जांचकर्ता तब हक्के बक्के रह गए, जब पकड़े गए आतंकी ने अपनी स्वीकारोक्ति में बताया कि उसका प्रमुख निशाना कोई और नहीं बल्कि भारत के धाकड़ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल थे।
हाल ही में जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक प्रमुख संगठन जैश-ए-मुस्तफा के सरगना हिदायतुल्ला मलिक (Hidayatullah Malik) को पकड़ने में सफलता पाई। 6 फरवरी को जम्मू पुलिस और अनंतनाग पुलिस द्वारा चलाए गए एक ज्वाइंट ऑपरेशन में खूंखार आतंकी हिदायतुल्लाह मलिक को पकड़ा गया था तब उसके पास से हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए थे। हिदायतुल्ला मलिक के खिलाफ जम्मू के गंग्याल पुलिस स्टेशन में धारा 18 और 20 यूएपी अधिनियम के तहत एक केस दर्ज किया गया है, जिसका एफआईआर नंबर- 15/2021 है।
लेकिन पूछताछ में हिदायतुल्लाह की स्वीकारोक्ति ने सुरक्षाबलों के पैरों तले जमीन खिसका दी। एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ” कश्मीर के शोपियां का रहने वाला आतंकी हिदायतुल्लाह मलिक ने पूछताछ में बताया कि उसने दिल्ली आकर डोभाल के सरदार पटेल भवन स्थित ऑफिस और घर दोनों की रेकी की थी। यही नहीं आतंकी ने खुलासा भी किया है कि उसने बाकायदा सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ की तैनाती से जुड़ी अहम जानकारियां अपने पाकिस्तानी आका को भेजी थी।
ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि आतंकी हिदायतुल्लाह ने रेकी के दौरान अजीत डोभाल के घर और दफ्तर दोनों जगह की वीडियो भी बनाई थी, जिसे व्हाट्सअप के जरिए अपने पाकिस्तानी आका को भेजी थी। सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस आतंकी ने दिल्ली और जम्मू कश्मीर में कुछ महत्वपूर्ण रक्षा व्यवस्था की भी रेकी की थी”।
लेकिन अजीत डोभाल ने ऐसा भी क्या किया था जो पाकिस्तानी आतंकी उनके पीछे हाथ धोकर पड़े हुए थे? दरअसल, जब से उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की कमान संभाली है, तब से उन्होंने अन्य सुरक्षा सलाहकार की तुलना में काफी आक्रामक रुख अपनाया हुआ है। चाहे मणिपुर में आतंकी हमले के पश्चात म्यांमार के साथ मिलकर आतंकियों का सफाया करना हो, या फिर उरी हमले के पश्चात सेना जो सर्जिकल स्ट्राइक करने की छूट देना हो, आतंकियों के विरुद्ध मोर्चा खोलने में अजीत डोभाल ने कभी हिचकिचाहट नहीं दिखाई।
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट में आगे यह बताया गया कि उरी और बालाकोट में भारतीय स्ट्राइक के बाद से ही लगातार पाकिस्तानी आतंकी गुट अजीत डोभाल के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। आतंकी हिदायतुल्लाह मलिक ने बताया कि 24 मई 2019 को वो इंडिगो की एक फ्लाइट से दिल्ली पहुंचा था और बाकायदा एनएसए के घर और दफ्तर की रेकी की थी।
लेकिन मलिक के किस्से यहीं तक सीमित नहीं है। पुलवामा आतंकी हमले के दौरान भी मलिक ने रेकी की थी, तब उसने आतंकी समीर अहमद डार के साथ 2019 में गर्मी के समय सांबा सेक्टर सीमा क्षेत्र में रेकी की थी। अहमद डार वही है, जिसे 21 जनवरी, 2020 को पुलवामा आतंकी हमले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
ऐसे में हिदायतुल्लाह मलिक की स्वीकारोक्ति ना सिर्फ ये बताती है कि कैसे भारत की सरक्षा के लिए अहम लोग अब भी पाकिस्तानी आतंकियों के राडार पर हैं, और ये भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है – सतर्कता में कोई ढील न बरती जाये।