एक कहावत है ‘निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय’ जो कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बेहद ही फिट बैठती है, क्योंकि उनके अपने ही लोग अब दूर जाकर उनकी आलोचना करने लगे हैं। उनके पूर्व मंत्री उपेन बिस्वास अब अपनी प्रकाशित होने वाली किताब के जरिए विधानसभा चुनावों से पहले घोटालों को लेकर बड़े खुलासा कर रहें हैं। उन्होंने अपनी किताब में ममता के शासन काल के दौरान हुए शारदा घोटाले में ममता की भूमिका को लेकर बड़े दावे किए हैं, जो ममता दीदी को चुनाव के ठीक पहले काफी भारी पड़ने वाले हैं।
ममता बनर्जी के लिए ये विधानसभा चुनाव अपने सियासी जीवन का सबसे बड़ा और चुनौतीपूर्ण चुनाव होने वाला है क्योंकि ममता के करीबी और खास लोग उनका साथ छोड़ रहे हैं और बीजेपी के साथ जा रहे हैं। ऐसे में ये लोग ममता के घोटालों की पोल भी खोल रहे हैं जो कि जनता के बीच जाने से पहले ही ममता दीदी के लिए मुसीबत खड़ी करने वाली स्थिति को पैदा कर रहा है। इसी कड़ी में ममता के पूर्व कैबिनेट मंत्री उपेन बिस्वास ने ममता के कार्यकाल के सबसे बड़े शारदा घोटाले को लेकर अपनी लिखी पुस्तक में कुछ बड़े खुलासे किए हैं।
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उपेन विश्वास ने अपनी किताब ‘धम्म अधम्म’ में ममता के घोटालों का सारा काला चिट्ठा खोल दिया है। उन्होंने लिखा, “पोंजी स्कैम एक ‘बड़ी धोखाधड़ी थी जिसने भारत के अन्य सभी घोटालों को पीछे छोड़ दिया है।” उन्होंने शारदा घोटाले में ममता के कई मंत्रियों और विधायकों के शामिल होने की बात कही है। उन्होंने कहा, “सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा और तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े जांच एजेंसी के विवाद को भी उन्होंने इसमें शामिल किया है।”
बिस्वास ने अपनी किताब में शारदा घोटाले को लेकर एक चैप्टर ही लिख डाला है। उन्होंने लिखा, “यह बहुत बड़ी धोखाधड़ी थी जिसने भारत के अन्य सभी घोटालों को पीछे छोड़ दिया। यहां पर, प्रभावशाली लोगों और गरीब सुदीप्त सेन द्वारा वामपंथियों और दक्षिणपंथियों को लूटने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई।” सरादा घोटाले को लेकर उपेन बिस्वास ने ये सारे जिक्र क्यों किए ये भी अपने आप में एक सवाल है जिसका जवाब उन्होंने ही दिया है।
उन्होंने शारदा घोटाले के चैप्टर को लेकर कारण दिया है कि, “मैंने अपनी किताब में शारदा पर इसलिए फोकस किया क्योंकि वाम मोर्चा के एक पूर्व मंत्री ने अपने राजनीतिक भाषणों में कई बार मेरे नाम का जिक्र किया, जो मामला बाद में अदालत भी पहुंच गया। पूर्व मंत्री ने कहा था कि उपेन बिस्वास को छोड़कर तृणमूल के सभी विधायकों ने चुनावी खर्च के तौर पर मुकुल रॉय के माध्यम से सुदीप्त सेन से 25 लाख रुपये लिए थे। इस बयान पर रॉय ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया और मामला अदालत पहुंच गया। इस पर हर सुनवाई के दौरान मेरे नाम का उल्लेख किया गया।”
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साफ है कि उपेन बिस्वास ने अपनी सफाई के लिए किताब में शारदा घोटाले का उल्लेख किया लेकिन उनके इस कार्य से ममता की मुश्किलें बढ़ गईं हैं क्योंकि चुनावों से ठीक पहले ममता दीदी के घोटाले के राज जनता के सामने आ गए हैं। घोटाले के कई आरोप ममता और उनकी सरकार पर पहले से ही हैं ऐसे में शारदा घोटाले का उल्लेख चुनावों के ठीक पहले होना ममता दीदी के लिए अब तक का सबसे बड़ा चुनावी झटका होगा क्योंकि इसकी बारीकियों को उनके ही करीबी मंत्री ने उपेन बिस्वास ने सार्वजनिक किया है।