हाल ही में एक अहम कदम उठाते हुए यूके की एक अदालत ने अपराधी नीरव मोदी की याचिका खारिज करते हुए उसका भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया। जहां एक और भारतीय प्रशासन के निरंतर प्रयासों की कई लोग सराहना कर रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस की आलोचना भी कर रहे हैं। लेकिन ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को रोकने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाया था। लेकिन यह नीरव मोदी है कौन, और इसे बचाने के लिए कांग्रेस इतना क्यों लालायित थी?
नीरव मोदी हीरा व्यापारी थे, जिसने अपने मामा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर लगभग 14000 करोड़ रुपए का घोटाला किया था, जिसका सर्वाधिक नुकसान इन दोनों को कर्जा प्रदान करने वाले पंजाब नेशनल बैंक को हुआ। इसी के चलते दोनों विदेश भाग गए। जहां नीरव मोदी लंदन में छुपा हुआ था, तो वहीं मेहुल ने एंटिगा में शरण ली।
तो इन दोनों का कांग्रेस से क्या लेना देना? दरअसल, हाल ही में ये सामने आया है कि इन दोनों का बचाव करने के लिए पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू और अभय थिप्से नियुक्त हुए थे, और दोनों ही अनाधिकारिक तौर पर कांग्रेस की ओर से पैरवी कर रहे थे, जिसके पीछे यूके के कोर्ट ने इन दोनों की काफी आलोचना भी की।
यह वही कांग्रेस है जो नीरव मोदी के पीछे मोदी सरकार को कोसने का एक भी अवसर हाथ से नहीं जाने देती है। तो फिर नीरव मोदी के लिए अचानक से इतना प्यार कहां से उमड़ आया? वजह स्पष्ट है : नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के साथ कांग्रेस के संबंध।
जून 2020 में TFI Post ने एक रिपोर्ट की थी, जिसमें बताया गया था कि कैसे राजीव गांधी फाउंडेशन को दान देने वालों में पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले में नामजद मेहुल चोकसी का नाम भी सामने आया है। टाइम्स नाउ की रिपोर्ट में ये सामने आया था कि जिसमें 2014 -15 के बीच राजीव गांधी फाउंडेशन को Naviraj Estates Private Limited ने काफी डोनेशन दिये थे। दिलचस्प बात यह है कि इस Naviraj कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में मेहुल चोकसी भी शामिल है, और राजीव गांधी फाउंडेशन ने ये भी नहीं बताया है कि उक्त कंपनी ने कितना धनराशि राजीव गांधी फाउंडेशन को दान में दिया था :
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अब कांग्रेस को भय है कि कहीं नीरव मोदी कांग्रेस के साथ किए गए सांठगांठ की पोल न खुल जाए। इसीलिए उन्होंने दो “निष्पक्ष न्यायाधीशों” को भेजा ताकि नीरव मोदी पाक साफ बच जाए, लेकिन अब नीरव मोदी की भारत वापसी तय है, और इसके साथ ही कांग्रेस की शामत आनी भी तय है।