दुनियाभर में Big Tech और लोकतान्त्रिक सरकारों के बीच जारी विवाद के बीच ट्विटर को कुछ देशों में भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। अमेरिका में Capitol Hill हिंसा और भारत में लाल किला हिंसा के बाद से दोनों देशों में ट्विटर विवादों के बीच घिरा है। ऐसे में अब ट्विटर के CEO Jack Dorsey ने स्वीकार किया है कि ट्विटर पर से लोगों का विश्वास तेजी से उठता जा रहा है, क्योंकि ट्विटर पारदर्शिता के मामले में लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है।
Dorsey के हालिया बयान के मुताबिक “हम मानते हैं कि कई लोग हम पर विश्वास नहीं करते हैं। और हम अकेले नहीं हैं। हर संस्था को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। आगे उन्होंने कहा “हम पारदर्शिता के मामले में पिछड़ते जा रहे हैं और लोगों को ज़्यादा विकल्प और नियंत्रण देने में नाकाम साबित हो रहे हैं।”
Dorsey का यह बयान तब आया है जब भारत ने कुछ ही दिनों पहले Social और Digital Media पर अवैध और उकसाऊ कंटेन्ट को नियंत्रित करने के लिए नए दिशा निर्देशों को जारी किया है। भारत में लाल किला हिंसा के बाद जब सरकार ने ट्विटर से कुछ ट्विटर accounts को ब्लॉक करने को कहा था तब ट्विटर ने सरकार के इस फैसले का विरोध जताते हुए कुछ ही समय बाद उन सभी accounts को restore कर दिया था। हालांकि, बाद में सरकार के सख्त रुख के बाद ट्विटर को दोबारा अपना फैसला पलटना पड़ा था। इसी प्रकार अमेरिका में Capitol Hill हिंसा के बाद ट्विटर का भयावह रूप देखने को मिला था।
Twitter ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के account को ना सिर्फ प्रतिबंधित कर दिया था, बल्कि उनका समर्थन करने वाले कई accounts पर भी कारवाई कर दी गयी थी। अमेरिका में ट्रम्प समर्थकों और भारत में मोदी समर्थकों के बीच ट्विटर ने जिस प्रकार तेजी से लोकप्रियता खोई है और इसके कारण जिस प्रकार Koo App जैसे विकल्पों पर ज़ोर दिया जा रहा है, उसने अब Dorsey को आत्मचिंतन करने पर मजबूर कर दिया है।
Twitter CEO अगर पारदर्शिता, जवाबदेही और विश्वसनीयता जैसे मुद्दों पर चर्चा करने पर मजबूर हुए हैं, तो उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ भारत और अमेरिका में उसे मिला बड़ा झटका ही है। भारत सरकार के IT मंत्रालय ने Social Media के लिए हाल ही में नए नियमों को जारी किया है। इन नियमों के बाद अब ट्विटर के लिए किसी भी पोस्ट के “originator” को ट्रैक करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही ट्विटर को भारत में यूजर्स की समस्याओं के जल्द से जल्द समाधान के लिए शिकायत निवारण तंत्र को स्थापित करना होगा।
ट्विटर के CEO Dorsey ने पहले खुद इस बात को स्वीकारा है कि उनकी कंपनी में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी एक खास विचारधारा का पालन करते हैं। CNN को दिये एक इंटरव्यू में Jack ने कहा था कि अधिकतर कर्मचारी वामपंथी विचारधारा को मानने वाले हैं। उसके बाद जिस प्रकार भारत में ट्विटर और सरकार के बीच तल्खी देखने को मिली है, उसने ट्विटर के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा की है और दुनियाभर में ट्विटर की विश्वसनीयता को झटका लगा है।
ट्विटर ने जिस प्रकार भारत में सरकार के खिलाफ जाने का फैसला लिया और जिस प्रकार ट्विटर ने अमेरिका में एक राष्ट्रपति तक के account को ब्लॉक कर दिया, उसने Big Tech की असल शक्ति को दुनिया के सामने ला दिया है और अब यही कारण है कि ट्विटर को कई देशों में भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। यही कारण है कि अब Dorsey को पारदर्शिता और जवाबदेही जैसे सिद्धांतों की याद आई है।