अमित शाह ने TMC के वरिष्ठों को ही ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कर दिया, दीदी को इसकी भनक तक नहीं लगी

बीजेपी

विधानसभा चुनवा से पहले पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर विपक्षियों के हमले बढ़ते जा रहे हैं ,जिसमें सबसे ज्यादा आक्रमक बीजेपी है जो कि ममता के साथ-साथ उनके भतीजे और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी को सीधा निशाने पर ले रही है। इन हमलों को देखकर ऐसा लग रहा है कि अभिषेक ममता दीदी के लिए सबसे कमजोर कड़ी बन गए हैं क्योंकि बीजेपी नेताओं के हमलों में अभिषेक मुख्य टारगेट हैं क्योंकि अभिषेक बनर्जी से जुड़े सवालों पर टीएमसी के शीर्ष स्तर के नेता काफी असहज हो जाते हैं और बीजेपी के हमलों पर होने वाली यही असहजता टीएमसी टूट की बड़ी वजह बन सकती है।

ममता दीदी की पार्टी टीएमसी को लेकर कहा जाता है कि अब उसमें ममता दीदी के बाद सबसे ज्यादा ताकत अभिषेक के पास ही है। वो पूरी पार्टी पर ऊपर से लेकर नीचे तक अपना नियंत्रण बरकरार रखे हुए हैं। ऐसे में ये माना जाने लगा है कि ममता दीदी के बाद टीएमसी में सीएम के तौर पर केवल अभिषेक बनर्जी ही होंगे, लेकिन इस बात से टीएमसी के आला नेता सरोकार नहीं रखते हैं। उनका मानना है कि टीएमसी में सभी को बराबर मौके दिए जाएंगे। टीएमसी के आला नेताओं के इन बयानों पर ही बीजेपी के चाणक्य और देश के गृहमंत्री अमित शाह की ‘मिशन टीएमसी में फूट’ की प्लानिंग शुरु होती है।

अमित शाह से लेकर बंगाल बीजेपी के चुनाव प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय तक अभिषेक बनर्जी को सीधे निशाने पर लेते रहें हैं। हाल ही में अपने एक बयान में शाह ने कहा था कि ममता दीदी केवल और केवल अपने भतीजे के हित में लगी हुईं हैं। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार जनता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है जबकि ममता दीदी की सरकार भतीजे का कल्याण करने में व्यस्त है। जिस तरह से बड़ी संख्या में टीएमसी, वामपंथी नेता और कांग्रेस के अच्छे नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं, आप (ममता) पार्टी में अकेली रह जाएंगी और आपके साथ कोई नहीं बचेगा।”  बीजेपी के कई नेता तो अब खुले आम कहने लगे हैं कि आने वाले समय में अभिषेक बनर्जी ही पार्टी के प्रमुख होने के साथ ही  सीएम पद के उम्मीदवार होंगे।

अभिषेक बनर्जी के सीएम बनने से लेकर पार्टी प्रमुख बनने के दावों पर टीएमसी के सभी आला नेता असहज हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही एक बार फिर हुआ है। सौगत रॉय ने इस मुद्दे पर बीजेपी द्वारा भ्रम फैलाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, सभी जानते हैं कि ममता बनर्जी तीसरी बार हमारी मुख्यमंत्री बनेंगी। अमित शाह ऐसा दावा कैसे कर सकते हैं? अभिषेक को भविष्य में मुख्यमंत्री बनाने के लिए पार्टी में कोई बात नहीं हुई है। ये दावे केवल भ्रम पैदा करने के मकसद से किए जा रहे हैं।

सौगत रॉय तो मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे लेकिन असल बात ये भी है कि वो इस बात को अब समझने लगे हैं कि अभिषेक बनर्जी के रहते टीएमसी मे वो और उनके जैसे पार्टी के अन्य नेता  राज्य की सत्ता में कुछ नहीं हासिल कर पाएंगे। बीजेपी ने उनके जैसे महात्वकाक्षी नेताओं को असहज करने के लिए ही अभिषेक बनर्जी को सॉफ्ट टारगेट चुना है। शुभेंदु अधिकारी से लेकर राजीव बनर्जी के स्तर के सभी नेता टीएमसी छोड़ने के साथ ही अभिषेक बनर्जी पर निशाना साध चुके हैं। कुछ ऐसे ही अन्य नेता अभी भी हैं जो पार्टी में अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वो भी जानते हैं कि अभिषेक बनर्जी के रहते उनका कद नहीं बढ़ सकता है।

टीएमसी के असहज नेताओं की स्थिति और मनोदशा बीजेपी समझ चुकी है और अमित शाह अब इन्हीं लोगों को टारगेट कर रहे हैं जो कि अभिषेक बनर्जी के जरिए टीएमसी के अंदर फूट अपने आप फूट पड़ जाएगी। सौगत रॉय का इस मुद्दे पर बयान देना दिखाता है कि वो खुद अब इस मुद्दे पर पार्टी में बगावत कर सकते हैं जो कि अमित शाह की  चाणक्य नीति की जीत मानी जाएगी।

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