समय बदल रहा है, और इसके साथ ही लोगों की सोच में भी व्यापक बदलाव आ रहा है। देश की जनता अब किसी भी अपमानजनक वस्तु को आधुनिकता के नाम पर न केवल अस्वीकार कर रही है, बल्कि उसका खुलकर विरोध भी कर रही हैी, खासकर जब वो हिन्दू विरोधी हो। ऐसा ही एक उदाहरण कर्नाटक में देखने को मिला, जहां एक फिल्म में ब्राह्मण विरोधी दृश्यों से गुस्साए कन्नड़ ब्राह्मणों ने निर्माताओं को फिल्म से आपत्तिजनक दृश्यों को हटवाने पर विवश कर दिया है।
अब विवाद किस बात पर है? दरअसल, कन्नड़ अभिनेता ध्रुव सर्जा अभिनीत ‘पोगारू’ फिल्म हाल ही में सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई है, और ये फिल्म कुछ आपत्तिजनक दृश्यों के कारण विवादों के घेरे में आई है। ‘पोगारू’ फिल्म में हीरो ब्राह्मण समुदाय के बारे में कुछ आपत्तिजनक बातें कह रहा है, और एक जनेऊधारी ब्राह्मण के कंधे पर अपना पैर रखकर ‘शक्ति प्रदर्शन’ कर रहा है।
इस बात पर प्रकाश डालने के लिए यूट्यूबर चीरू भट को ध्रुव सर्ज के प्रशंसकों से मौत की धमकियां भी मिलने लगी। लेकिन मामला यहीं पर नहीं रुका। ब्राह्मणों के खुलेआम अपमान से क्रोधित कन्नड़ ब्राह्मण इस फिल्म के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसी बीच इस फिल्म के निर्देशक नन्द किशोर ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा,
“हमारी ओर से अनजाने में भूल हुई है। मैं सहृदय ब्राह्मण समुदाय से क्षमा याचना करता है। हमारा किसी भी समुदाय को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। जिन दृश्यों पर आपत्ति है, उन्हें तत्काल प्रभाव से हम हटाएंगे। इसे हम ऐसे एडिट करेंगे कि दर्शकों को अंतर ही नहीं पता चलेगा, और इससे फिल्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मैं अपने चार वर्ष की मेहनत को ऐसे ही जाया नहीं जाने दूंगा”।
‘पोगारु’ के निर्देशक का स्पष्टीकरण न केवल ब्राह्मण समुदाय की अहम जीत है, बल्कि इससे यह भी सिद्ध होता है कि अब सनातन संस्कृति के किसी भी अंग या किसी भी समुदाय का अपमान करके आप यूं ही बचकर नहीं निकल सकते। चाहे बॉलीवुड हो या कोई भी अन्य फिल्म उद्योग, सनातन संस्कृति को अपमानित करना मानो फैशन बन चुका था।
लेकिन पिछले दो वर्षों से लोगों ने सनातन संस्कृति के अपमान को सहन करना बंद कर दिया है। इसका सबसे प्रत्यक्ष उदाहरण अभी हाल ही में हमें ‘तांडव’ वेब सीरीज के प्रदर्शन से देखने को मिला था, जहां वामपंथ का महिमामंडन करने के नाम पर सनातन धर्म और उसके अनुयाइयों को खुलेआम अपमानित किया गया।
लेकिन लोगों ने इसे स्वीकारने के बजाए इसका जमकर विरोध किया, जिसके कारण उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और यहां तक कि महाराष्ट्र को भी इस वेब सीरीज के निर्माताओं के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई करने पर विवश होना पड़ा। यही नहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भी इस सीरीज के चलते अपने नियमावली में बदलाव लाना पडा़, और इस वेब सीरीज के निर्माताओं को कुछ अपमानजनक सीन भी हटाने पड़े।
ऐसे में ‘पोगारू’ के निर्माताओं को जिस प्रकार से कन्नड़ ब्राह्मणों ने आपत्तिजनक सीन हटाने पर विवश किया है, उससे स्पष्ट संदेश जाता है कि अब आधुनिकता के नाम पर सनातन संस्कृति के अपमान को सहन करना बंद कर दिया गया है, ऐसे में अब सनातन संस्कृति पर कीचड़ उछालने वाले आसानी से नहीं बच सकते ।