कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री HD कुमारस्वामी आज-कल किसी-न-किसी बात पर धारावाहिक की बहू की तरह रोने लगते है क्योंकि उन्हें भारतीय राजनीति ने अब हताशा की कगार पर पहुंचा दिया है। कुछ ऐसा ही एक बार फिर हुआ है क्योंकि अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के विशाल मंदिर के लिए RSS, बजरंग दल जैसे संगठन धन इकट्ठा कर रहे हैं लेकिन ये बात हिंदुओं से घृणा करने वाले वामपंथियों को तनिक भी हजम नहीं हो रही है। क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि जिसने उस मुद्दे का जीवन भर विरोध किया हो उसी से राम मंदिर के लिए चंदा मांगा जाए। ऐसे में कुमारस्वामी ने एक बेहद ही गंभीर और हास्यास्पद आरोप लगाया है।
राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदे को लेकर काफी विवाद उठे हैं लेकिन ये कार्यक्रम जारी है। ऐसे में विरोध के इस यज्ञ में कर्नाटक के पूर्व सीएम और JDS नेता H.D कुमारस्वामी भी अपनी नफरत की आहुति देने उतर आए हैं। उन्होंने कहा,“राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के कार्यकर्ता कर्नाटक में राम मंदिर के नाम पर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं, लेकिन जो पैसा नहीं दे रहा है उसका नाम लिख रहे हैं। ऐसे में मुझे पता नहीं वो लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं, नाजियों ने जो जर्मनी में किया था, वैसा ही RSS यहां पर कर रहा है।”
I don’t know where these developments, which are being witnessed in India, take us finally.
— ಹೆಚ್.ಡಿ.ಕುಮಾರಸ್ವಾಮಿ | H.D.Kumaraswamy (@hd_kumaraswamy) February 15, 2021
कुमारस्वामी ने इस मुद्दे पर RSS की तुलना नाजी और हिटलर के संगठन से की है, जो यहूदियों के साथ आपत्तिजनक सलूक करते थे। उन्होंने कहा, “मुझे ऐसी सूचना मिली है कि राम मंदिर के नाम पर चंदा जमा करने वाले लोग उन घरों की मार्किंग कर रहे हैं जो चंदा नहीं दे रहे हैं, चंदा देने वाले और नहीं देने वालों को चिन्हित किया जा रहा है। हिटलर शासनकाल में नाजियों ने यहूदियों के साथ ऐसा किया था बाद में लाखों की तादात में यहूदियों का नरसंहार कर दिया गया था।”
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कुमारस्वामी ने RSS को जर्मनी की नाज़ी पार्टी की स्थापना से जोड़ दिया। उनका कहना है कि कहीं-न-कहीं ये दोनों एक ही हैं। उन्होंने कहा, “आरएसएस का जन्म उसी समय हुआ जब जर्मनी में नाजी पार्टी की स्थापना हुई। देश में अघोषित आपातकाल है, क्योंकि, लोग कहा कि लोग खुलकर अपने विचार व्यक्त नहीं कर सकते हैं।” पता नहीं कुमारस्वामी कौन से आपातकाल की बात कर रहे हैं? अगर ऐसा होता तो शायद इतने आपत्तिजनक बयानों के बाद अब तक वो अपने परिजनों समेत जेल में ठूंस दिए गए होते, खैर आपातकाल का उल्लेख करना तो उनकी राजनीतिक मजबूरी ही है।
जर्मनी में नाजियों ने शिविरों में रह रहे यहूदियों को पीले कपड़े से चिन्हित किया था और बाद में उन्हें नरसंहार में मार डाला था। कुमारास्वामी अब वही डर भारत में बांटने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। इन्हें बैंगलोर के दंगों के विषय में बोलते नहीं सुना गया, इस्लामिक कट्टरता के कारण रिंकू शर्मा की हत्या के मुद्दे पर H.D कुमारास्वामी के मुंह से कुछ नहीं निकला लेकिन राम मंदिर के मुद्दे पर ये अपनी संकुचित सोच को लोगो के सामने ला गए हैं जो इनका दोगलापन प्रदर्शित करती है।