बजाज ऑटो के एमडी और कांग्रेस के बेहद करीबी माने जाने वाले व्यवसायी राजीव बजाज ने एक बार फिर से अपने मोदी विरोध को जताने में भारत के ऊपर ही ऊँगली उठा दी है। कोरोनो वायरस के कारण लगाये गए लॉकडाउन की आलोचना करने वाले राजीव बजाज ने एनडीटीवी के पत्रकार श्रीनिवास जैन के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान भारत विरोधी टिप्पणी की और देश के लोगों को ही गंवार घोषित कर दिया।
NDTV के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने जम कर सरकार के खिलाफ जहर उगला। उन्होंने भारत में बने Covid-19 के वैक्सीन से लेकर हाल ही में केंद्रीय बजट 2021 और उनकी कंपनी बजाज ऑटो द्वारा घोषित रिकॉर्ड के लाभ जैसे विषयों पर अपने विचार को रखा। कांग्रेस के विश्वासपात्र माने जाने वाले राजीव बजाज ने केंद्र सरकार की इतनी आलोचना की कि कोई सास भी अपने बहु की नहीं करती है।
#NDTVExclusive | “There was no need for the government to completely lock up such a young and relatively healthy country. They should’ve adopted a more calibrated and customised approach,” says Rajiv Bajaj, MD, Bajaj Auto to NDTV's Sreenivasan Jain on #ExecutiveDecision pic.twitter.com/oUdtAnNEct
— NDTV (@ndtv) February 5, 2021
कई बार भारत विरोधी ब्रिगेड के सदस्य के रूप में सामने आने वाले राजीव ने दावा किया कि “भारत में अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में लोग अनपढ़, अज्ञानी और अनुशासनहीन हैं।”
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वह भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोना के कारण लगाये गए लॉकडाउन के प्रभाव पर अपनी महत्वपूर्ण राय पर पुनर्विचार करना चाहते हैं, तब बजाज ऑटो एमडी ने अपनी विकृत विचारों को दोहराते हुए कहा कि सरकार कोरोनोवायरस संकट से निपटने में अक्षम थी और परिणामस्वरूप देश में आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ा।
यह हैरानी भरा उत्तर था क्योंकि उन्होंने ही दावा किया कि उनकी कंपनी के रिकॉर्ड लाभ कमाई है, बावजूद इसके उनका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था खराब स्थिति में है।
बजाज ने कहा,“सरकार को ऐसे युवा और अपेक्षाकृत स्वस्थ देश को पूरी तरह से बंद करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उन्हें अधिक अंशांकित और अनुकूलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।”
अब यहाँ यह सोचने वाली बात है क्योंकि यह लॉकडाउन ही था जिसने देश में कोरोना को अचानक से फैलने से रोका जिसका फायदा यह हुआ कि भारत धीरे-धीरे कोरोना की बढ़ती संख्या से निपटने में कामयाब रहा।
#NDTVExclusive | “Adar Poonawalla is a friend and I admire him for what he is doing.. but between being for or against the vaccine, a middle path – do the risks outweigh the benefits? For someone like me, I believe they do,” says Rajiv Bajaj, MD, Bajaj Auto#ExecutiveDecision pic.twitter.com/Kq4EYf8cq4
— NDTV (@ndtv) February 5, 2021
बता दें कि राजीव बजाज ने पहले एक साक्षात्कार में महामारी को नियंत्रित करने के लिए भारत में लगाए गए लॉकडाउन को “ड्रैकोनियन” उपाय के रूप में कहा था जो अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता था। बजाज के अनुसार, कोरोनावायरस लॉकडाउन वायरस को रोकने में सफल नहीं हुआ था।
इस बयान एक हफ्ते बाद ही बजाज यह दावा किया था कि लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा, उनकी कंपनी ने उच्चतम मासिक बिक्री दर्ज की थी।
साक्षात्कार के दौरान, राजीव बजाज ने भारत में विकसित COVID-19 वैक्सीन पर भी तंज कसा जिस पर हर भारतीय को गर्व है तथा भारत जो कई देशों को वैक्सीन निर्यात कर रहा है।
उन्होंने यह स्वीकार किया कि उनके लिए भारतीय वैक्सीन में लाभों से कहीं अधिक रिस्क हैं। उन्होंने कहा कि,“वैक्सीन के पक्ष में होने या इसके खिलाफ होने के बीच, मेरा मानना है कि यहां एक मध्य मार्ग है जहां आप खुद से पूछते हैं, क्या इसके जोखिम इसके फायदों से अधिक हैं? मेरे जैसे किसी व्यक्ति के लिए, मुझे मुझे लगता है जोखिम अधिक हैं।”
यानि राजीव बजाज का स्पष्ट कहना था कि भारतीय टीके सुरक्षित नहीं हैं क्योंकि इसे जल्दबाजी में’लाया गया है। यह भारत और भारत के उन डॉक्टरों और वज्ञानिकों की बेइज्जती नहीं है तो क्या है? यह बयान हतोत्साहित करने वाला है?
बजाज का दावा है कि टीका लगाने के बजाय वह रोगजनक से संक्रमित हो जाना पसंद करेंगे, क्योंकि यह केवल शरीर के तापमान में वृद्धि और शरीर के दर्द जैसे कुछ अन्य हल्के लक्षणों देता है।
जब व्यक्ति प्रोपेगेंडा के लिए काम करने लगता है तो उसके लिए सत्य धुंधला हो जाता है। जिस तरह से बिजनेसमैन राजीव बजाज बयान देते हैं उससे यह स्पष्ट हो जता है। एक तरफ कांग्रेस से सम्बन्धों के लिए मशहूर बजाज ने अक्टूबर २०२० में भारत की ऑटोमोबाइल सेल में 30 प्रतिशत घाटे का अनुमान लगाया था लेकिन अगले ही महीने उनकी कंपनी ने ही उनकी पोल खोलते हुए बताया कि वाहनों की कुल बिक्री में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।यह किसी से छुपा नहीं है कि राजीव बजाज अब बिजनेस की बातें कम और राजनीतिक बातें अधिक करते हैं जिससे उन्हें कांग्रेस का गुणगान करने और मोदी सरकार की बुराई करने का मौका मिले।
उदारीकरण का विरोध करने वाले इस बिजनेस परिवार का लाइसेन्स कांग्रेस राज के समय में अपने-अपने बिजनेस क्षेत्र में सम्पूर्ण एकाधिकार था,और वे बेहिसाब लाभ कमाते थे। ये कंपनियां एकाधिकार के नशे में ऐसे चूर थी कि दोयम दर्जे के उत्पाद तक बाज़ार में उतारने को तैयार थीं, क्योंकि उन्हें अच्छी तरह से मालूम था कि उनके इस वर्चस्व को चुनौती देने वाला कोई नहीं है।
दशकों से भारतीयों को Substandard स्कूटर बेचने वाले बजाज ग्रुप ने उस दौरान पीवी नरसिम्हा राव सरकार पर भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप भी लगाया था। आज जब मोदी सरकार एक के बाद एक सुधार लागू करके समाजवादी स्तंभों को ध्वस्त कर रहे हैं, तो ये लोग खुश नहीं हैं। ऐसे में जब भी इन्हें मौका मिलता है ये मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हैं। परंतु इसी प्रयास में ये अपनी भद्द भी पिटवाते हैं।