भारत सरकार को अब जरूरत नहीं WhatsApp को बर्बाद करने की, अब Zuckerberg का App ये काम खुद कर रहा है

इसे कहते हैं अपने लिए गड्ढा खोदना!

WhatsApp

किसी गलती को एक बार करने के बाद उसे दोहराने की हिम्मत दिखाना किसी भी व्यक्ति या संगठन को विश्व में कहीं भी महंगा पड़ सकता है, लेकिन अगर बात भारतीयों की हो, तो वो तो ऐसे कई षठ विचार वालों को सटीक सबक सिखा चुके हैं, जिसमें एक नाम अब Facebook के स्वामित्व वाली इंस्टेंट मैसेजिंग मोबाइल एप्लिकेशन WhatsApp का भी जुड़ जाएगा। इसकी वजह एप्लिकेशन की प्राइवेसी पॉलिसी है। इससे पहले भी भारत में इस मुद्दे पर WhatsApp ने मुंह की खाई है, इसके बावजूद वो इन्हें लागू करने की जिद पर अड़ा है। अब इन परिस्थितियों में भारतीय यूजर्स कंपनी को तगड़ा झटका दे सकते हैं।

WhatsApp ने पहले भी प्राइवेसी पॉलिसी के बदलाव को लेकर भारतीय यूजर्स को एक नोटिफिकेशन दी थी जिसके लिए उसे आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था। इस प्राइवेसी पॉलिसी के तहत यूजर्स का फोन नंबर, बैंकिंग ट्रांजैक्शन डेटा, सर्विस-रिलेटेड इन्‍फॉर्मेशन, दूसरों से सभी तरह के तरह इंटरेक्टशन की डिटेल्स, मोबाइल डिवाइस इन्‍फॉर्मेशन, आईपी एड्रेस, WhatsApp सर्विस और डेटा की प्रोसेसिंग तक की जानकारी WhatsApp अपने पास रखेगा। नतीजा ये हुआ कि WhatsApp की फजीहत शुरू हो गई। इसके बावजूद भारत में अब WhatsApp 15 मई से इन सभी पॉलिसियों को लागू करने की बात कर रहा है।

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खबरों के मुताबिक अब 15 मई के बाद कंपनी ये फिर से वो पॉलिसी लागू कर देगी और जो इनसे सहमति नही रखेगा उसका अकाउंट 120 दिनों के बाद स्वतः ही डिलीट हो जाएगा। ऐसे में कंपनी की तरफ से कहा गया कि ये सबकुछ केवल WhatsApp के बिजनस अकाउंट्स के लिए ही होगा, और निजी अकाउंट पर इस पॉलिसी से कोई असर नहीं पड़ेगा। WhatsApp तो अब अपनी इस नीति को लागू करने को लेकर आश्वस्त है, लेकिन उसे भारतीयों के आक्रोश का शायद अंदाज़ा नहीं है।

इससे पहले जब WhatsApp ने प्राइवसी पॉलिसी बदलने की बात कही थी, तो उसके डाउनलोड्स में  ऐतिहासिक गिरावट आई थी। भारतीय लोग सिग्नल, टेलीग्राम, हाइक जैसे प्लेटफार्म डाउनलोड करने लगे थे। स्थिति ये हो गई थी कि भारत के एक बड़े वर्ग ने WhatsApp अकाउंट को खुद ही डिलीट कर दिया था। इसके बाद भारत सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक WhatsApp को लेकर सख्त बयान देने लगा था। ऐसे में WhatsApp ने अपनी नीति बदली थी।

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WhatsApp का कहना था कि वो ये नई नीतियां सिर्फ बिजनेस अकाउंट्स के लिए ही लाया है। इसके लिए कंपनी ने लोगों के स्टेट्स वाले सेक्शन में नोटिफिकेशन भी भेजी थी। कंपनी का कहना था कि वो भारतीयों को पहले इस नई नीति के बारे में अब बताएगी, फिर लागू करेंगी। WhatsApp ने इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर खूब प्रचार किया। देश के लगभग-लगभग सभी अखबारों से लेकर टीवी चैनलों में विज्ञापन और सड़कों पर बिल बोर्ड्स के जरिए लोगों को समझाने की कोशिश की कि नई नीतियों से निजी अकाउंट्स को कोई असर नहीं पड़ेगा, साथ ही अब कंपनी ने नई तारीख 15 मई दी है। जैसे-जैसे तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे भारत में कंपनी फिर से अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी का उल्लेख करने लगी है। एक बार के रवैए के बाद कंपनी दोबारा उसी नीति पर चल रही है। ऐसे में इस बार भारतीय सरकार के पहले यहां की जनता ही कंपनी को सबक सिखा देगी क्योंकि अब तो सरकार ने देसी ‘संदेस’ एप्लिकेशन भी शुरू कर दिया है, और ये WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी की जिद उसके लिए सर्वनाश होने का काम करेगी।

 

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